फ्राँसिस चैन के साथ अत्यंत उत्साहपूर्ण प्रेमनमूना
“पवित्र परमेश्वर की अवशेष या बचे हुए से सेवा करना”
याकूब 2:19 में लिखा है, “तुम विश्वास करते हो कि केवल एक परमेश्वर है। अच्छा करते हो। दुष्ट आत्माएँ भी ऐसा विश्वास करतीं हैं— और काँपतीं रहती हैं।”परमेश्वर केवल यह नहीं चाहते’ कि हमारा धर्मशास्त्र का ज्ञान अच्छा हो; वो चाहतें हैं कि हम उन्हें और अधिक जाने और प्रेम करें। पहला यूहन्ना 2:3-4 हमें बताता है, “यदि हम परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करेंगें, तो उसी से हमें पता चलेगा कि हम उसको जानते हैं। जो कहता है कि‘ मैं उसे जानता हूँ’ किन्तु उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता, वह झूठा है और उस में सत्य नहीं है।”
आप मुझे सनकी/पागल बोल सकते हो, लेकिन मेरे विचार से इन वचनों का अर्थ है कि जो मनुष्य यह दावा करता है कि वह परमेश्वर को जानता है परन्तु ’उनकी आज्ञाओं को नहीं मानता, तो वह मनुष्य झूठा है और उस मनुष्य में कुछ भी सत्य’ नहीं है।
कुछ लोग यह दावा करतें हैं कि आवश्यक रूप से चेला बने बिना हम मसीह बन सकते हैं। मुझे आश्चर्य होता है, कि फिर, क्यों यीशु मसीह ने अंत में हमें ऐसा कहा कि सारे जगत में जाओ, और सभी देशों के लोगों को चेला बनाओ, और जो आज्ञाएं उसने हमें दीं हैं उनका पालन करना उन्हें सिखाओ? आपने’ ध्यान दिया होगा कि उसने कुछ जोड़ा’ नहीं, “लेकिन सुनो, अगर कोई’ ज़्यादा ही कुछ पूछता है, तो देखिये आप उनसे बस मसीह— बनने को कहिये, वो लोग जो बिना कुछ किये या प्रतिबद्ध हुए स्वर्ग जाना चाहतें हैं।”
अब, मैं नहीं चाहता कि सच्चे विश्वासी जब इस पुस्तक को पढ़ें तो अपने उद्धार पर उन्हें किसी भी प्रकार की कोई शंका हो। यीशु को प्रेम करने की हमारी असफल कोशिशों के मध्य भी, उसका अनुग्रह हमें घेरे रहता है।
हम में से प्रत्येक के जीवन में इस कुनकुनेपन के अंश होते हैं और हम उसका अभ्यास भी करतें हैं; उसमें हमारी मूर्खता के साथ-साथ, परमेश्वर का अत्यधिक अनुग्रह छिपा होता है। वचन साफ़ रीति से बताता है कि जब हम परमेश्वर को खोजतें हैं या उसके पीछे चलते हैं, तो हमारी असफलताओं और पापों के लिए भी स्थान होता है। प्रतिदिन भोर को उसकी दया नई हो जाती है (विलापगीत 3:23) । उसका अनुग्रह हमारे लिए पर्याप्त है (2 कुरुंथियों 12:9) । मैं ’यह नहीं कह रहा कि जब आप गड़बड़ियां करतें हैं तो इसका मतलब है कि आप पहले कभी भी वास्तविकता में खरे विश्वासी नहीं थे। यदि वह सत्य होता, तो कोई भी यीशु के पीछे नहीं चलता।
* क्या आप मसीह के फ़लों को अपने जीवन में देखतें हैं? मसीह का प्रेम, उसकी आज्ञाओं पर चलना? यदि आपमें ’साहस है तो, जो आपको बहुत अच्छे से जानता/जानती हो, उससे पूछें कि क्या आपकी क्रियाओं/कार्यों द्वारा मसीह का व्यक्तित्त्व तथा जो आज्ञाएँ उसने दीं हैं, वो सब झलकता है या नहीं?
और अन्त में, इस वीडिओ को देखें तथा जिन बिन्दुओं पर इसमें चर्चा हुई है, उन पर थोड़ा ग़ौर करें:
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
फ्राँसिस चैन की न्यूयॉर्क टाइम्स की बहुचर्चित पुस्तक "क्रेज़ी लव" में से लिया गया है, जिसमें उन्होंने, हमारे प्रति परमेश्वर के अद्भुत उत्साहपूर्ण प्रेम की, तथा ऐसे प्रेम के लिए हमारी उपयुक्त प्रतिक्रिया कैसी होनी चाहिए, इन बातों का गहराई से गहन शोध किया है। परन्तु वे वहाँ नहीं रुके, बल्कि हमें परमेश्वर की महानता पर विचार करने, तथा उसकी अनंतकाल की महिमा और यहाँ पृथ्वी पर हमारे अस्थाई जीवन के बीच के उस बड़े अन्तर पर विचार करने की चुनौतियों को दे रहें हैं।
More