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प्रेम संबंधों में से भय को दूर करता है

"मैं तुमसे नफ़रत करता/करती हूँ!"

लोग संबंधों में जब इस तरह की बातें बोलने लगते हैं, तो अक्सर यह इस बात का चिन्ह होती है कि दोनों में से कोई एक दूसरे व्यक्ति को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रहा है।आख़िर इस तरह के नियंत्रण की वजह क्या है? इसकी वजह है भय। असुरक्षा के कारण ही हम दूसरों को अपने नियंत्रण में रखने की कोशिश करतें हैं या हम उनके नियंत्रण में रहतें हैं। दूसरे लोग आपके बारे में क्या सोचतें हैं, जब आप इसी बात को हर समय सोचतें रहतें हैं तब आप बहुत अधिक असुरक्षित महसूस करतें हैं, और यह बात आपके रिश्तों को ख़त्म करती जाती है तथा आपके जीवन को भी अयोग्य बना देती है।

मनुष्य होने के कारण हम सब एक बहुत ही अजीब सी दुविधा में रहतें हैं: हम घनिष्टता भी बढ़ाना चाहतें हैं, लेकिन हम समीप जाने /घनिष्ट होने से डरतें भी हैं। हम दूसरों के साथ आत्मीयता बढ़ाना चाहतें हैं, लेकिन उन रिश्तों के टूट जाने या ख़त्म हो जाने का भय भी हमें सताता है।

असुरक्षा हमें घनिष्ट नहीं होने देती और रिश्तों को तोड़ देती है। यदि रिश्तों में किसी प्रकार का भय है तो आप किसी के भी समीप नहीं जा सकते। और यदि घनिष्टता रिश्तों को तोड़ती है, तो फिर उन्हें जोड़ने वाला कौन है? प्रेम! प्रेम रिश्तों को जोड़ता है।

1 यूहन्ना 4:18 में बाइबिल बताती है, "प्रेम में भय नहीं होता, क्योंकि सिद्ध प्रेम सारे भय को दूर कर देता है क्योंकि भय में दंड की आशंका रहती है। और जो डरता है, उसका प्रेम पूर्णता तक नहीं पहुँचा है।" (Hindi-BSI). यह कैसे काम करता है? प्रेम कैसे सारे भय को दूर करता है?

प्रेम, आपका ध्यान स्वयं के ऊपर केंद्रित नहीं होने देता बल्कि आपका सारा ध्यान दूसरों पर केंद्रित होने देता है। लोग अक्सर मुझसे पूछतें हैं, "जब आप सैडलबैक में इतने सारे लोगों से बातचीत करतें हैं, तो क्या आपको कभी घबराहट होती है? इसका उत्तर है, "बिल्कुल होती है!" लेकिन आप जानते हैं फ़र्क किससे पड़ता है? मैं अपना ध्यान अपने ऊपर केंद्रित नहीं होने देता और उसके बदले, मैं अपना पूरा ध्यान मेरे सामने उपस्थित लोगों पर केंद्रित करता हूँ। यदि मैं उन सबके सामने खड़े होकर यह सोचता रहूँ कि ये लोग मेरे बालों के स्टाइल के बारे में क्या सोच रहें होंगें, तो निश्चित रूप से यह बात मेरे लिए भय का विषय है, है ना ? लेकिन जिस समय मैं यह सोचना आरम्भ कर दूँ कि मेरी कलीसिया रूपी परिवार से मैं कितना अधिक प्रेम करता हूँ और किस तरह से सब साथ में मिलकर परमेश्वर की सेवा करतें हैं, तो उसी क्षण मेरा भय स्वतः ख़त्म हो जायेगा।

किसी भी रिश्ते के लिए यही बात लागू होती है। दूसरे लोगों पर अपना ध्यान केंद्रित करने से आपको एक ऐसी सामर्थ मिलती है जिससे आप अपने जीवन से भय को दूर फेंक सकतें हैं।

तो दूसरे लोगों पर ध्यान केंद्रित करने की वो सामर्थ आपको कैसे मिलेगी? आपको यह ज्ञात है कि परमेश्वर आपसे कितना अधिक प्रेम करतें हैं। जिस क्षण आप यह बात समझना आरम्भ कर देंगें कि परमेश्वर आपसे कितना अधिक प्रेम करतें हैं, तब आपको अपने बारे में कुछ भी साबित करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आपको अपना जीवन, दूसरे लोगों को खुश करने में नहीं बिताना पड़ेगा क्योंकि, परमेश्वर आपसे प्रेम करतें हैं, इस बात को आप भली-भाँति जानते हैं।

क्या आप जानतें हैं कि इस तरह से जीवन जीना कितना आनन्दमयी और मुक्ति भरा होता है? आपकी पहचान और आत्म-सम्मान को, दूसरे लोग आपके बारे में क्या सोचतें हैं, इन बातों में उलझना नहीं पड़ेगा। जब आप यीशु के साथ अपने रिश्ते में सुरक्षित रहतें हैं, तो आप दूसरे लोगों की अपेक्षाओं के दवाब में नहीं आते। परमेश्वर का प्रेम आपको दूसरे लोगों से बिना किसी डर के प्रेम करने की स्वतंत्रता देता है।

पास्टर रिक वॉरेन द्वारा आज का श्रव्य संदेश सुनें>>

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आप बिना किसी मदद के वो नहीं बन सकते जो परमेश्वर आपसे चाहता है की आप बनें और ना ही इसके बिना आप इस ग्रह पर अपने उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं. हमें एक दुसरे की ज़रुरत है और हम मसीह में एक दुसरे से सम्बन्ध रखते हैं. इस श्रृंखला में पास्टर रिक बताते हैं की दुसरे लोगों के साथ अपने संबंधो को जीवंत कैसे रखें.

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