एक साथ बेहतरनमूना
चेले बनाने के लिए मित्र बनाएं
हर व्यक्ति एक सच्चे मित्र — न केवल जान पहचान रखने वाले बल्कि ऐसे लोग जो कड़ी से कड़ी आवश्यकता के समय में भी आपका साथ नहीं छोड़ते — की खोज में है। परमेश्वर चाहते हैं कि जो लोग आपके जीवन में हैं, उन के साथ सच्ची मैत्रियां निर्मित करने के द्वारा आप उनके साथ सुसमाचार बांटें। परमेश्वर ने इन लोगों — आपके सहकर्मी, सहपाठी, पड़ोसी व सहयोगी — को विशेष रूप से आप के जीवन में इसलिए रखा है ताकि आप उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण निर्णय के विषय में उन्हें बता सकें। यीशु ने जो पापियों लिए किया है उस विषय में यदि आप उन्हें नहीं बताएंगे तो और कौन बताएगा?
रोमियो 12:16 में बाइबल कहती है, “आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो, परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो।”
मसीही लोग इन दो चरमसीमाओं में से किसी एक की ओर झुकाव रखते हैं: एकाकीपन या फिर अनुकरण। कुछ मसीही कहते हैं, “मैं संसार के द्वारा दूषित नहीं होना चाहता। मैं अपने आप को अलग रखूंगा। मैं एक दीवार खड़ी करूंगा व अपनी एक छोटी सभ्यता बनाऊंगा।”
एकाकीपन गुणकारी नहीं है! इस रीति से आप मैत्रीयां कैसे बनाएंगे?
दूसरी चरम सीमा है अनुकरण, जिसका कहना है, “चलो संसार की सी चाल चलते हैं! हम नवीनतम पॉप संगीतकार की समानता में वस्त्र पहनेंगे। दूसरे लोगों के विषय में अपनी इच्छा के अनुसार बोलेंगे। जैसी नीतियां व लक्ष्य प्रसिद्ध सभ्यता हमें बताती है वैसी ही हम पालन करेंगे। हम संसार से कोई अंतर नहीं रखेंगे।"
परमेश्वर आप से यह चाहत भी नहीं रखते हैं। वे नहीं चाहते की समाज के न्यूनतम सामान्य स्तर तक आप गिर जाएं
इसका समाधान एकाकीपन या अनुकरण नहीं बल्कि रोधन और घुसपैठ है! बाइबल कहती है कि आप संसार के नमक व ज्योति हैं। आप को परमेश्वर की भलाई के स्वभाव से संसार को भेदना है।
जब मैं भोजन के लिए बाहर जाता हूं और खाने के लिए कोई समुद्री मछली मंगवाता हूं, उसे खाने से पहले मुझे उस पर नमक अवश्य छिड़कना पड़ता है। उस मछली ने अपना सारा जीवन नमकीन पानी में बिताया परन्तु फिर भी उस पर नमक छिड़कने की आवश्यकता है। यह कैसी बात हुई? उस मछली का राेधन किया गया है। यदि परमेश्वर एक मछली को समुद्र में रख कर भी उसे नमक से व्याप्त होने से बचा सकते हैं तो निश्चय ही परमेश्वर किसी भी विश्वासी को संसार में रखते हुए हमें इस संसार की गलत नीतियों के द्वारा भ्रष्ट होने से बचाए रख सकते हैं।
परमेश्वर चाहते हैं कि आप अपने विश्वास में पवित्र व सुरक्षित रहें। वे यह भी चाहते हैं कि आप द्वार खोल कर बाहर संसार में जाएं व उन लोगों को जाने जिन्हें परमेश्वर ने आपके जीवन में रखा है। अपने आस पास के लोगों के साथ रिश्ते निर्मित करते हुए व उनके साथ सत्य बांटते हुए आपको इस संसार में होना है परंतु इस संसार का नहीं होना है।
“क्योंकि परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ्य और प्रेम और संयम की आत्मा दी है।” (2 तीमुथियुस 1:7).
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
आप बिना किसी मदद के वो नहीं बन सकते जो परमेश्वर आपसे चाहता है की आप बनें और ना ही इसके बिना आप इस ग्रह पर अपने उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं. हमें एक दुसरे की ज़रुरत है और हम मसीह में एक दुसरे से सम्बन्ध रखते हैं. इस श्रृंखला में पास्टर रिक बताते हैं की दुसरे लोगों के साथ अपने संबंधो को जीवंत कैसे रखें.
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