एक साथ बेहतरनमूना
परिवर्तन के लिए ज़रुरत है ईमानदार समुदाय की
आपके जीवन की त्रुटिओ को दूर करने के लिए, आपको अपने जीवन में ऐसे लोगों चाहिए ही चाहिए जो आपको सच बतलाए I आप अपने आप ही ठीक नहीं हो सकते हैं; आपको दूसरे लोगों की आवश्यकता अपने जीवन में पड़ेगी ही I आपको आसरा चाहिए ही होगा, आपको एक छोटी मण्डली की मदद चाहिए ही होगी I परिवर्तन के लिए ज़रुरत है ईमानदार समुदाय की।
कुछ चीज़ें आपके जीवन मैं ऐसी होंग़ी जो आप अपने आप- आप कभी नहीं बदल पायेंगे, विशेषतः वह बातें जो आपके लिए कठिन है और आप नहीं चाहेंग़ें कि कोई जानें भी I
आप कभी भी उन बातों से छुटकारा नहीं पा पायेग़ें जब तक आप किसी से अपना मन सांझा नहीं कर लेते हैंI हर एक को बताने की जरूरत नहीं है, आपको सिर्फ एक ऐसे व्यक्ति को ढूंढ़ने की आवश्यकता है जो आप पर भरोसा कर सकता है और आप उस पर - वह जो विश्वसनीय हो, बिना शर्त आपकों प्रेम करें, आलोचक न हो, और आपके लिए प्रार्थना करने वाला होंI अपनी भावनाओं को प्रकट करना ही चंगाई पाने की शुरुआत हैं।
इसका अर्थ ये नहीं है कि आप अपनी छोटी मण्डली में सतही तौर पर एकत्र हो जहां सब " ठीक हैं" या "अच्छा कर रहे हैं" I किन्तु आपको अपनी द्दोटी मण्डली में परिपक्वता के इस स्तर तक आना है जहां पर आप कह सके," मेरा ये सप्ताह कठिन था, जीवन दुश्वारियों से भरा है, और ऐसा-ऐसा हुआ I
"सो झूठ बोलने का त्याग कर दो। अपने साथियों से हर किसी को सच बोलना चाहिए, क्योंकि हम सभी एक शरीर के ही अंग हैं "( इफिसियो 4:25) I
अगर आप एक विश्वासी हैं तो आप सदस्य है, आप परमेश्वर के परिवार के सदस्य हैं, और हर एक विश्वासी अपका संबंधी है। परमेश्वर जैसा आपको चाहते हैं आप वैसा तब तक नहीं बन पायेंग़ें जब तक आप एक ऐसी मण्डली के सदस्य नहीं बन जाते जो हियावी, सत्यनिष्ठ समुदाय है। असत्यता को दूर कर, अपने पड़ोसी से बात करें, अपने मित्र को सत्य बताएँ, क्योंकि हम एक ही परिवार से हैI
अगर आप गंभीर है अपनी विकारताओ और अपनी त्रुटिय़ों को सही करने के लिए, तो आपको सत्यनिष्ठ होने के भय का सामना करना ही पड़ेगाI आपको कपट करना रोकना होगा, आपको असत्यता छोड़नी ही होगी I आपको सच्चा बनना ही पड़ेगा ।
आपको अपने जीवन में दो चुनावों में से एक ही लेना पड़ेगा, या तो आप दिखावा कर ले सब कुछ ठीक है, या सब ठीक कर लें I जब तक आप दिखावा करते रहेंग़ें आप के साथ कुछ ठीक-ठाक हैं तो कभी भी कुछ ठीक नहीं होग़ाI जब तक आप किसी से बात नहीं कर लेते हैं, तब तक आप ना ही अपने जीवन की उन बातों से जो आपको विचलित कर रही हैं ठीक हो पायेंगे, ना ही चंगाई पा पाएंगे.
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
आप बिना किसी मदद के वो नहीं बन सकते जो परमेश्वर आपसे चाहता है की आप बनें और ना ही इसके बिना आप इस ग्रह पर अपने उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं. हमें एक दुसरे की ज़रुरत है और हम मसीह में एक दुसरे से सम्बन्ध रखते हैं. इस श्रृंखला में पास्टर रिक बताते हैं की दुसरे लोगों के साथ अपने संबंधो को जीवंत कैसे रखें.
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