यीशु मसीह के दृष्टांतनमूना

The Parables of Jesus

दिन 25 का 36

चतुर भंडारी
टिप्पणीकर्ताओं द्वारा इस दृष्टांत की बहुत सी व्याख्याएं दी जाती हैं, परंतु इतना स्पष्ट है कि इस दृष्टांत का प्रयोग बैंक व्यवस्था व खातों का संचालन करने के लिए नहीं करना है! बल्कि, हमें समझना चाहिए कि भंडारी ने किस रीति से सांसारिक धन का उपयोग करते हुए मित्र बनाए व अपनी अवस्था को सुधारा, बजाय इसके कि वह धन का गुलाम बन जाए। हमें सांसारिक धन का उपयोग करना है, उसके द्वारा हमारा उपयोग नहीं होना चाहिए।

फिर भी, अपनी संभाव्य पदच्युति के प्रति उसकी प्रतिक्रिया उसका अपने उत्तरदायित्वों के खराब प्रबंधन के कारण नौकरी से निकाले जाने की वास्तविकता को नहीं बदलने वाली थी। हमें भी सुनिश्चित करना है कि हर उस उत्तरदायित्व में जो हमें सौंपा जाता है, चाहे कार्यालय में हो, या घर पर, या कलीसिया में, हमें विश्वसनीय रहना है, क्योंकि प्रत्येक कार्य में हम अपने परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करते हैं।

पवित्र शास्त्र

दिन 24दिन 26

इस योजना के बारें में

The Parables of Jesus

यह पाठ योजना आपको यीशु द्वारा सुनाये दृष्टांतों में से लेकर जायेगी, जिससे आप यह जान सकोगे कि उसके कुछ महान उपदेश आपके लिए कितना महत्त्व रखतें हैं! बहुत से दिनों की यह पठन योजना पाठकों को चिंतन-मनन करने का समय देती है और उन्हें वर्तमान से जोड़े रहती है और उन्हें यीशु के प्रेम तथा सामर्थ के द्वारा उत्साहित करती है!

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We would like to thank Trinity New Life Church for this plan. For more information, please visit: http://www.trinitynewlife.com/