क्रुसित हुआनमूना

क्रुसित हुआ

दिन 12 का 21

चंगाई 

मैंने एक बार एक 90 साल की स्त्री की कहानी पढ़ी थी, जो बहुत ही स्वस्थ थी, इतनी स्वस्थ की अपने घर का सारा काम खुद ही करती थी। उसका रहस्य? जब उसने य शा याह 53:4-5 पढ़ा, उसने पूरे दिल से उस पर विश्वास किया। य शा याह 53:4-5 - ‘‘निष्चय उसने हमारी पीड़ाओं को सह लिया और हमारे दुःखों को उठा लिया। फिर भी हमने उसे परमेश्वर का मारा कूटा और दुर्दशा  में पड़ा हुआ समझा। परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण भेंदा गया, वह हमारे अधर्म के कामों के कारण कुचला गया; हमारी ही शांति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी, उसके कोडे खाने से हम चंगे हुए। दरअसल पीड़ा शब्द का अनुवाद ‘बीमारियाँ’ यह होना चाहिए था, क्योंकि इसका अर्थ है सारे रोग। दुःख शब्द की जगह ‘दर्द’ शब्द का उपयोग होना चाहिए था, क्योंकि इस शब्द में सारे दर्द आ जाते हैं, जैसे  शा रीरिक, मानसिक और भावनात्मक दर्द। ये अधिक शुद्ध और सही अनुवाद है और इब्रानियों के मूल शब्दों से ज्यादा मेल खाता हैं।

क्रूस पर जिस प्रकार से यीशु  ने हमारे पाप, अभिशाप, दरिद्रता और सज़ा को ले लिया उसने हमारे दर्द और बीमारियाँ भी ले लीं और बदले में हमें चँगाई दे दी। उसने सचमुच हमारे दर्द के पूरे बोझ को अनुभव किया और उनको हमसे दूर ले गया।

उस 90 वर्शीय स्त्री ने इस पर विश्वास किया था, अपने जीवन में बहुत पहले ही, कि यदि प्रभु ने उसकी बिमारियाँ स्वयं सह ली तो उसे उन बीमारियों का बोझ नहीं सहना पड़ेगा। उसने यीशू को अपना उद्धारकर्ता मान लिया था। एक दिन प्रभु ने उसे न्यौता दिया था- ‘‘तुम आज मुझे अपने चंगाई देने वाले के रुप में क्यों नहीं स्वीकार कर लेती हो?’’ तो उसने घुटनों पर बैठ कर प्रभु को अपने चंगाई देने वाले के रुप में स्वीकार कर लिया था। उस दिन से जब तक वह स्वर्ग नहीं चली गयी प्रभु के पास, तब तक उसने हमेशा अच्छे स्वास्थ्य का आनन्द लिया। उसकी इच्छा है कि हम बीमारियों से मुक्त जीवन बितायें। हमें गठिया, मधुमेह, कर्क रोग, दमा और बी.पी. जैसी बीमारियों का बोझ नहीं उठाना है। इन सबके अलावा और भी कोई बीमारी हमें नहीं होनी चाहिये। 

आईये, हम सब प्रभु को अपने चंगाई देने वाले के रुप में स्वीकार करें! 

घोषणा करें

- यीशु के कोड़े खाने से मैं चँगा हुआ। (यशायाह 53:5)

- यीशु ने स्वयं हमारी दुर्बलताओं को ले लिया और हमारे रोगों को उठा लिया। (मत्ती 8:17)

- हे परमेश्वर, मेरे अन्न, जल पर आशीष दे और मेरे सारे रोगों को दूर कर। (निर्गमन- 23:25)

- मैं मरुँगा नहीं, वरन जीवित रहूँगा और यहोवा के कार्यों का वर्णन करुँगा। (भजन संहिता 118:17)

- परमेश्वर, तू मेरे सब रोगों को चंगा करता है। (भजन संहिता 103:3)

- मैं हर बीमारी की आत्मा का, जो मेरे शरीर पर हमला कर सकती है, प्रभु यीशु  के नाम से बहिष्कार करता हूँ। 

- मैं अपनी हड्डियों में, अपनी माँसपेशियों में, जोड़ों में, अंगों में, सिर, आँखों, कान, नाक, मुँह, गले, रक्त, फेफड़ों, जीभ और पैरों में शक्ति और चंगाई माँग लेता हूँ, प्रभु यीशु के नाम में।

- मैं सारी बीमारियों के श्राप को अनुवांशिकता की आत्माओं को और बीमारी की आत्माओं को बाहर आने का आदेश देता हूँ। गलातियों 3:13 

- यीशु  मेरे जीवन पर प्रभुता करो, अपने पंखों में चंगाई लेकर। मलाकी 4:2

- मैं भयसहित और अद्भुत रीति से बनाया गया हूँ। मेरा शरीर उसी प्रकार से कार्य करे जिस तरह से कार्य करने के लिये तूने उसे रचा है। (भजन संहिता 139:14)

प्रार्थना करें 

- यीशु  के नाम मे अधिकार को लेकर हमारे कलीसिया के परिवारों में के बीमार सदस्यों के लिए प्रार्थना और मध्यस्थी करें।

- प्रार्थना करे कि परमेश्वर की सुरक्षा का बाड़ा आपके, आपके परिवार के और पूरी कलीसिया चारों ओर रहे ताकि शत्रु की कोई भी योजनाए सफल ना हो।

पवित्र शास्त्र

दिन 11दिन 13

इस योजना के बारें में

क्रुसित हुआ

यह योजना आपकी यीशु की क्रूस पर बलिदान पूर्ण मृत्यु द्वारा आपके लिए हासिल की गयी आशीषों पर मनन करने, परमेश्वर के वचन की सच्चाई का साहस पूर्ण अंगीकार करने तथा इन 21 दिनों में सरल बिंदुओं के उपयोग द्वारा प्रार्थना करने हेतु प्रोत्साहित करेगी । मैं आपको उपवास, प्रार्थना और अपने जीवन को पुन: समर्पित करने हेतु उत्साहित करता हूँ ।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ चर्च - लोखंडवाला को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: http://vijaynadar.com/