क्रुसित हुआनमूना
आज़ादी (स्वतंत्रता, मुक्ति, स्वाधीनता)
इब्रानियों 2:14,15 जिस प्रकार बच्चे माँस और लहू में सहभागी हैं, तो वह आप भी उसी प्रकार उनमें सहभागी हो गया है कि मृत्यु के द्वारा उसको, जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली है, अर्थात षैतान को शक्तिहीन कर दे... और उन्हें छुड़ा ले, जो मृत्यु के भय से जीवन भर दासत्व में पड़े थे।
सब लोग जीवित है, परन्तु बहुत कम लोग जी रहे हैं। क्यों..? क्योंकि मौत का भय दासत्व पैदा करता है। एक दास का जीवन, दुःख और परे शा नियों से भरा हुआ है। बिना आज़ादी के आप जीवित तो होते हो, पर जी नहीं पाते हो। अपनी मौत के द्वारा यीशु ने मनुश्य को इस दासत्व से छुटकारा दिलाया।
युहन्ना 1:4 उसमें जीवन था और वह जीवन मनुष्यों की ज्योति थी।
‘जीवन’ के लिये जो यूनानी शब्द है, वह है ‘ज़ोई’ जिसका अर्थ है-परमेश्वर जैसा जीवन। यह ऐसा जीवन है जो परमेश्वर स्वयं पसन्द करता है। प्रकाश का अर्थ है ‘‘विकास’’। दूसरे शब्दों में ‘उसमें जोई था और जोई मनुश्य का विकास।’ यीशु ने अपनी मौत के द्वारा हमें आज़ादी दी। अब जो परमेश्वर का जीवन हमारे अन्दर है, वह हमारे जीवन में बढोतरी या विकास लाता है। हम आज़ाद हैं, वह सब बनने के लिये जो परमेश्वर की इच्छा है हमारे लिये।
अनन्त जीवन वो नहीं जो तुम एक दिन स्वर्ग में जियोगे, परन्तु अनन्त जीवन वो है जिसका आनन्द तुम उस दिन से लेना शु रु कर देते हो, जब तुम यीशु के बलिदान पर विश्वास कर लेते हो। एक नये जनम का वो पल। विक्टर टोरेस ने यीशु को अपने दिल में ग्रहण किया जब किसी ने उसे परमेश्वर के प्रेम का सुसमाचार सुनाया। उस दिन जब वो सड़क पर अपने घुटनों पर बैठा, तब प्रभु ने उसे आज़ादी दे दी।
वह बाईबल स्कूल गया और बाद में उसने नौजवानों के लिये सेविकाई शुरु की जो कि बहुत सफल रही। उस सेविकाई से हज़ारों नौजवानों को ड्रग्ज़ की लत और अपने गिरोह से आज़ादी मिली। वह आगे चल कर वर्जिनिया में एक बहुत बड़ी कलीसिया के पासबान बने। उनकी 22 कलीसियायें इस समय अमेरिका में और दुनिया के दूसरे देषों में भी चल रही हैं। वह सारी दुनिया में भ्रमण करते हैं और सबको बताते हैं कि परमेश्वर ने उनके जीवन में क्या किया।
यह जीवन है जो यीशु हमें देने के लिये आया था।
घोषणा करें
- परन्तु मैं पहले परमेश्वर के राज्य और उसकी धार्मिकता की खोज में लगा रहूँगा, तो ये सब वस्तुयें मुझे दे दी जायेंगी। (मत्ती 6:33)
- परमेश्वर के राज्य का प्रेम, धार्मिकता और आनन्द मेरे जीवन में स्थापित हो जायें। (रोमियों 14:17)
- हे यहोवा, उस कृपा के अनुसार जो तू अपनी प्रजा पर करता है, मुझे स्मरण कर, उद्धार करके मेरी सुधि ले। (भजन संहिता 106:4)
- मुझे परमेश्वर में प्रदत्त विकास से विकसित होते जाना है। (कुलुस्सियों 2:19)
- मैं उन योजनाओं को अपने जीवन में स्वीकार कर लेता हूँ, जो परमेश्वर ने मेरी हानि की नहीं, परन्तु मेरी कुशलता के लिये बनाई है। जिससे कि जिस अन्त की मुझे अपेक्षा होगी वो ही अन्त होगा। (यिर्मयाह 29:11)
- प्रभु मैं तेरा दास हूँ, मेरा काम सफल कर। (नहेमायाह 1:11)
- प्रभु तूने ही मुझको बुलाया है और तू ही मेरे मार्गों को सफल करेगा। (य शा याह 48:15)
- मेरे आगे अपने स्वर्गदूतों को भेज और मेरे मार्ग को सफल कर। (निर्गमन 33:2)
- यहोवा अपने भले भण्डार को खोल दे, स्वर्ग की वर्शा मुझ पर होने दे, ताकि मैं अनेक जातियों को ऋण दूँ और मेरे हाथ के कार्यों को आशीषित कर। (व्यवस्थाविवरण 28:12)
- धन्य हूँ मैं भीतर आते समय और धन्य हूँ मैं बाहर जाते समय। (व्यवस्थाविवरण 28:6)
प्रार्थना करें
- प्रार्थना करे कि परमेश्वर आपके सामने ऐसे लोगों को लेकर आये जो उसके लिए खुले है। परमेश्वर का प्रेम बाँटने के लिए मौकों के लिए प्रार्थना करें।
- हर एक उन मानसिक मजबूत गढों, विचारों, झूठों, घमंड, आत्मनिर्भरता यह सारी बाते जो आपको प्रभु यीशु के प्रेम को समझने से रोकती है उनके खिलाफ प्रार्थना करे।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
यह योजना आपकी यीशु की क्रूस पर बलिदान पूर्ण मृत्यु द्वारा आपके लिए हासिल की गयी आशीषों पर मनन करने, परमेश्वर के वचन की सच्चाई का साहस पूर्ण अंगीकार करने तथा इन 21 दिनों में सरल बिंदुओं के उपयोग द्वारा प्रार्थना करने हेतु प्रोत्साहित करेगी । मैं आपको उपवास, प्रार्थना और अपने जीवन को पुन: समर्पित करने हेतु उत्साहित करता हूँ ।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ चर्च - लोखंडवाला को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: http://vijaynadar.com/