BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन Sample
पौलुस प्रेरित बंदीगृह से फिलिप्पियों को अपना पत्र लिखता है| उसने दुःख और कष्ट को जाना है, पर वह परमेश्वर की शान्ति को भी जानता है| और यह इसलिए क्यूंकि बाइबिल में दी गयी शान्ति, आशा ही के समान, एक व्यक्ति पर आश्रित है, न की परिस्थितियों पर| पौलुस विश्वासियों को परमेश्वर में सदा आनंदित रहने, प्रार्थना करने, धन्यवाद देने और जो भला और सत्य है उसपर ध्यान करने के लिए, बुलाता है| पौलुस दर्शाता है की कैसे यह आदतें, भारी संकट के मध्य भी, हमें परमेश्वर की शान्ति का अनुभव करने में सहायक होती हैं|
पढ़ें: फ़िलिप्पियों ४:१-९
चिंतन करें: पौलुस द्वारा फ़िलिप्पियों ४:१-९ में दिए गए निर्देशों की सूची बनाइये (जैसे “प्रभु में स्थिर रहो,” “एक मन रहें,” इत्यादि)|
अपनी सूची पर ध्यान देते हुए कल्पना कीजिए की इनमें से प्रत्येक को, आप एक आदत बना लेंगे| आपके दैनिक जीवन में वो आदतें व्यवहारिक रूप में कैसी दिखेंगी? आप क्या सोचते हैं की वो आदतें आपको कैसे परमेश्वर की शान्ति के अनुभव तक पहुंचाएंगी? पद ७ और ९ का पुनरावलोकन कीजिये|आप क्या देखते हैं? ये पद हमें परमेश्वर की शान्ति के रक्षात्मक स्वरूप के विषय में क्या बताते हैं? उससे मिलने वाली सुरक्षा के लिए अपने धन्यवाद को अभी व्यक्त कीजिये|
Scripture
About this Plan
बाइबिल प्रोजेक्ट ने व्यक्ति-विशेष, छोटे समूहों एवं परिवारों को प्रेरित करने के लिए यीशु-आगमन सम्बन्धी चिंतन की संरचना की है ताकि वे यीशु के आगमन या आने का उत्सव मना सकें| इस चार सप्ताह की योजना में शामिल हैं एनीमेटेड वीडियो, छोटे सारांश, और चिंतन-प्रश्न जो प्रतिभागियों की सहायता करते हैं ताकि वे आशा, शान्ति, आनंद और प्रेम जैसे विचारों का अध्ययन बाइबिल में दिए गए अर्थ अनुसार कर सकें|
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