परमेश्वर की सामर्थ और उपस्थिति का अनुभव करना नमूना

परमेश्वर की सामर्थ और उपस्थिति का अनुभव करना

दिन 2 का 10

अंधकार भरी तराई में 

हर एक वर्ष, एक चरवाहा अपनी भेड़ों को समतल मैदानों में ले जाता है जहां पर चराई अच्छी होती है। जब मौसम बदलता है और पहाड़ों पर घास बड़ती है, उस समय पर चरवाहा अपनी भेड़ों को नालों और घाटियों में से होकर ऊँचे स्थानों में ले चलता है। वह जानता है कि वह स्थान बहुत ही सुन्दर होगा।

लेकिन वहां तक पहुचने की यात्रा बहुत दुःखदायी होती है। उन घाटियों में परभक्षी छाया में लेटे होते हैं। भेड़ें उस डर की अनुभूति को महसूस कर सकती हैं लेकिन वे पूरी तरह से उनके चरवाहे की सुरक्षा पर भरोसा करती हैं। उन्हें कोने बिचालों में छुपे हुए सिहों और भेड़ियों से सावधान रहना पड़ता है। उसके बिना, उनके लिए यह घाटी मौत की घाटी बन जाएगी। लेकिन उसके साथ में यह केवल जीवन यात्रा का एक हिस्सा ठहरती है।

 दाऊद इन खतरनाक और अनजान स्थानों को “घोर अन्धकार से भरी हुई तराई” कहता है (पद 4) वह उन अन्धकारमय समयों के लिए बहुत अच्छी तरह से तैयार था जिनमें होकर गुज़रते समय हमें इस बात का बिल्कुल अन्दाज़ा नहीं होता कि हमारे आस पास क्या हो रहा है। इस दृष्य में जो प्रतिज्ञा हमें दिखाई देती है वह यह कहती है कि परिस्थितियां चाहें जितनी भी डरावनी या खतरनाक हों  परमेश्वर उन सब में से हमें सुरक्षित ले जाएंगे। हमें बिल्कुल डरने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि हमारा चरवाहा जीवन के हर कदम पर हमारे साथ चल रहा है।

 दाऊद का यह भरोसा करना कि “वह किसी से न डरेगा” एक बहुत ही दमदार कथन है। वह जानता है कि यह पतित संसार कितना भयानक हो सकता है,लेकिन वह उन सारी बातों से डरने से इनकार कर देता है। वह तो बस साधारण और बहादुरी के साथ परमेश्वर पर भरोसा करता है कि वह सारे सम्भव परभक्षियों,प्राकृतिक आपदाओं, खतरों को जानता है और उन सभी से उनकी रक्षा कर सकता है। चरवाहे की शक्ति की छड़ी और उसके सुधार की लाठी उसे अति कठिन परिस्थितियों में भी आराम प्रदान करती है।

जब जीवन अनिश्चत हो, जब खतरा आपको डराए, जब आप सक्रमण के समय से होकर गुजर रहे हैं, डर को अपने ऊपर कब्जा करने देने से इनकार करें। दाऊद की घोषणा से सीखें। भयरहित जीवन व्यतीत करना हमारे लिए एक वैध चुनाव है, क्योंकि हमारा चरवाहा इस घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में भी हमारी अगुवाई करता है। लेकिन हमें इसका चुनाव करना है। जब हम जीवन में अन्धकार से भरी हुई तराई से होकर हमारे चरवाहे के साथ में चलते हैं, तो वह हमारी सुरक्षा करने की अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करता है।

पवित्र शास्त्र

दिन 1दिन 3

इस योजना के बारें में

परमेश्वर की सामर्थ और उपस्थिति का अनुभव करना

आपको चोट लगने पर ,परमेश्वर कहाँ होते हैं ? समस्याओं में,उसे कैसे महसूस कर सकते हैं? वह दुविधाओं और भय को कैसे स्पष्टता और शान्ति में बदल देता है ? अनेकों भजन क्लेशों से प्रारंभ होकर परमेश्वर की उपस्तिथि और सामर्थ्य पे समाप्त होते हैं। उनकी शिक्षाओं को सीखने और पालन करने से, हमारी गवाही भी उनके समान हो जाती है। हम गहन आवश्यकताओं में परमेश्वर को पा सकते हैं।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए एज पर लिविंग को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://livingontheedge.org/