एक साथ बेहतरनमूना

Better Together

दिन 3 का 24

जब कष्ट का सामना करना हो, तब समुदाय आपका सुरक्षा जाल होता है

जब आप जीवन में कष्ट अनुभव करते हैं, आपको साथ विलाप करने वाले लोगों की आवश्यकता होती है।

ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं जिसका सामना कभी किसी को अकेले न करना पड़े। जब कोई प्रिय जन जीवन व मृत्यु के बीच तय करने वाली सर्जरी से गुजर रहा हो कभी किसी को अस्पताल में अकेले प्रतीक्षा न करनी पड़े। किसी भी स्त्री को कभी किसी समस्याजनक गर्भावस्था के लैब परिणाम के लिए प्रतीक्षा अकेले न करनी पड़े। कभी किसी को युद्धभूमि से समाचार की प्रतीक्षा अकेले न करनी पड़े। कभी किसी को खुली कब्र के सिरे पर अकेले न खड़ा होना पड़े। पति या पत्नी के गुजर जाने या त्याग कर चले जाने के कारण पहली रात किसी को अकेले न काटनी पड़े।

सच्चाई यह है कि इनमें से कुछ घटनाएं आप के साथ भी घटेंगी। ये अपरिहार्य घटनाए हैं। आप को दुखांत घटनाओं का सामना करना पड़ेगा। आपको बुरी खबरें सुननी पड़ेंगी। आपको मनोव्यथा का सामना करना पड़ेगा। कोई मूर्ख ही होगा जो किसी ऐसी घटना के लिए, जिसका होना निश्चित है, तैयारी बिना जीवन बिताएगा। सुरक्षा जाल — अर्थात सहायकों व मित्रों का समूह — का निर्माण करने का समय अभी है।

परमेश्वर का सुरक्षा जाल क्या होता है? यह एक ऐसा झुंड होता है जिसमें अन्य विश्वासी हों। आपको 100 जनों की आवश्यकता नहीं। आपको केवल पांच या छह की आवश्यकता है — विश्वासियों का एक ऐसा समूह जो आपके प्रति प्रतिबद्ध हो।

एक व्यक्ति था जो सात वर्षों तक सैडलबैक चर्च आता रहा। वह सबसे पिछले भाग में बैठा करता था। वह कभी किसी कार्य में भागीदार नहीं हुआ, कभी किसी अल्प संख्यक समूह से नहीं जुड़ा। वह केवल आराधना के लिए आता था व सभा के तुरंत पश्चात लौट जाता था। एक दिन उन्हें दिल का दौरा पड़ा और दो सप्ताह के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। मैं सफर में था और लौटने पर ही बात मालूम हुई। जब वह अस्पताल से निर्मुक्त हुआ, वह सभा में आया और बोला, “मैं यह कलीसिया छोड़ रहा हूं।” मैने पूछा, “क्यों?” उसने उत्तर दिया, “क्योंकि यह एक अस्नेही कलीसिया है। अस्पताल में मुझ से भेंट करने कोई नहीं आया।” जब वह जाने लगा, मैं मन में सोच रहा था, “कसूर तुम्हारा है!”

उसने अपने अतिरिक्त किसी की परवाह नहीं की। उसने कभी किसी से भेंट करने की परवाह नहीं की। वह किसी अल्प संख्यक समूह का सदस्य नहीं बना, कभी दान नहीं दिया, कभी बांटा नहीं। कसूर उसका था कि जब संकट का समय आया तब उसके लिए कोई नहीं था, क्योंकि उसने कोई रिश्ते नहीं बनाए थे।

ऐसा जीवन हम में से किसी के लिए भी परमेश्वर की इच्छा नहीं है। परमेश्वर की योजना यह है: “आनन्द करनेवालों के साथ आनन्द करो, और रोनेवालों के साथ रोओ। ” (रोमियों 12:15).

समुदाय निराशा के प्रति परमेश्वर का उत्तर है। आप अपना जीवन दूसरों के साथ बांटने के लिए बनाए गए थे। यही समय है उन लोगों को ढूंढने का जो जीवन के दौरान आपकी सहायता करेंगे, जो आपकी विजय में आपके संग आनंदित होंगे व आपके कष्ट के समय में आपके संग रोएंगे।

पास्टर रिक द्वारा आज का श्रव्य संदेश सुनें >>

पवित्र शास्त्र

दिन 2दिन 4

इस योजना के बारें में

Better Together

आप बिना किसी मदद के वो नहीं बन सकते जो परमेश्वर आपसे चाहता है की आप बनें और ना ही इसके बिना आप इस ग्रह पर अपने उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं. हमें एक दुसरे की ज़रुरत है और हम मसीह में एक दुसरे से सम्बन्ध रखते हैं. इस श्रृंखला में पास्टर रिक बताते हैं की दुसरे लोगों के साथ अपने संबंधो को जीवंत कैसे रखें.

More

यह डिवोशनल रिक वॉरेन द्वारा © 2015 प्रकाशनाधिकृत है। सर्वाधिकार सुरक्षित। अनुमति द्वारा प्रयुक्त। अधिक जानकारी के लिए, कृपया यहां देखें: www.rickwarren.org