क्रिसमस की आशानमूना
बुद्धिमान के लिए वचन
आज के वचनों को पढ़ें।
किसी भी जन्म दृश्य को देखें, और आप संभवतया आप एक ऐसे चरित्रों को देखेंगे जो बाड़े में बिल्कुल नहीं समाते: बुद्धिमान पुरुष/ज्योतिषी। हम उनके आदी हो चुके हैं, लेकिन यदि आप उस दृश्य को और करीब से देखेंगे, तो वो अपने विशेष उपहारों एवं मनोहर वस्त्रों के साथ अनुचित दिखाई पड़ते हैं।
परन्तु मेरे लिए, क्रिसमस की कहानी के सबसे ज़्यादा आकर्षक ये किरदार ही हैं। इनके बारे में हम ज़्यादा कुछ नहीं जानतें। हम नहीं जानते कि वो कौन हैं और कहाँ से आएँ हैं। हम नहीं जानते कि वो कौन हैं और कहाँ से आएँ हैं। बाइबिल उन्हें "मजूसी/ज्योतिषी" कहती है। दार्शनिक, वैज्ञानिक, तथा खगोलशास्त्री का मिला-जुला रूप था मजूसी। वे लोग काफी पढ़े-लिखे तथा अमीर हुआ करते थे। लेकिन उनके बारे में हम बस इतना ही जानतें हैं।
लेकिन हम यह जानतें हैं कि वो बुद्धिमान थे। बल्कि, क्रिसमस की कहानी में जो बुद्धिमत्ता उन्होंने प्रदर्शित की, उससे हम बहुत कुछ सीख सकतें हैं।
बुद्धिमान पुरुषों से सीखने योग्य अन्य पाठों में से, हम सत्य को खोजना सीखतें हैं। बुद्धिमान पुरुष अपने अनुमानों या परिकल्पनाओं से ख़ुश नहीं हैं। वे परमेश्वर के सत्य, अपने,भूतकाल, तथा अपने भविष्य के बारे में सत्य जानना चाहते थे। बुद्धिमान पुरुषों ने पूछा, "वो बालक, जो यहूदियों का राजा बनने के लिए पैदा हुआ हैं, वो कहाँ पैदा हुआ है?" (मत्ती २:२अ)
बुद्धिमान पुरुष यीशु को ढूँढ रहे थे। बुद्धिमान स्त्री तथा पुरुष आज भी उसे ढूँढ रहे हैं।
जब सत्य की बात आती है तो जीवन में दो तरह के लोग मिलते हैं: परिकल्पना करने वाले तथा ढूंढने वाले। परिकल्पना करने वाले सत्य के बारे में अनुमान लगाते हैं। परमेश्वर कैसे हैं, परिकल्पना करने वाले सोचते हैं कि वो इस बात को जानतें हैं।
परिकल्पना करने वाले परमेश्वर के बारे में बात करना तथा वाद-विवाद करना पसंद करते हैं, लेकिन वे सिर्फ अनुमान लगाते हैं - क्योंकि वास्तव में वे लोग सत्य को जानना ही नहीं चाहते। वे लोग केवल उसके बारे में बात करना चाहते हैं।
दूसरी ओर, जो लोग सत्य की खोज में लगे रहतें हैं, परमेश्वर उनसे प्रेम करते हैं। खोजी लोग चार बातें करतें हैं:
• वो प्रश्न पूछते हैं।
• वो अध्ययन करते हैं।
• उनके आस-पास क्या हो रहा है, वो इसका ध्यान रखते हैं।
• उत्तर ढूँढने के लिए जो कुछ भी करना पड़े, वो सब करते हैं।
अपना सब कुछ लगा कर वो यीशु को खोजते हैं। परमेश्वर खोजनेवालों से प्रेम करतें हैं। बाइबिल बताती है, "किन्तु वहाँ से ही तुम अपने प्रभु परमेश्वर की खोज करोगे। यदि तुम अपने सम्पूर्ण ह्रदय से, अपने सम्पूर्ण प्राण से उसकी खोज करोगे, तो तुम उसे प्राप्त भी कर सकोगे। " (व्य. 4:29)
यदि आप सही मायने में संजीदगी के साथ सत्य को खोज रहें हैं, तो आप असफल नहीं हो सकते।
परमेश्वर आपको होने नहीं देगा।
आज के वचनों को पढ़ें।
किसी भी जन्म दृश्य को देखें, और आप संभवतया आप एक ऐसे चरित्रों को देखेंगे जो बाड़े में बिल्कुल नहीं समाते: बुद्धिमान पुरुष/ज्योतिषी। हम उनके आदी हो चुके हैं, लेकिन यदि आप उस दृश्य को और करीब से देखेंगे, तो वो अपने विशेष उपहारों एवं मनोहर वस्त्रों के साथ अनुचित दिखाई पड़ते हैं।
