जानो, बढ़ो, दिखाओ: यूहन्ना 15 पर मनन -Jaano, Badho, Dikhao: Yoohanna 15 Par Mananनमूना

जानो, बढ़ो, दिखाओ: यूहन्ना 15 पर मनन -Jaano, Badho, Dikhao: Yoohanna 15 Par Manan

दिन 6 का 18

   

दिन 6 बढ़ना

यीशु हमें बुलाता है उस में बने रहने या जुड़े रहने या उसके साथ रहने के लिए। हम कैसे बने रह सकते हैं इस इंटरनेट जगत में फोने के बिप्स बजते रहते हैं और हर मिनट में स्क्रीन जाग उठती है? 

हर दिन बहुत सारी बातें हमारा ध्यान खींचना चाहती हैं और इन सब कि तुरन्त्तता अजीब होती है। वो दिन गए जब एक व्यक्ति आपको तभी फोन कर सकता था जब आप शारीरिक रूप से एक ऐसे फोन के पास हों जिसकी तार दीवार के सॉकेट में फिट की गई हो। आज हम अपना फोन, अपना डाकघर, अपना बैंक, अपने कपड़े की दुकान, जूतों की दुकान, किराने की दुकान, सब कुछ अपनी जेब में लेकर चलते हैं! सब कुछ मंगाया जा सकता है एक बटन दबाकर, और सब कुछ हमारा ध्यान चाहता है, एक जैसे ही। एक तरह से कहा जा सकता है इन चीजों ने हमारे जीवन में हमेशा के लिए जगह हासिल कर ली है। 

काम का दबाव काफी हो सकता है - पूरा दिन, दफ्तर आने-जाने का लंबा सफर, और काम को समय पर पूरा करने का दबाव। 

यीशु के साथ हमारा संबंध एक और दबाव का बिंदु नहीं होना चाहिए; बल्कि वह ऐसी जगह होनी चाहिए जहां हम सारे दबाव से मुक्त हो जाते हैं। उससे मिलना आनंद की बात होना चाहिए नाकि एक बंधन। जो एक अनुशासन के रूप में शुरू हो, वह आगे चलकर आनंद की बात बन जाएगा। जैसा कि जब आप पहली बार संगीत वाद्य बजाना सीखते हैं। कठिन अनुशासन से आप रोज रियाज करते हैं और आखिरकार जब आप सच में बजाने लग जाते हैं, तो आपको उस अनुभव में बहुत आनंद आता है। 

मुझे मैसेज बाइबल का अनुवाद अच्छा लगता है। कहता है “क्या तुम थके हो? हारे हो? धर्म से दबे हो? मेरे पास आओ। मेरे साथ चलो और तुम जीवन पाओगे। मैं तुम्हें बताऊंगा सच्चा आराम कैसे करना है। मेरे साथ चलो और मेरे साथ काम करो - देखो मैं कैसे करता हूं। अनुग्रह की सहज लय को सीखो। मैं तुम पर कोई भी भारी और जरूरत से ज्यादा वजन नहीं लादूंगा। मेरे साथ रहो और तुम आजादी और बिना बोझ के जीना सीख जाओगे।” (मत्ती 11:28-30)

यीशु आपका बोझ बढ़ाने नहीं आता पर वह हमारा बोझ उठाने वाला है, वह हमारा सिर ऊपर उठाने वाला है। वह हम पर भारी, नियमबद्ध मांग नहीं डालता। वह हमें उसके साथ एक प्रेम संबंध में बुलाता है। यीशु में बने रहने से आपको तनाव मुक्त हो जाना चाहिए। उसकी उपस्थिति में शांति है क्योंकि वह शांति है। 

जब आप किसी से प्यार करते हैं तो उनके साथ समय बिताना चाहते हैं। तब आप समय को ताकते नहीं रहते। समय कभी काफी नहीं होता। यीशु हमें यही करने के लिए बुला रहा है - उसकी उपस्थिति में शांतचित्त बने रहना - आनंद से नाकि बंधन में। 

पांच मिनट उसको सुनते हुए बिताऐं, यह कहते हुए कि वह आपसे कितना प्यार करता है। आप हैरान हो जाएंगे कि उसके पास आपके बारे में आपको बताने के लिए कितनी बढ़िया बातें हैं। 

वचन उल्लेख

यूहन्ना 15:4-5

पवित्र शास्त्र

दिन 5दिन 7

इस योजना के बारें में

जानो, बढ़ो, दिखाओ: यूहन्ना 15 पर मनन -Jaano, Badho, Dikhao: Yoohanna 15 Par Manan

कुछ समय से परमेश्वर मुझे दोबारा यूहन्ना 15 के पास ले आ रहा है। इन हालातों में यह मेरे पावों के लिए दीपक और रास्ते के लिए ज्योति बन गया है। मैं आपको आमंत्रित करती हूं इन वचनों के कुछ मुख्य विषयों पर मनन करने; जानने, बढ़ने, और प्रेम करने के लिए। English Title: Know, Grow, Show - Reflections on John 15 by Navaz DCruz

More

हम इस योजना को प्रदान करने के लिए वर्ड ऑफ ग्रेस चर्च को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://somequietthoughts.blogspot.com/