क्रुसित हुआनमूना
प्रेम किया हुआ
तिरस्कार का एक परिणाम यह है, की हम प्रेम लेने और देंने में असमर्थ हो जाते है। हम में से कोई भी तब तक प्रेम नही दे सकता जबतक हमने प्रेम पाप्त किया न हो। तिरस्कार हमे गरीब बनाकर छोड़ता है और हमारे रिश्तों में जरूरतमंद बनाता है। परंतु परमेश्वर का अपनापन और उसका प्रेम हमे अमीर बनाता है और हमे हमारे रिष्तों में देनेवाले के रूप में परिवर्तित करता है।
1 यूहन्ना 4:19 हम उससे प्रेम करते है, क्योंकि पहले उसने हमसे प्रेम किया है।
क्रूस हमे बताता है की हम परमेश्वर के द्वारा प्रेम किये गए और खजाने के जैसे संभालकर रखे गए है। जब हम इस सत्य को जानते है तो यह सत्य हमे परमेश्वर और दुसरो से प्रेम करने के लिए स्वतंत्र करता है।
1 यूहन्ना 3:1 देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भीः इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उस ने उसे भी नहीं जाना।
पहला सवाल जो आपको सुलझाना है वो यह है कि ‘‘मैं कौन हुँ?
तिरस्कार की जड़ हमारे पहचान की समस्याओं मे बनी हुई है। यह मायने नही रखता की आप अपने बारे में की आप पहले कौन थे इसके विशय मे क्या सोचते हो, क्योंकि अभी परमेश्वर ने आपको एक नई पहचान दी है। अब से आगे तुम अनाथ की तरह नही हो जिससे प्रेम करने के लिए कोई नही होता, परंतु तुम परमेश्वर की संन्तान हो। आप उसके और उसके परिवार के हो।
जितना ज्यादा आप अपनी नई पहचान पर ध्यान दोगे उतना ज्यादा आप लोगों की ओर से आनेवाले तिरस्कार को सही तरह से संभाल सकते हो।
भजनसंहिता 90:14 भोर को हमें अपनी करूणा से तृप्त कर, कि हम जीवन भर जयजयकार और आनन्द करते रहें।
दूसरा सवाल जिसका आपको जवाब देना है, वो यह है कि,‘‘ किसका प्रेम मुझे तृप्त करता है? अनुभव हमे बताता है कि कभी कभी लोग हमें निराश कर सकते है, जिस प्रकार से हम भी बोहोत बार लोगों को निराश करते है।
क्यू न आप उसके पास आने सिख जाए जो खुद प्रेम है, जो कभी भी आपको निराश नही करेगा, जिसका प्रेम कभी भी खत्म नही होता।
मूसा की प्रार्थना यह थी की उसके चमत्कारों, अद्भुत कामों और आषीशों के द्वारा नही परंतु हर सुबह वो परमेश्वर के प्रेम से तृप्त किये जायें।
परमेश्वर का प्रेम हमारे प्राण की सारी जरूरतों के लिए काफी है। अगर हम परमेश्वर के स्थिर प्रेम से खिलाये और भरे जाए, तो हमारे मुँह में हमेशा आनंद का गीत होगा।
घोषणा करें
- प्रभु, मुझे जीवन का मार्ग दिखा, तेरी उपस्थिति में आनंद की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सर्वदा का सुख है। भजनसंहिता 16:11
- मैं परमेश्वर के आँखों की पुतली हुँ।
- मुझे मेरी भावनाओं में जय प्राप्त करने दे।
- मुझे मेरे रिश्तों में जय प्राप्त करने दे।
- मैं परमेश्वर की संतान हुँ।
- प्रभु, मेरे अंदर सेहत को पुनर्स्थापित कर और मुझे मेरे घावों से चंगा कर। यिर्मयाह 30:17
- अब से आगे मैं शैतान के किसी भी झूठ को नही सुनूँगा और उसपर विश्वास भी नही करूँगा क्योंकि वह झूठा है, और झूठों का पिता है। यूहन्ना 8:44
- अब से आगे मैं शत्रु को मेरी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की इजाजत नही दूँगा, परंतु मैं अपनी भावनाओं को परमेश्वर के आंनद और शांती से लगाए रखूंगा।
- अब से आगे मैं लोगों को मुझे प्रभु के प्रेम से दूर करने की इजाजत नही दूंगा, लेकिन मैं अपने आपको प्रेम में चलने के लिए समर्पित करता हुँ, क्योंकि परमेश्वर प्रेम है। 1 यूहन्ना 4:7,8
प्रार्थना करें
- कलीसिया आनेवाले समय मे होनेवाले कार्यक्रमों के लिए प्रार्थना करें - गुड़ फ्राइडे की सभाएँ, ईस्टर की सभाएँ, रात की प्रार्थनाएँ, कलीसिया के कैम्प के लिए और बाइबल स्कूल के लिए।
- प्रार्थना करे की हर एक कार्यक्रमों के लिए लगनेवाली पैसे स्वतंत्र किये जायें और हर एक जरूरत स्वतंत्र की जाए।
- प्रार्थना करे कि परमेश्वर का अनुशासन और शांती हर एक कार्यक्रमों में बनी रहे।
- हर एक बीमारिया, अपघात, दुर्घटनाए रुकावटे जो हमारे कार्यक्रमों के विरुद्ध में शत्रु ने योजना बनाकर रखी है, उनके खिलाफ प्रार्थना करें।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
यह योजना आपकी यीशु की क्रूस पर बलिदान पूर्ण मृत्यु द्वारा आपके लिए हासिल की गयी आशीषों पर मनन करने, परमेश्वर के वचन की सच्चाई का साहस पूर्ण अंगीकार करने तथा इन 21 दिनों में सरल बिंदुओं के उपयोग द्वारा प्रार्थना करने हेतु प्रोत्साहित करेगी । मैं आपको उपवास, प्रार्थना और अपने जीवन को पुन: समर्पित करने हेतु उत्साहित करता हूँ ।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ चर्च - लोखंडवाला को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: http://vijaynadar.com/