एक साथ बेहतरनमूना
समुदाय: हराने के लिए परमेश्वर का उत्तर
आपके लिए कौन देख रहा है?
आपको ऐसे लोगों की ज़रुरत है जो आपकी रक्षा करें, आपके लिए हमेशा खड़े रहें और आपकी सुरक्षा करें, सही रास्ते पर चलने में आपकी सहायता करें, और यदि आप गलत रास्ते पर चले जाओ तो आपको चेतावनी दे सकें। हम सभी को इसकी आवश्यकता होती है, क्योंकि हम सबके अंध बिंदु/कमज़ोर विषय होतें हैं।
फ़िलिप्पियों 2:4, "तुम में से हर एक सिर्फ अपनी ही भलाई का नहीं परन्तु दूसरों की भलाई का भी ध्यान रखे।" अगर आप इसके विपरीत वचन चाहतें हैं तो यही वो वचन है! अमेरिका में, सामान्यतया जो विचारधारा है वो "मैं या मेरा" के बारे में है — मेरी ज़रूरतें, मेरी रूचि या इच्छाएँ, मेरी आवश्यकताएँ तथा मेरी महत्वकांक्षाएँ।
लेकिन बाइबिल बताती है कि हमें एक-दूसरे के बारे में सोचना चाहिए या देखभाल करनी चाहिए। हम एक परिवार हैं! परमेश्वर के परिवार में एक-दूसरे के भाई-बहन होने के नाते, हमें एक-दूसरे को बचाना चाहिए, और सही मार्ग में बने रहने के लिए एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए।
सितंबर 11, 2001 के बाद से, एक-दूसरे की देखभाल करने के लिए हम और अधिक चौकन्ने हो गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आतंकवादियों से भी ज़्यादा खतरनाक, आपका एक दुश्मन है। हाँ, बिल्कुल सही बात है! आपका एक व्यक्तिगत दुश्मन है, और वो आपके हिम्मत और धैर्य से नफ़रत करता है। उसका नाम शैतान या इबलीस है। वो आपके जीवन में गड़बड़ी उत्पन्न करना चाहता है। वो आपके रिश्तों को बर्बाद करना चाहता है। वो आपको हराना चाहता है।
वो ऐसा क्यों करना चाहता है? क्योंकि वो परमेश्वर को कष्ट नहीं पहुँचा सकता। जब आप किसी को कष्ट नहीं दे पाते या दुःखी नहीं कर पाते, तो आप क्या करते हो? आप उनके बच्चों के पीछे लग जाते हो। शैतान परमेश्वर को दुःखी नहीं कर पाटा, इसलिए वो परमेश्वर के बच्चों को कष्ट पहुंचाने की कोशिश करता है।
जब शैतान आपके ऊपर आक्रमण करता है, तो वह लाल रंग के वस्त्रों में काँटेदार पंजा (सूखी घास को उठाकर फेंकने वाला पंजा) लेकर आपके पास आकर ऐसा नहीं बोलता, "धप्पी!" तो शैतान किस तरह से आपके जीवन में गड़बड़ी लाता है? ऐसी आदतों के द्वारा जिन्हें आप छोड़ नहीं सकते, दूसरों द्वारा दिए ऐसे घावों द्वारा जिन्हें आप भूला नहीं पाते, मुश्किलों तथा परिस्थितियों द्वारा, ऐसे रिश्तों के द्वारा जो आपके मन को ठेस पहुँचायें।
ज़्यादातर मसीही लोग हार जाते हैं, हम शैतान से खुद ही लड़ने की कोशिश करतें हैं। यह तो बेवकूफ़ी है! अपने बल-बुते पर आप शैतान के विरुद्ध कभी भी नहीं जीत सकते। आपको दूसरे लोगों की ज़रुरत पड़ेगी ही, जो आपकी देखभाल करें और आपकी सहायता करें।
उसे हराने के लिए समुदाय/समाज परमेश्वर का उत्तर है। आपको ऐसे लोगों को ढूँढने की आवश्यकता है जो आपकी कठिन घड़ी में आपके साथ खड़े रहें और कहें, "हम आपको हिम्मत हारने नहीं देंगें। हम आपको उदास नहीं होने देंगें। हम आपको किसी तरह की चिंता नहीं होने देंगें। हम आपके साथ खड़े रहेंगे।"
"एक अकेले व्यक्ति पर तो आक्रमण करके उसे हराया जा सकता है, लेकिन दो व्यक्ति कंधे से कन्धा मिलाकर जीत हासिल कर सकते हैं। और अगर तीन हैं तो और बेहतर है, क्योंकि जो रस्सी तीन टांगों से बटी होती है, वह जल्दी नहीं टूटती "(सभोपदेशक 4:12)।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
आप बिना किसी मदद के वो नहीं बन सकते जो परमेश्वर आपसे चाहता है की आप बनें और ना ही इसके बिना आप इस ग्रह पर अपने उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं. हमें एक दुसरे की ज़रुरत है और हम मसीह में एक दुसरे से सम्बन्ध रखते हैं. इस श्रृंखला में पास्टर रिक बताते हैं की दुसरे लोगों के साथ अपने संबंधो को जीवंत कैसे रखें.
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