गहराई में उतरना - इफिसियोंनमूना

गहराई में उतरना - इफिसियों

दिन 2 का 10

पौलुस प्रार्थना इफिसुस में रहने वाले विश्वासियों के प्रार्थना में तल्लीन अवस्था में अपने पत्र को लिखना जारी रखता है जिससे हमें अपनी अपनी प्रार्थनाओं के लिए सुन्दर रूपरेखा मिल जाती है। वह परमेश्वर पिता से अपने बच्चों को बुद्धि और प्रकाशन की आत्मा देने के द्वारा सहायता करने के लिए प्रार्थना करता है जिससे वे उसे अधिकाई से जान सकें। वह प्रार्थना में ही समझाने का प्रयास करता है कि इस प्रकाशन के द्वारा वे उस आशा को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे जो हमें मसीह में प्राप्त होती है और उस महान विरासत का पता चलता है जो हमें विश्वास के द्वारा मिलती है।

पौलुस मृतकों में से जी उठे मसीह के स्थान तथा उसकी उस सामर्थ्य और अधिकार का वर्णन करते हुए अध्याय को समाप्त करता है जो उसे सारी देखी और अनदेखी वस्तुओं पर है।इससे हमें उत्साहित होना चाहिए क्योंकि जो सामर्थ्य परमेश्वर के द्वारा मसीह को मृतकों में से जिलाने तथा स्वर्गीय स्थानों में बैठाने के लिए इस्तेमाल की गयी थी वह प्रत्येक उस व्यक्ति के लिए उपलब्ध है जो यीशु से प्रेम करता है और जिसने उसे अपने जीवन का प्रभु और उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण किया है।

वरन इससे भी बढ़कर उत्साहित करने वाली बात यह है कि हर एक चीज जो हमें डराने,निचा दिखाने या गिराने का प्रयास करती है,वह यीशु के पैरों के तले है। हमें डरने या अपने हृदय कच्चा करने की कोई जरूरत नहीं है;वरन हम पाप और मृत्यु पर प्राप्त उस अधिकार और विजय के बल पर उसका सामना कर सकते हैं जिसे मसीह ने हमारे लिए प्राप्त किया है। इन सच्चाईयों को हमारे जीवन में ग्रहण करने के लिए मुख्य घटक यह है कि परमेश्वर के साथ सम्बन्ध और घनिष्ठता बनाएं जिससे हम उसके साथ चलते चलते उसे वैसा देख सकें जैसा वह वास्तव में है।

आप अभी तक परमेश्वर से क्या मांग रहे थे?लेकिन कैसा रहेगा यदि आप परमेश्वर तथा अपने जीवन में उसकी इच्छा को जानने के लिए परमेश्वर से उसकी आत्मा को मांगें?

क्या आप शक्तिहीन और निराशा महसूस कर रहे हैं?पद19-23तक ऊंची आवाज़ में एक घोषणा के रूप में पढ़ें। आप इसी परमेश्वर से प्रेम करते,उसकी सेवा करते तथा उसका अनुकरण करते हैं। उसकी शक्ति और अधिकार आपकी ज़रूरतों और कल्पना से परे हैं।

पवित्र शास्त्र

दिन 1दिन 3

इस योजना के बारें में

गहराई में उतरना - इफिसियों

इस बाइबल योजना में हम इफिसियों के इस अध्याय की गहराई में इसलिए उतर रहे हैं ताकि हम आसानी से नज़र अन्दाज़ करने वाले वचनों पर मनन कर सकें। हमारी इच्छा है कि जब आप इस पुस्तक को अकेले या अपने किसी मित्र के साथ पढ़ें तो परमेश्वर आपको इस संसार में आपके ईश्वरीय उद्देश्य के बारे में बताएं और आगे की राह हेतू आवश्यक दिशा प्रदान करें।

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