परमेश्वर की सामर्थ और उपस्थिति का अनुभव करना नमूना

परमेश्वर की सामर्थ और उपस्थिति का अनुभव करना

दिन 7 का 10

दुविधाजनक समय में

ग्रेट ग्रीन बे पेकर का कोच, वीन्सी लोम्बार्दी अपने बुनियादी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध था। वह अपने फुटबॉल के हर सीज़न को अपने हाथ में बॉल लेकर टीम से यह कहकर शुरू करता था, जो कि सारे पेशेवर खिलाड़ी थे, “यह सज्जन, एक फुटबॉल हैं।” उसके बाद टीम अगले दो सप्ताह फिर से केवल यह सीखने में लगा देते थे कि कैसे रोका और सामना किया जाए। जब हम दुविधाजनक परिस्थितियों से होकर गुजरते हैं तो कई बार सबसे बेहतर इलाज पीछे मुड़कर बुनियादी बातों पर गौर करना होता है। परमेश्वर ने अति जटिल और पहाड़ के समान बड़ जाने वाली परिस्थितियों में परामर्शदाताओं, प्रशिक्षकों और सलाहाकारों को मेरी सेवकाई और व्यक्तिगत जीवन में स्पष्टता प्रदान करने के लिए किया है। हम सभी को दुविधाजनक परिस्थितियों में यह जानने के लिए बुद्धि और परख की ज़रूरत होती है कि हम अभी कहां पर हैं, हमें कहां जाने की ज़रूरत है, और हम वहां पर कैसे पहुंच सकते हैं।

 मूसा द्वारा लिखा गया भजन 90 हमें इसी प्रकार की सलाह प्रदान करता है। वह हमें उन बुनियादी बातों की ओर ले जाता है। उसने परमेश्वर के लोगों की मिस्र से लेकर प्रतिज्ञा के देश के छोर तक के सारे मरूस्थल तक बहुत बार लम्बे समय तक विलम्ब करने और थकान का अनुभव किया था। वह इस भजन में छः संक्षिप्त सिद्धान्तों के द्वारा बुद्धिमानी के जीवन का सार प्रगट करता हैः परमेश्वर महान है (पद1-2) जीवन छोटा है (पद 3-6) पाप गम्भीर है ( पद 7-11) बुद्धि आवश्यक है (पद12) दया उपलब्ध है ( पद13-1) और सफलता सम्भव है (पद 16-17)  इन शिक्षाओं का अभिप्राय अति गम्भीर व जीवन को परिवर्तित करने वाला है। यदि परमेश्वर महान है, तो उचित ढंग से उससे जुड़ना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यदि जीवन अल्प है, जो सबसे बुद्धिमानी का काम जो हम कर सकते हैं वह अनन्तता के प्रकाश में जीवन व्यतीत करना है। यदि पाप गम्भीर है, तो इसे हमारे जीवन से दूर करना अति आवश्यक है। यदि हम बुद्धि को अपनाते हैं तो, हमारी प्राथमिकताएं, बदल जाती हैं; हम अपने जीवन को खर्च करने की बजाय निवेश करना सीख जाते हैं। यदि दया उपलब्ध है, तो हम इसे बहुतायत से स्वीकार करें और आज़ादी और आनन्द के साथ जीवन बिताएं। और यदि सफलता सम्भ्व है तो, परमेश्वर हमें ऐसे अवसर प्रदान करेगें ताकि हम भले कामों के द्वारा अपने संसार को प्रभावित कर सकें।

 ये संक्षिप्त मगर शक्तिशाली सिद्धान्त दुविधा को दूर कर देते हैं। वे हमारे मार्ग में स्पष्टता प्रदान करते और हमें एक मकसद और फलवन्त जीवन जीने योग्य बनाते हैं। वे ऐसी बुनियादी बाते हैं जो हमें समझ प्रदान करते हैं। वह हमारी यह जानने में मदद करते हैं कि हम कहां पर हैं, और वह हमें जीवन के जिस भी मुकाम पर पहुंचने की आवश्यकता है वहां तक पहुंचने में सहायता करता है।

पवित्र शास्त्र

दिन 6दिन 8

इस योजना के बारें में

परमेश्वर की सामर्थ और उपस्थिति का अनुभव करना

आपको चोट लगने पर ,परमेश्वर कहाँ होते हैं ? समस्याओं में,उसे कैसे महसूस कर सकते हैं? वह दुविधाओं और भय को कैसे स्पष्टता और शान्ति में बदल देता है ? अनेकों भजन क्लेशों से प्रारंभ होकर परमेश्वर की उपस्तिथि और सामर्थ्य पे समाप्त होते हैं। उनकी शिक्षाओं को सीखने और पालन करने से, हमारी गवाही भी उनके समान हो जाती है। हम गहन आवश्यकताओं में परमेश्वर को पा सकते हैं।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए एज पर लिविंग को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://livingontheedge.org/