मजबूत बने रहें -Majaboot Bane Rahen ( Stay Strong)नमूना
दिन 3 - जड़ पकड़ें रहें
6 इसलिए तुमने जैसे यीशु को मसीह और प्रभु के रूप में ग्रहण किया है, तुम उसमें वैसे ही बने रहो। 7 तुम्हारी जड़ें उसी में हों और तुम्हारा निर्माण उसी पर हो तथा तुम अपने विश्वास में दृढ़ता पाते रहो जैसा कि तुम्हें सिखाया गया है। परमेश्वर के प्रति अत्यधिक आभारी बनो।
यीशु के पुनरुत्थान और स्वर्गारोहण के तुरंत बाद ही उसके परमेश्वर होने पर सवाल उठने लगे। आज भी, इस सत्य को चुनौती दी जाती और इसमें दिलचस्पी ली जाती है। आयत 3 में, पौलुस अपने पाठकों को याद दिलाते हैं के ज्ञान और बुद्धि का सारा छिपा खजाना सिर्फ मसीह में पाया जाता है। यह अनमोल है पर यीशु में पाया जा सकता अगर हम उसकी खोज करें।
आओ हम खुद को अपने शानदार उद्धारकर्ता की याद दिलाएं जिसने कार्य को पूरा किया और शैतान और उसकी योजनाओं का सरेआम तमाशा बनाया जब उसने क्रूस पर जीत हासिल की। (आयत 15)। शैतान ने सोचा कि यीशु को भेजना उसकी उत्तम चाल और इक्के का पता था। पर वह यह नहीं जानता कि वह खुद परमेश्वर की उस योजना का हिस्सा बन रहा है जिसने सदा के लिए उसका फैसला कर दिया था।
अपने आप को याद दिलाएं जो जीवन अब हम जीते हैं उन्हें कुछ नियमों के आधार पर नहीं जीना है। हम यह जीवन जीते हैं क्योंकि हमारा एक ऐसा रिश्ता है जो यीशु से गहरे संबंध और उसी में जड़ पकडे रहने के द्वारा टिका हुआ है (आयत 22-23)
आयत 6 - तुम उसमें वैसे ही बने रहो। 7 तुम्हारी जड़ें उसी में हों।
कई सालों से मसीह की अनुयाई होते हुए एक चीज मैंने देखी है और अब और भी ज्यादा, दुख की बात है, कि लोग शुरुआत तो अच्छी करते हैं लेकिन बढ़ते हुए जोश के साथ टिके नहीं रखते। कुछ तो संसार के दुख और चिंताओं में फंस कर अपना रास्ता भटक जाते हैं।
तो ‘बने रहने’ का प्रोत्साहन बेवजह नहीं है। बने रहना नए नियम में एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है और इसे हमारे जीवनों में भी होना चाहिए। इसे बाइबल में अलग अलग तरीके से कहा गया है।
कुछ ये रहे: विश्वास में दृढ़ता से बने रहो, विश्वास की अच्छी लड़ाई लड़ो, लक्ष्य की ओर दौड़ो, संयम के साथ दौड़ में दौड़ना, हमारे लिए ठहराई गई दौड़ में दौड़ना, जो अटल रहेगा वह जीवन का मुकुट पाएगा, भले काम करते हुए थक मत जाओ और इसी तरह के कई और प्रोत्साहन है।
ये सिर्फ अस्तित्व में बने रहने की बुलाहट नहीं है। मेरे बने रहने का एक तरीका है। पौलुस आगे हमें बताते हैं वह क्या है।
पौलुस तीन अभिव्यक्तियों का इस्तेमाल करते हैं: चलना या जीना, जड़ पकडे रहना और निर्माण होना।
जैसे मैंने ‘जड़ पकड़े’ शब्द पर मनन किया, मैंने सोचा रूककर सवाल करना अच्छा होगा। क्या मेरा जीवन सिर्फ यीशु के लहू और धार्मिकता पर बना हुआ है? मेरा उद्धार यहीं और सिर्फ यही पर है। वही मेरी चट्टान और मेरे जीवन का स्रोत है। वह मेरा कोने का पत्थर है। इसका मतलब है मैं अपनी ताकत, आत्मनिर्भरता इत्यादि पर निर्भर नहीं हूँ।
जड़ें ज़रूरी क्यों होती हैं?
वे पूरे पौधे के लिए जीवन का स्रोत होती हैं। मेरे दिल की जड़ें जिस भी मिटटी में लगी हैं, वही मुझे पोषण देगी और निश्चित करेगी की पौधा कितना स्वस्थ होगा और मैं किस तरह का फल उत्पन्न करुँगी।
तो मैं अपने उसूल कहाँ से लाती हूँ? मेरे जीवन को और मेरे चरित्र निर्माण को क्या प्रभावित कर रहा है? क्या वह मिटटी संसार की है या फिर मसीह की? मेरा मन जिससे पोषण लेता है वही मेरी विचार प्रणाली, मेरी भावनाओं और मेरे बर्ताव पर असर करेगा।
मेरी जड़ें जिस मिटटी में लगी हैं वहीँ असर करेगा की क्या “निर्माण” हो रहा है। मैं पत्तों को जितना मर्ज़ी साफ करूँ, और चमकाऊँ लेकिन अगर जड़ें सड़ रही हैं या उनका पोषण कमज़ोर है या वे ज़हरीले माहौल में हैं, तो वह सड़न अंतत दिखाई दे जाएगी और पौधे का नाश भी कर देगी। पौधा बढेगा, पर स्वस्थ नहीं और अंतत पत्ते और फल सुख जाएँगे।
इसलिए, इस सुबह के भक्ति-सन्देश से मैंने क्या सीखा? चाहे मैं मसीह की जितनी भी नई या पुरानी अनुयाई हूँ, मुझे लगातार मसीह में जड़ पकडे रहना है, जो मेरे जीवन के लगे रहने की सबसे बढ़िया और उत्तम जगह है। यूहन्ना 15 हमें बार बार याद दिलाता है की हमें यीशु में बने रहना है ताकि हम ऐसा फल लाएं जो टिका रह सके।
मनन करें और खुद से पूछें |
प्रार्थना करें की आप जीवन के इस अनुक्रम में स्थिरता के साथ बने रहेंगे, अधिक मजबूत होते और मसीह में निर्मित होते हुए।
वचन उल्लेख
कुलु 2:15, इब्रा 12:1, 2 तिमुथ 4:7, फिलिप 3:14
इस योजना के बारें में
अच्छी शुरुआत से सिर्फ आधा काम होता है। मैं अंत तक कैसे मजबूत रहूँ? नवाज़ डिक्रूज़ ( Navaz DCruz) द्वारा लिखा और गुरमीत धनोवा द्वारा अनुवाद किया यह आलेख आपको यीशु में हमारे विश्वास को बढ़ाने के विषय में पौलुस द्वारा कुलुसियों में दिए कुछ मुख्य साधनों में से ले जाएगा।
More
हम इस योजना को प्रदान करने के लिए वर्ड ऑफ ग्रेस चर्च को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://somequietthoughts.blogspot.com/