एक साथ बेहतरनमूना
परमेश्वर की सेवा लोगों की सेवा के द्वारा ही होती है
परमेश्वर की सेवा करने का केवल एक ही ढंग है: अन्य लोगों की सेवा करने के द्वारा। जब भी आप अपनी प्रतिभाओं, समय, बल व संसाधनों के द्वारा अन्य लोगों की सहायता करते हैं, इसे सेवकाई कहते हैं।
परन्तु परमेश्वर नहीं चाहते कि आप अकेले सेवा करें! फिलिप्पियों 2:2 कहता है, “तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो, और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो।” परमेश्वर को इसकी क्या आवश्यकता है? कोई आप ही परमेश्वर की सेवा क्यों नहीं कर सकता?
1. क्योंकि हम एक परिवार हैं। 1 कुरिंथियों 3:9 में बाइबल कहती है कि “हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं”। यदि आप परमेश्वर के परिवार के अंग हैं, तो परमेश्वर चाहते हैं कि आप परिवार के अन्य सदस्यों के संग मिलजुल कर रहें। वास्तव में, आपकी सेवा से अधिक, परमेश्वर उन रिश्तों में रुचि रखते हैं जिन्हें मिलजुल कर सेवा करने के दौरान आप बनाते हैं। वे चाहते हैं कि आप परमेश्वर के परिवार के साथ मिलजुल कर रहना सीखें।
2. क्योंकि हमें एक दूसरे की आवश्यकता है। सेवा करने हेतु हमें एक दूसरे की आवश्यकता है। किसी के पास भी सभी प्रतिभाएं नहीं होतीं। किसी के पास भी सभी वरदान नहीं होते। परमेश्वर ने ऐसा जान बूझ कर किया है जिससे कि आपको मेरी और मुझे आपकी और हमें एक दूसरे की आवश्यकता हो।
“हम में से प्रत्येक व्यक्ति अपना महत्व व कार्य [मसीह की] देह का अंग होने में पाता है। परन्तु, एक कटी हुई उंगली या अंगूठे के रूप में हम अधिक महत्व नहीं रखेंगे, क्यों?
3. क्योंकि ऐसे हम अधिक कार्य कर पाते हैं सभोपदेशक 4:9 कहता है, “एक से दो अच्छे हैं, क्योंकि उनके परिश्रम का अच्छा फल मिलता है।”। सहयोग से प्रभाव बढ़ता है।
परमेश्वर आप को ऐसे इस्तेमाल करना चाहते हैं जैसा आपने कभी अपेक्षा नहीं की होगी। आप कहते होंगें, “मैं क्या दे सकता हूं?” आप के पास कुछ न कुछ है परन्तु, अपने आप में आप के पास पर्याप्त रूप से नहीं है। इसलिए आप को अपने जीवन में अन्य लोगों की आवश्यकता है। परमेश्वर आपका उपयोग करना चाहते हैं, परन्तु वह यह भी चाहते हैं कि आप का उपयोग एक झुंड में किया जाए, जहां आप एक दूसरे की सहायता करें।
परमेश्वर ने हमें इस रीति से रचा है कि हम तभी अत्यंत सजीव महसूस करते हैं जब हम ऐसे किसी झुंड का भाग हों जो परमेश्वर के राज्य के लिए कुछ निष्पादित कर रहा हो। झुण्डों के द्वारा हम एक दूसरे के करीब आते हैं, जिससे अधिक कार्य सिद्ध होता है व अधिक आनंद पहुंचता है। अपने छोटे झुंड को एक दूसरे के करीब लाने का सबसे तेज उपाय है मिलकर सेवा करना। जब किसी शाश्वत उद्देश्य के लिए आप एक जुट होते हैं, यह एक बेरोक झुंड को निर्मित करता है जो परमेश्वर के लिए महान कार्य सिद्ध कर सकता है।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
आप बिना किसी मदद के वो नहीं बन सकते जो परमेश्वर आपसे चाहता है की आप बनें और ना ही इसके बिना आप इस ग्रह पर अपने उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं. हमें एक दुसरे की ज़रुरत है और हम मसीह में एक दुसरे से सम्बन्ध रखते हैं. इस श्रृंखला में पास्टर रिक बताते हैं की दुसरे लोगों के साथ अपने संबंधो को जीवंत कैसे रखें.
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