फ्राँसिस चैन के साथ अत्यंत उत्साहपूर्ण प्रेमनमूना
“प्रार्थना करना बंद करें”
क्या हो अगर मैं कहूँ, “प्रार्थना करना बंद कर दें ”? क्या हो अगर मैं आपसे बोलूँ कि कुछ समय के लिए परमेश्वर से बात करना बंद कर दें, और इससे पहले कि आप कुछ और बोलें, उसके बदले में लालसा से उसकी ओर देखें? सुलैमान ने हमें चेतावनी दी कि शब्दों द्वारा परमेश्वर ’की उपस्थिति में ना जाएँ। यही बात है’ जो मूर्ख लोग करतें हैं। और अक्सर, हम भी ’ ऐसा ही करतें हैं।
बुद्धिमान मनुष्य बिना कुछ बोले परमेश्वर के पास जाता है और उसके आदर में/के लिए खड़ा होता है। अदृश्य परमेश्वर को निहारना, यह एक आशारहित प्रयास जैसा दिख रहा होगा। लेकिन रोमियों 1:20 हमें बताता है कि संसार की सृष्टि के समय से ही परमेश्वर के “अदृश्य गुणों को” और उसका “आलौकिक स्वरूप” शाश्वत शक्तिमत्ता और उसके ईश्वरत्व को, बुद्धि की आँखों द्वारा उसके कार्यों में देखा जा सकता है।
आइये’ मौन रखकर परमेश्वर की ओर निहारते हुए, इस पठन योजना को आरम्भ करें। आगे बढ़ें तथा इस वीडिओ को देखें।
अवाक् रह गए? आश्चर्यचकित हो गए? नम्र हो गए?
जब मैंने पहली बार उन चित्रों को देखा, मुझे प्रार्थना करनी पड़ी। मैं न तो’ किसी से बात करना चाहता था और न ही उन्हें किसी के साथ साँझा करना चाहता था। मैं बस मौन रहना चाहता था और अपने सृजनहार की प्रशंसा करना चाहता था।
आर. सी. स्प्रूल लिखतें हैं, “मनुष्यों का उनकी निरर्थक धारणा के द्वारा उचित रीति से छूआ जाना और प्रभावित होना कभी पूरा नहीं होता, जब तक कि वो अपने-आप में और परमेश्वर की उस महिमा की विषमता को ना समझते।”
* कितना समय हो गया कि जब आपने इससे पहले सिर्फ़ परमेश्वर की महानता और उसकी महिमा पर विचार किया था? अपने प्रतिदिन के जीवन में इस बात का आदर करने और उसे महिमा देने के लिए आप क्या-क्या कार्य करेंगें/कदम उठाएँगें?
अंत में, इस वीडियो को देंखें, और इसमें दिए बिंदुओं के बारे में सोचें:
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
फ्राँसिस चैन की न्यूयॉर्क टाइम्स की बहुचर्चित पुस्तक "क्रेज़ी लव" में से लिया गया है, जिसमें उन्होंने, हमारे प्रति परमेश्वर के अद्भुत उत्साहपूर्ण प्रेम की, तथा ऐसे प्रेम के लिए हमारी उपयुक्त प्रतिक्रिया कैसी होनी चाहिए, इन बातों का गहराई से गहन शोध किया है। परन्तु वे वहाँ नहीं रुके, बल्कि हमें परमेश्वर की महानता पर विचार करने, तथा उसकी अनंतकाल की महिमा और यहाँ पृथ्वी पर हमारे अस्थाई जीवन के बीच के उस बड़े अन्तर पर विचार करने की चुनौतियों को दे रहें हैं।
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