जानो, बढ़ो, दिखाओ: यूहन्ना 15 पर मनन -Jaano, Badho, Dikhao: Yoohanna 15 Par Mananनमूना

जानो, बढ़ो, दिखाओ: यूहन्ना 15 पर मनन -Jaano, Badho, Dikhao: Yoohanna 15 Par Manan

दिन 10 का 18

   

दिन 10 बना ना रहना कैसा हो सकता है? 

6 यदि कोई मुझमें नहीं रहता तो वह टूटी शाखा की तरह फेंक दिया जाता है और सूख जाता है। फिर उन्हें बटोर कर आग में झोंक दिया जाता है और उन्हें जला दिया जाता है।

याद रहे की यीशु अपने चेलों से बोल रहा है। वह भीड़ से नहीं बोल रहा। ये उसके आखरी निर्देश हैं की अब से उन्हें कैसे जीना है। वह बहुत सारे दोहराने, तुलना और उपमाओं का उपयोग कर रहा है। 

“यदि तुम मुझमे बने न रहे, तो तुम ऐसे” ये एक तुलनात्मक बयान है। वह उनको बता रहा है उनका जीवन कैसा दिखाई देगा अगर वे लगातार उसकी संगति में नहीं रहते तो। ये कहना की उनके साथ ऐसा होगा उसकी उस वाचा का विरोध होगा जो उसने उनके साथ की है। 

वह बस ये कहा रहा है की ये मत सोचो की तुम मेरे साथ करीबी से जुड़े बिना ये जीवन जी सकते हो। अगर तुम ऐसा करते हो तो तुम उस सुखी हुई डाली जैसे होगे जो बेकार और फलहीन है। 

कभी कभी क्योंकि हम किसी माहौल में होते हैं इसका यह मतलब नहीं की हम उस माहौल के सार में लीन हो चुके है। हो सकता है मैं उसकी कुछ बाहरी बातों को अपना लूँ पर सच में उस संस्कृति का भाग ही न बनूँ। हमारे साथ यह हो सकता है जब हम पूरी तरह प्रवेश नहीं करते। 

कुछ और बातें हो सकती हैं जैसे हम दूसरी चीज़ों की ओर ध्यान भटकाकर अपनी उर्जा को बर्बाद कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, खुद की ख़ुशी के लिए जीना, दूसरीं चीज़ों से ध्यान भटक जाना, धार्मिक विधियाँ, उन बातों के लिए वचनबद्ध न होना जो यीशु के लिए मायने रखती हैं जैसे: उसके साथ समय, जिस तरह हम अपने परिवार से बातचीत करते हैं, हमारी अपनी निजी पवित्रता, दूसरे मसीहियों के प्रति आपका प्रेम भागफल, काम के प्रति हमारी लगन, सच्चाई से दान देना, सेवा करना। 

हम इस दुनिया में रहते हैं पर हम यहाँ के हैं नहीं। यीशु कोई मज़ा किरकिरा करने वाला नहीं है। वह चाहता है कि हमारे पास भरपूरी का जीवन हो। लेकिन, वह नहीं चाहता की हमारी चीज़ें हमपर हावी हो जाएं। 

जुडे रहने में बाधाएं 

बाइबल तुम्हे पाप से दूर रखेगी और पाप तुम्हे बाइबिल से दूर रखेगा। 

चिंता और डर हमारी सोचों पर छा जाते और हमारे दिलों में बाधा डाल देते हैं। डर और प्यार एक साथ नहीं रह सकते। उसका सिद्ध प्रेम डर और चिंता को भगा देता है। 

जब हम अपना मन उसपर लगाते हैं तो वह हमें उसकी सिद्ध शांति देता है। क्या आप जानते हैं वह क्या है? यह वह खुद है - उसकी उपस्थिति। शांति एक व्यक्ति है। यीशु शांति का राजकुमार है। 

माफ़ ना करना और नाराज़गी - यह सिर्फ उनके और आपके बीच दीवार खड़ी करता जिनसे आप नाराज़ है, पर यह परमेश्वर के साथ हमारे रिश्ते पर भी असर करता है। हम परमेश्वर से प्यार करते हुए अपने भाई से नफरत नहीं कर सकते। यदि मैं खुद को शरीर के एक भाग से अलग करता हूँ, तो मैं सर से, यानी यीशु से, भी अलग हो जाता हूँ। 

हम अगले कुछ दिनों में, लोगों के साथ अपने आपसी रिश्ते के बारे में और बात करेंगे।

मनन करें और खुद से पूछें | अगर आप आत्मिक उन्नति और बढ़त देखने में संघर्ष कर रहे हैं तो अपनी आदतों और जीवनशैली के बारे में सोचिए। क्या वहां कुछ ऐसा है जो बाधा हो सकता है? 

क्या मेरे दिल में बाधाएं हैं आदतन पाप, अनसुलझे झगड़ों, माफ़ न करने, या नाराज़गी के कारण? जल्दी से पश्चाताप करें और अपने उस पाप से मुड़ें जो परमेश्वर के साथ आपकी चाल में बाधा डाल रहा है? एक भरोसेमंद मसीही दोस्त खोजें जिससे आप बात कर सकें और जिसको अपना लेखा दे सकें। 

माफ़ी घातक है, सच में। उस बन्दे को माफ़ करने का फैसला लें और बिना उसके माफ़ी मांगने की उम्मीद के। जब आप उन्हें मुक्त करते हैं, तो आप खुद को आज़ाद करते हैं। 

वचन उल्लेख 

यूहन्ना 15:6, 1 यूहन्ना 2:11, यूहन्ना 17:15, 1 पतरस 2:11-12

दिन 9दिन 11

इस योजना के बारें में

जानो, बढ़ो, दिखाओ: यूहन्ना 15 पर मनन -Jaano, Badho, Dikhao: Yoohanna 15 Par Manan

कुछ समय से परमेश्वर मुझे दोबारा यूहन्ना 15 के पास ले आ रहा है। इन हालातों में यह मेरे पावों के लिए दीपक और रास्ते के लिए ज्योति बन गया है। मैं आपको आमंत्रित करती हूं इन वचनों के कुछ मुख्य विषयों पर मनन करने; जानने, बढ़ने, और प्रेम करने के लिए। English Title: Know, Grow, Show - Reflections on John 15 by Navaz DCruz

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए वर्ड ऑफ ग्रेस चर्च को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: http://somequietthoughts.blogspot.com/