परन्तु मेरे लिए, क्रिसमस की कहानी के सबसे ज़्यादा आकर्षक ये किरदार ही हैं। इनके बारे में हम ज़्यादा कुछ नहीं जानतें। हम नहीं जानते कि वो कौन हैं और कहाँ से आएँ हैं। हम नहीं जानते कि वो कौन हैं और कहाँ से आएँ हैं। बाइबिल उन्हें "मजूसी/ज्योतिषी" कहती है। दार्शनिक, वैज्ञानिक, तथा खगोलशास्त्री का मिला-जुला रूप था मजूसी। वे लोग काफी पढ़े-लिखे तथा अमीर हुआ करते थे। लेकिन उनके बारे में हम बस इतना ही जानतें हैं।
लेकिन हम यह जानतें हैं कि वो बुद्धिमान थे। बल्कि, क्रिसमस की कहानी में जो बुद्धिमत्ता उन्होंने प्रदर्शित की, उससे हम बहुत कुछ सीख सकतें हैं।
बुद्धिमान पुरुषों से सीखने योग्य अन्य पाठों में से, हम सत्य को खोजना सीखतें हैं। बुद्धिमान पुरुष अपने अनुमानों या परिकल्पनाओं से ख़ुश नहीं हैं। वे परमेश्वर के सत्य, अपने,भूतकाल, तथा अपने भविष्य के बारे में सत्य जानना चाहते थे। बुद्धिमान पुरुषों ने पूछा, "वो बालक, जो यहूदियों का राजा बनने के लिए पैदा हुआ हैं, वो कहाँ पैदा हुआ है?" (मत्ती २:२अ)
बुद्धिमान पुरुष यीशु को ढूँढ रहे थे। बुद्धिमान स्त्री तथा पुरुष आज भी उसे ढूँढ रहे हैं।
जब सत्य की बात आती है तो जीवन में दो तरह के लोग मिलते हैं: परिकल्पना करने वाले तथा ढूंढने वाले। परिकल्पना करने वाले सत्य के बारे में अनुमान लगाते हैं। परमेश्वर कैसे हैं, परिकल्पना करने वाले सोचते हैं कि वो इस बात को जानतें हैं।
परिकल्पना करने वाले परमेश्वर के बारे में बात करना तथा वाद-विवाद करना पसंद करते हैं, लेकिन वे सिर्फ अनुमान लगाते हैं - क्योंकि वास्तव में वे लोग सत्य को जानना ही नहीं चाहते। वे लोग केवल उसके बारे में बात करना चाहते हैं।
दूसरी ओर, जो लोग सत्य की खोज में लगे रहतें हैं, परमेश्वर उनसे प्रेम करते हैं। खोजी लोग चार बातें करतें हैं:
• वो प्रश्न पूछते हैं।
• वो अध्ययन करते हैं।
• उनके आस-पास क्या हो रहा है, वो इसका ध्यान रखते हैं।
• उत्तर ढूँढने के लिए जो कुछ भी करना पड़े, वो सब करते हैं।
अपना सब कुछ लगा कर वो यीशु को खोजते हैं। परमेश्वर खोजनेवालों से प्रेम करतें हैं। बाइबिल बताती है, "किन्तु वहाँ से ही तुम अपने प्रभु परमेश्वर की खोज करोगे। यदि तुम अपने सम्पूर्ण ह्रदय से, अपने सम्पूर्ण प्राण से उसकी खोज करोगे, तो तुम उसे प्राप्त भी कर सकोगे। " (व्य. 4:29)
यदि आप सही मायने में संजीदगी के साथ सत्य को खोज रहें हैं, तो आप असफल नहीं हो सकते।
परमेश्वर आपको होने नहीं देगा।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
बहुत से लोगों के लिए, क्रिसमस एक लंबे समय तक चलने वाली सूची बन गई है जो उन्हें थका हुआ और २६ दिसंबर की उम्मीद करवाती है। संदेशों की इस श्रृंखला में, पास्टर रिक आपको क्रिसमस का जश्न मानाने के कारणों को याद करने में आपकी मदद करना चाहता है और आपको छुट्टियों का जश्न मनाने के साथ-साथ अपने जीवन के बाकी हिस्सों को भी क्यों नहीं बदला जाना चाहिए।
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रिक वर्रेन द्वारा यह भक्ति © 2014 सर्वाधिकार सुरक्षित है। अनुमति द्वारा प्रयुक्त।