गहराई में उतरना - इफिसियोंनमूना
इतिहास को सदैव दो कालों के आधार पर विभाजित किया जाता है अर्थात यीशु के इस संसार में जन्म लेने से पहले का समय ठब् और परमेश्वर का वर्ष ।क्। हमारा जीवन भी हमारे उद्धार के आधार पर ठीक इसी प्रकार से दो भागों में बंटा हुआ है। हमारे जीवन का एक हिस्सा मसीह से पहले के जीवन को दर्शाता है जिसमें हम अपनी इच्छा के अनुसार,पापों में उलझे हुए,संसार के सुख विलास में लिप्त जीवन को व्यतीत किया करते थे। लेकिन जब हम ने यीशु को अपने जीवन में प्रभु के रूप में आमन्त्रित किया तब हम ने नयापन आया और हम ज्योति के लोगों के रूप में जीवन व्यतीत करने लगे। इसका अर्थ है अब हमें पवित्र आत्मा के द्वारा प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। अब हम अपनी शारीरिक अभिलाषाओं को पूरा करने के लिए उत्सुक नहीं रहते,वरन हम अपने जीवन में परमेश्वर के प्रेम और उसकी दया पर ध्यान लगाते हैं और उसके प्रति एक आज्ञाकारी जीवन व्यतीत करते हैं।
इस नये जीवन की सुन्दरता यह है कि हमारे पास मसीह में हमारा स्थान तथा पहिचान है। हम आत्मा में उसके साथ जुड़े हुए हैं और हम आत्मिक तौर पर उसके साथ स्वर्गीय स्थानों में बैठे है। इसका अर्थ यह है कि जब हम अपने जीवन के उतार चढ़ाव से होकर गुजरते हैं तो हम उन्हें नयी दृष्टि से देख सकते हैं। एक ऐसी दृष्टि जो स्पष्ट तौर पर मसीह यीशु में हमारे लिए परमेश्वर के प्रेम और उसकी भलाई को देखेगी। इस महान प्रेम का एक प्रमाण हमारे उद्धार में दिखाई देता है जो हमें यीशु पर विश्वास करने पर अनुग्रहकारी परमेश्वर की ओर से दिया गया है। हमें अपने भले कामों की वजह से उद्धार नहीं मिला है लेकिन परमेश्वर ने हमें भले कामों को करने के लिए रचा है। जो भी भले काम हम मसीह की देह तथा संसार में दूसरों के लिए करते हैं वे उनके सामने परमेश्वर की सामर्थ्य और पुनरूत्थित मसीह की उपस्थिति को प्रगट करता है।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
इस बाइबल योजना में हम इफिसियों के इस अध्याय की गहराई में इसलिए उतर रहे हैं ताकि हम आसानी से नज़र अन्दाज़ करने वाले वचनों पर मनन कर सकें। हमारी इच्छा है कि जब आप इस पुस्तक को अकेले या अपने किसी मित्र के साथ पढ़ें तो परमेश्वर आपको इस संसार में आपके ईश्वरीय उद्देश्य के बारे में बताएं और आगे की राह हेतू आवश्यक दिशा प्रदान करें।
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