क्रिसमस की आशानमूना
खो जाना क्या है।
आज के वचन को पढ़ें!
अगर आप क्रिसमस के मूल उद्देश्य को नहीं जानते, तो आप इस साल क्रिसमस की तैयारी और सजावट भी न करें,ना ही कोई क्रिसमस के तोहफे खरीदे, आप क्रिसमस के प्रीतिभोज को भी भूल सकते हैं!
अगर आपको वाकई नहीं पता की हम क्रिसमस क्यों मनाते है, तो हमारा ये त्यौहार मनाना व्यर्थ है।
क्रिसमस का यथार्थ उद्देश्य जानने के लिए हमे जल्द से वो चरनी, पूर्व से आये ज्योतिषियों और उन चरवाहों से थोड़े आगे ध्यान केन्द्रित करना होगा! जहाँ यीशु हमें उनके पृथ्वी पर पहले क्रिसमस को आने का कारण बताते है: "क्यूंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है। " (लुका १९:१० हिंदी- BSI)
सरल भाषा में, यीशु आये क्यूंकि लोग परमेश्वर के बिना खो गए हैं, आत्मिक रूप से खोना यानी परमेश्वर से दूर होना, उससे वियोजित होना या उससे अलग होना! यीशु के बिना दुनिया के सभी लोग खोये हुए हैं - इस से कोई फर्क नहीं पड़ता की उनके पास कितनी शक्ति, कितना धन या कितनी प्रसिद्धि है।
हमारे खो जाने का बड़ा असर हमारे जीवन पर होता है। यीशु मसीह जगत में क्यों आये ये जानने से पहले, हमे ये जानना होगा की खोने का अर्थ क्या है। परमेश्वर के बिना हम सब खोये हुए है।
- हमारा मार्गदर्शन। हमें कहाँ जाना चाहिए या हमारे जीवन में क्या करना चाहिए इसकी हमें बहुत ही कम समझ है.
- उसकी सुऱक्षा। अगर हम परमेश्वर की सुरक्षा में नहीं हैं तो हम स्वयं सक्षम हैं, इसी सोंच के कारण आज काफी लोग परेशान हैं! वे परमेश्वर के संरक्षण में रहने के बजाये स्वयं की सुरक्षा में रहने की कोशिश कर रहे हैं!
- हमारी क्षमता। अगर हम परमेश्वर से संबंध ना रखे,तो हम अपनी आधी प्रतिभा और कौशल से वंचित रहेंगे।
- हमारी खुशियां। हो सकता है की हमारे पास दुनियां की सारी सम्पत्ति और रुतबा हो पर परमेश्वर के बिना हम सच्चे आनंद को नहीं पा सकेंगे!
- हमारा स्वर्गीय घर । जबतक हम पृथ्वी पर हैं परमेश्वर हमें बागावत करने की अनुमति देता है परन्तु स्वर्ग में बगावत नहीं है।
लेकिन जो कोई भी खो गये है, परमेश्वर के लिए उनका मूल्य कभी कम नहीं हुआ है। अगर आपने कभी उससे कोई संबंध न रखा हो फिर भी आप परमेश्वर के लिए अतिमूल्यवान हैं। खो जाना मूल्य को दर्शाता है। किसी खोयी वस्तु को वापस पाने के लिए हमारे द्वारा किसी भी हद तक जाकर चुकाए जाने वाला मोल ही हमे उस चीज़ का असली मूल्य दर्शाता है।
पवित्र शास्त्र का सबसे प्रसिद्ध वचन, जहाँ प्रभु यीशु हमे हमारे असली मूल्य का स्पष्टिकरण देते है "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।" (योहन ३:१६ -BSI)
ख़ुशी की बात ये है की परमेश्वर ने हमसे इतना प्रेम किया की उसने अपने एकलौते पुत्र को पृथ्वी पर पहले क्रिसमस के दिन भेज दिया ताकि वो हमे ढूंढ़ सके और बचा सके।
और ये एक उम्दा कारण है उत्सव मनाने का!
आज के वचन को पढ़ें!
अगर आप क्रिसमस के मूल उद्देश्य को नहीं जानते, तो आप इस साल क्रिसमस की तैयारी और सजावट भी न करें,ना ही कोई क्रिसमस के तोहफे खरीदे, आप क्रिसमस के प्रीतिभोज को भी भूल सकते हैं!
