क्रुसित हुआनमूना

क्रुसित हुआ

दिन 15 का 21

महिमा

यीशु  के सामने कौन सा आनन्द था जिसके कारण उसने क्रूस की शर्म को सह लिया?

(इब्रानियों 2:10) उसके लिये ये उचित था कि बहुत से पुत्रों को महिमा में लाने के लिये, उनके उद्धार के कर्ता को दुःख उठाने के द्वारा सिद्ध करें। यीशु  बहुत से पुत्रों को महिमा में लाया। उसने हमारी शर्म अपने ऊपर ले ली ताकि हम उसकी महिमा उसके साथ बाँट सकें।

हम में से हर एक के अतीत में ऐसा कुछ है, जिसे लेकर हमें शर्म आती है। 

नकारात्मक सोच और दर्दनाक याददाश्त हमे आगे बढ़ने से रोकती है। बहुत बार हम अपनी पहचान खो देते हैं जो उस शर्म के कारण होता है और इस वजह से हम एक फलदायक जीवन नहीं जी पाते हैं।

लेकिन यीशु  इसी को बदलने के लिये आया (रोमियों 8:16-17) आत्मा स्वयं हमारी आत्मा के साथ मिल कर साक्षी देता है कि हम परमेश्वर की संतान हैं....और यदि हम संतान है तो उत्तराधिकारी भी और मसीह के सह-उत्तराधिकारी जबकि हम वास्तव में उसके साथ दुःख उठाते हैं और उसके साथ महिमा भी पायें। 

पहले वह हमें उसका अपना बताता है। परमेश्वर की संतान होने के नाते हमे अपनी चोट खायी हुई पहचान की जगह एक नई पहचान मिलती है। फिर वो उसे एक कदम आगे ले जाता है और हमें परमेश्वर के उत्तराधिकारी घोशित कर देता है, यीशु  के बराबर में। ये हमारे लिये कितने सम्मान की बात है, वो हमे वो सम्मान देता है। ये है महिमा। 

(रोमियों 8:18) क्योंकि मैं ये समझता हूँ कि वर्तमान समय के दुःखों की तुलना करना, आने वाली महिमा से जो हम पर प्रकट होने वाली है, उचित नहीं।

अभी और भी महिमा प्रकट होनी बाकी है मेरे प्रियों। मुझे विश्वास है कि परमेश्वर अपनी संतानों को इस प्रकार से सम्मानित करेगा कि सारी सृश्टी को इर्षां होगी। हमारी शर्म अब एक बीता हुआ कल हो जाना चाहिये। (हमे अपनी शर्म को भूल जाना चाहिये) हमे शा  उन बातों को स्मरण नहीं करना चाहिये। 

क्रूस के लिये प्रभु का धन्यवाद करो। 

घोषणा करें

- मैं उन सभी नकारात्मक शब्दों की शक्ति को तोड़ता हूँ जो मेरे प्राणों के विरुद्ध में बोले गये हैं। भजन संहिता 109:20

- मैं नम्रतापूर्वक उस वचन को ग्रहण कर लेता हूँ जो मेरे प्राणों को बचा सकता है। याकूब 1:21

- प्रभु यीशु के नाम से मैं अपने मन, इच्छा और भावनाओं को उन अंन्धकार की शक्तियों के हर काम से मुक्त करता हूँ।

- बुराई से हारुँगा नहीं, परन्तु भलाई से बुराई को जीत लूँगा। रोमियों 12:21

- मैं परमेश्वर के द्वारा प्रभु का उत्तराधिकारी हूँ। गलातियों 4:7

- मैं मसीह का सह-अधिकारी हूँ। रोमियों 8:17

- मैं जीवन में राज्य करुँगा, यीशु  मसीह के द्वारा रोमियों 5:17

- उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पूर्व मसीह में चुन लिया कि हम उसके समक्ष प्रेम में पवित्र और निर्दोश हों। इफिसियों 1:4

- मैंने यीशु  मसीह के द्वारा उत्तराधिकारी प्राप्त किया है। इफिसियों 1:11

- मैं उस उच्च दर्जे की बुलाहट की ओर दौड़ा चला जाता हूँ जिसके लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु  में बुलाया है। फिलिप्पियों 3:14

प्रार्थना करें

प्रार्थना करे जैसे कलीसिया और घर कलीसिया होने के नाते हम मिलते है। प्रार्थना करे कि वहाँपर लोगों का अलौकिक तरीके से परमेश्वर के साथ आमना सामना हो।

- प्रार्थना करे कि कलीसिया में चिंन्ह, चमत्कार और अद्भुत काम प्रकट हो। प्रार्थना करे कि हर एक नया व्यक्ति परमेश्वर के सामर्थ्य का अनुभव करे और यह घोशणा करे कि परमेश्वर हमारे बीच मे है।

- प्रार्थना करे कि भविष्यवाणी का अभिशेक कलीसिया पर स्वतंत्र की जाए और उसके द्वारा सारे विश्वासी बांधे जाए।

दिन 14दिन 16

इस योजना के बारें में

क्रुसित हुआ

यह योजना आपकी यीशु की क्रूस पर बलिदान पूर्ण मृत्यु द्वारा आपके लिए हासिल की गयी आशीषों पर मनन करने, परमेश्वर के वचन की सच्चाई का साहस पूर्ण अंगीकार करने तथा इन 21 दिनों में सरल बिंदुओं के उपयोग द्वारा प्रार्थना करने हेतु प्रोत्साहित करेगी । मैं आपको उपवास, प्रार्थना और अपने जीवन को पुन: समर्पित करने हेतु उत्साहित करता हूँ ।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ चर्च - लोखंडवाला को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: http://vijaynadar.com/