क्रुसित हुआनमूना

क्रुसित हुआ

दिन 14 का 21

शर्म से मुक्ति

शर्म यह एक बहोत ही निर्दयी चीज है, जो हमे जीवन भर के लिए अपंग बना देती है। यह हमें पूरी तरह से शर्मिंदगी से अयोग्यता की ओर ढकेलती है। यह हमारे व्यक्तित्व को हानि पहुंचाती और हमारी पहचान में गड़बड़ी लाती है। ज्यादातर इसकी जड़ें हमारे बचपन के अलग अलग अनुभवों में होती है।

इसमें से आम बातें असफलता, कमजोरी, आरोप या भावनात्मक या लैंगिक षोशण होती है। जब हम क्रूस के पास आएंगे सिर्फ तभी हम शर्म से मुक्त हो सकते है। शर्म के नि शा न सिर्फ परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा ही चंगे किये जा सकते है।

यशायाह 50:6 मैं ने मारने वालों को अपनी पीठ और गलमोछ नोचने वालों की ओर अपने गाल किए या अपमानित होने और थूकने से मैं ने मुंह न छिपाया। 

क्रुसपर, यीशु ने हमारे शर्म को सह लिया। क्रुसित किये जाने से ज्यादा मृत्यु का और कोई शर्मनाक रूप नही है। यह सबसे निचले स्तर का दंड है, जो सबसे दूषित गुनहगारों को दिया जाता था। सताव लाने के लिए क्रूस यह शर्म का एक साधन था।

गुनाहगार को नग्न करके कोड़े मारे जाते थे। यीशु  को लोगों की आँखों के सामने तीन या उससे ज्यादा घंटो तक लटकाया गया। उसके सामने से चलते हुए लोग उसका मजाक उड़ा रहे थे।

इब्रानियों 12:2 और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु  की ओर ताकते रहें जिस ने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके, क्रूस का दुख सहा।

शर्म जो यीशु ने क्रूस पर सह ली उसने उनके लिए जो उसपर भरोसा करते है मार्ग खोला, ताकि वो अपनी खुद की शर्म से आजाद हो सके।

सिर्फ इतना ही नही, परंतु वह अपनी महिमा को भी हमारे साथ बाँटता है, जो अनंतकाल के अधिकार के द्वारा उसकी ही है।

घोषणा करें

- प्रभु, मेरे प्राण को पुनर्स्थापित कर। भजनसंहिता 23:3

- जो मेरे प्राण के खोजी है, उन्हें तू लज्जित करता है। भजनसंहिता 35:4

- मुझे भलाई का कोई लक्षण दिखा, जिसे देख कर मेरे बैरी लज्जित हों।  भजनसंहिता 86:17

- मेरे भीतरी मनुष्यत्व को अपनी आत्मा की शक्ति और सामर्थ्य से भर दे। इफिसियो 3:16

- मुझे मसीह के प्रेम को जानने दे, जो सारी समझ से परे है, ताकि मैं परमेश्वर की सारी परिपूर्णता से भर जाऊ। इफिसियो 3:19

- मैं हर चोट, गुस्से, तिरस्कार, डर, उदासीपन, दबाव, निराशा, शोक, कड़वाहट, और अक्षमा की आत्मा को आज्ञा देता हुँ की यीशु मसीह के नाम में वो मेरे भावनाओं में से बाहर निकल जाए।

- मैं हर एक लज्जा, शर्म, और दोशभावना कि आत्माओं को यीशु  के नाम में आज्ञा देता हुँ की वो मेरे विवेक को छोड़कर निकल जाए।

- होने दे तेरा अभिषेक मेरी गर्दन पर से शत्रु के जुए को निकाल फेंके और हर एक जुआ नाश हो जाये।  यशायाह 10:27

- मैं मेरे बोझ को परमेश्वर पर डालता हुँ, और वह मुझे बनाए रखता है। भजनसंहिता 55:22

- मैं भारीपन की आत्मा के लिए स्तुति के वस्त्र पहनता हुँ। यशायाह 61:10

प्रार्थना करें

- प्रार्थना करे की कलीसिया का हर एक सदस्य प्राणों को जीतनेवाला हो। लोगों के लिए प्रेम और साहस के लिए प्रार्थना करें।

- प्रार्थना करे कि कलीसिया की हर एक सभाएँ बढ़ जाये और लोग, पूर्व, पश्चिम , उत्तर और दक्षिण से आये, और उनका उद्धार हो जाये।

पवित्र शास्त्र

दिन 13दिन 15

इस योजना के बारें में

क्रुसित हुआ

यह योजना आपकी यीशु की क्रूस पर बलिदान पूर्ण मृत्यु द्वारा आपके लिए हासिल की गयी आशीषों पर मनन करने, परमेश्वर के वचन की सच्चाई का साहस पूर्ण अंगीकार करने तथा इन 21 दिनों में सरल बिंदुओं के उपयोग द्वारा प्रार्थना करने हेतु प्रोत्साहित करेगी । मैं आपको उपवास, प्रार्थना और अपने जीवन को पुन: समर्पित करने हेतु उत्साहित करता हूँ ।

More

हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ चर्च - लोखंडवाला को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: http://vijaynadar.com/