गहराई में उतरना - इफिसियोंनमूना
मसीह पूर्व हमारे जीवन में एक और लक्षण परमेश्वर से दूरी होने के कारण आशा की कमी था। यीशु द्वारा हमारे कारण सही गयी मृत्यु और उसके द्वारा बहाये गये लहू की वजह से हमारी पहुंच परमेश्वर तक हुई है। पहुंच का अर्थ है कि हमारा रिश्ता परमेश्वर से जुड़ गया है। हमारे पास अब ऐसा उपाय है जिसके तहत हम परमेश्वर से अपना रिश्ता बनाकर रह सकते हैं और इस नये रिश्ते की वजह से हमारे जीवन में शान्ति है। यह शान्ति यीशु को उद्धारकर्ता के रूप में धारण करने वाले प्रत्येक जन के लिए उपलब्ध है।यीशु से पूर्व हमारा जीवन किसी देश में एक पर्यटक के समान था। पर्यअकों के पास उस देश के नागरिक का कोई अधिकार या जिम्मेदारी नहीं होती जिसमें वे घूम रहे होते हैं। वे व्यवहारिक तौर पर उस देश के तौर तरीकों तथा वहां के फायदों से अनजान होते हैं। दूसरी तरफ उस देश का नागरिक होने के नाते उन नागरिकों को बहुत से लाभ मिलते हैं।आज,हम में से प्रत्येक जन,जो मसीह में है वह इस धरती पर परमेश्वर के राज्य का नागरिक है। इस राज्य का राजा मसीह था और यह राज्य परमेश्वर द्वारा ठहराए गये प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं द्वारा बनाया गया था। हम यीशु पर विश्वास करके तथा उसे अपने जीवन में आमन्त्रित करके इस राज्य का भाग बन जाते हैं। अगर हम पवित्र आत्मा को काम करने की अनुमति दें तो वह प्रतिदिन,प्रति क्षण हमारे जीवन में कार्य करता है,जिससे उसका राज्य लगातार प्रगति करता व बड़ता रहता है। हमारे पास उस राजकीय विरासत में पहुँच है जिसकी हम से प्रतिज्ञा की गयी है क्योंकि अब हम परदेशी नहीं वरन उसके परिवार का हिस्सा हैं।
क्या आप ने अपने जीवन में पवित्र आत्मा को अवसर दिया है जिससे आप अपने स्वर्गीय पिता के साथ एक घनिष्ठ सम्बन्ध बना सकें?
क्या आप परमेश्वर के राज्य की मानसिकता और दृष्टिकोण के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं या फिर सांसारिक दृष्टिकोण से?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
इस बाइबल योजना में हम इफिसियों के इस अध्याय की गहराई में इसलिए उतर रहे हैं ताकि हम आसानी से नज़र अन्दाज़ करने वाले वचनों पर मनन कर सकें। हमारी इच्छा है कि जब आप इस पुस्तक को अकेले या अपने किसी मित्र के साथ पढ़ें तो परमेश्वर आपको इस संसार में आपके ईश्वरीय उद्देश्य के बारे में बताएं और आगे की राह हेतू आवश्यक दिशा प्रदान करें।
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