क्रुसित हुआनमूना
धार्मिकता के परिणाम
जकर्याह 3:4 तब दूत ने उन से जो साम्हने खड़े थे कहा, इसके ये मैले वस्त्र उतारो। फिर उसने उस से कहा, देख, मैं ने तेरा अधर्म दूर किया है, और मैं तुझे सुन्दर वस्त्र पहिना देता हॅूं।
ऊपर के भाग में शैतान परमेश्वर के सामने खड़े होकर यहोशू महायाजक का विरोध करता है, तब परमेश्वर शैतान को डाँटता है और यहोशू के गंदे वस्त्र बदलकर उसे अमीरता के वस्त्र पहनाने की आज्ञा देता है।
यशायाह 61:10 मैं यहोवा के कारण अति आनन्दित होऊंगा, मेरा प्राण परमेश्वर के कारण मगन रहेगा; क्योंकि उसने मुझे उद्धार के वस्त्र पहिनाए, और धर्म की चद्दर ओढ़ा दी है।
यीशु ने हमारे पाप के गंदे वस्त्र लेकर हमें उसके खुद की धार्मिकता की चद्दर तोहफे में दी है, और इस प्रकार से उसने हमपर दोश लगानेवाले की जो शैतान है बोलती बंद कर दी है।
यशायाह 32:17 और धर्म का फल शांति और उसका परिणाम सदा का चैन और निश्चिन्त रहना होगा।
धार्मिकता हमारे जीवन मे कुछ परिणामों को उत्पन्न करती है।
यहापर धार्मिकता के तीन परिणामों के बारे में बताया गया हैः शांती, चैन और निश्चिन्तता है।
शांती तब आती है जब हमारे सही होने के सभी प्रयास खत्म हो जाते है, यह इसी प्रकार का अनुभव है, जब आप किसी चीजे के लिए पसीना बहाते हुए संघर्ष करते हो लेकिन आपको वो नही मिल पाती, फिर अचानक आपको तोहफे में मिलती है।
चैन या ठंडक तब आती है जब हम उदारता से परमेश्वर की धार्मिकता के तोहफे से नम्र किये जाते है। यह बात हमे पूरी निश्चिन्तता, या आत्मविश्वास और जो कुछ भी हम करते है उसके परिणाम की ओर अगुवाई करती है।
हमारे जीने का तरीका, हमारी मनोभावनाए, हमारे रिश्ते, और हमारे मसीह जीवन के प्रभाव और हमारी सेवा इस बात पर निर्भर है, की हमे कितने गहराई से यह एहसास है कि हम परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी बनाए गए है। जिस प्रकार से यीशु खुद है उसी प्रकार से हम भी धर्मी है।
घोषणा करेः
- परमेंश्वर के राज्य का धर्म, शांती और आनन्द मेरे जीवन में स्थापित हो जाये। रोमियों 14:17
- इसीलिये पहले मैं उसके राज्य और धार्मिकता की खोज करुँगा तो ये सब वस्तुएँ भी मुझे मिल जाएंगी मत्ती 6:33
- मेरे घर में धन संपत्ति रहती हैय और मेरी धार्मिकता सदा बनी रहे। भजनसंहिता 112:3
- इसीलिए कोई विपत्ति मुझ पर न पड़ेगी, न कोई दुःख मेरे डेरे के निकट आएगा। भजनसंहिता 91:10
- प्रभु, दिन प्रतिदिन अपना उद्धार मेरे जीवन पर दिखाया करो। भजनसंहिता 96:2
- शांति मुझ पर आये, मेरे घराने पर और उस सभी पर जो मेरा हे। १ शमूएल 25:6
- जो शांति आप मुझे देते हो वो संसार जसै नही है, इसीलिए मेरा हदय न घबराएगा । यूहन्ना 14:27
- मैं शांति के स्थान में निष्चिंत रहूँगा, और विश्राम के स्थानों में सुख से रहूँगा। यशायाह 32:18
- हे यहोवा, तू मुझे आषीशित कर और मझे अपने अनुग्रहरूपी ढाल से घेरे रह- भजनसंहिता 5:12
- मैं तेरे उत्तम आशीषों को ग्रहण करता हूँ, और तू मेरे सिर पर कुंदन का मुकुट पहनाता है। भजनसंहिता 21:3
प्रार्थना करें
- प्रार्थना करे कि आप के परिवार के अदंर सच्चा प्रेम, पुनर्स्थापन और क्षमा आये। प्रार्थना करे कि परिवार का हर एक सदस्य एकता के प्रति वचनबद्ध हो।
- प्रार्थना करें कि हर प्रकार के धोके से, बहकावे से और शत्रु के किसी भी योजना से जो परमेश्वर की भली योजना में रुकावट लाती है, आप के परिवार के हर सदस्य पर सुरक्षा का बाड़ा हो।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
यह योजना आपकी यीशु की क्रूस पर बलिदान पूर्ण मृत्यु द्वारा आपके लिए हासिल की गयी आशीषों पर मनन करने, परमेश्वर के वचन की सच्चाई का साहस पूर्ण अंगीकार करने तथा इन 21 दिनों में सरल बिंदुओं के उपयोग द्वारा प्रार्थना करने हेतु प्रोत्साहित करेगी । मैं आपको उपवास, प्रार्थना और अपने जीवन को पुन: समर्पित करने हेतु उत्साहित करता हूँ ।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ चर्च - लोखंडवाला को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: http://vijaynadar.com/