अगर आपको वाकई नहीं पता की हम क्रिसमस क्यों मनाते है, तो हमारा ये त्यौहार मनाना व्यर्थ है।
क्रिसमस का यथार्थ उद्देश्य जानने के लिए हमे जल्द से वो चरनी, पूर्व से आये ज्योतिषियों और उन चरवाहों से थोड़े आगे ध्यान केन्द्रित करना होगा! जहाँ यीशु हमें उनके पृथ्वी पर पहले क्रिसमस को आने का कारण बताते है: "क्यूंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है। " (लुका १९:१० हिंदी- BSI)
सरल भाषा में, यीशु आये क्यूंकि लोग परमेश्वर के बिना खो गए हैं, आत्मिक रूप से खोना यानी परमेश्वर से दूर होना, उससे वियोजित होना या उससे अलग होना! यीशु के बिना दुनिया के सभी लोग खोये हुए हैं - इस से कोई फर्क नहीं पड़ता की उनके पास कितनी शक्ति, कितना धन या कितनी प्रसिद्धि है।
हमारे खो जाने का बड़ा असर हमारे जीवन पर होता है। यीशु मसीह जगत में क्यों आये ये जानने से पहले, हमे ये जानना होगा की खोने का अर्थ क्या है। परमेश्वर के बिना हम सब खोये हुए है।
- हमारा मार्गदर्शन। हमें कहाँ जाना चाहिए या हमारे जीवन में क्या करना चाहिए इसकी हमें बहुत ही कम समझ है.
- उसकी सुऱक्षा। अगर हम परमेश्वर की सुरक्षा में नहीं हैं तो हम स्वयं सक्षम हैं, इसी सोंच के कारण आज काफी लोग परेशान हैं! वे परमेश्वर के संरक्षण में रहने के बजाये स्वयं की सुरक्षा में रहने की कोशिश कर रहे हैं!
- हमारी क्षमता। अगर हम परमेश्वर से संबंध ना रखे,तो हम अपनी आधी प्रतिभा और कौशल से वंचित रहेंगे।
- हमारी खुशियां। हो सकता है की हमारे पास दुनियां की सारी सम्पत्ति और रुतबा हो पर परमेश्वर के बिना हम सच्चे आनंद को नहीं पा सकेंगे!
- हमारा स्वर्गीय घर । जबतक हम पृथ्वी पर हैं परमेश्वर हमें बागावत करने की अनुमति देता है परन्तु स्वर्ग में बगावत नहीं है।
लेकिन जो कोई भी खो गये है, परमेश्वर के लिए उनका मूल्य कभी कम नहीं हुआ है। अगर आपने कभी उससे कोई संबंध न रखा हो फिर भी आप परमेश्वर के लिए अतिमूल्यवान हैं। खो जाना मूल्य को दर्शाता है। किसी खोयी वस्तु को वापस पाने के लिए हमारे द्वारा किसी भी हद तक जाकर चुकाए जाने वाला मोल ही हमे उस चीज़ का असली मूल्य दर्शाता है।
पवित्र शास्त्र का सबसे प्रसिद्ध वचन, जहाँ प्रभु यीशु हमे हमारे असली मूल्य का स्पष्टिकरण देते है "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।" (योहन ३:१६ -BSI)
ख़ुशी की बात ये है की परमेश्वर ने हमसे इतना प्रेम किया की उसने अपने एकलौते पुत्र को पृथ्वी पर पहले क्रिसमस के दिन भेज दिया ताकि वो हमे ढूंढ़ सके और बचा सके।
और ये एक उम्दा कारण है उत्सव मनाने का!
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
बहुत से लोगों के लिए, क्रिसमस एक लंबे समय तक चलने वाली सूची बन गई है जो उन्हें थका हुआ और २६ दिसंबर की उम्मीद करवाती है। संदेशों की इस श्रृंखला में, पास्टर रिक आपको क्रिसमस का जश्न मानाने के कारणों को याद करने में आपकी मदद करना चाहता है और आपको छुट्टियों का जश्न मनाने के साथ-साथ अपने जीवन के बाकी हिस्सों को भी क्यों नहीं बदला जाना चाहिए।
More
रिक वर्रेन द्वारा यह भक्ति © 2014 सर्वाधिकार सुरक्षित है। अनुमति द्वारा प्रयुक्त।