BibleProject | यीशु-आगमन पर चिंतन Sample
परमेश्वर के मार्ग, मनुष्य को वास्तविक आनंद और बुद्धि उपलब्ध कराते हैं (देखिये भजन संहिता १९:७-८)| परन्तु शैतान का उद्देश्य है मनुष्यों को भ्रमित करना ताकि वे ऐसा सोचें की उनके ही मार्ग बुद्धिपूर्ण हैं (उत्पत्ति ३:६)| छला जाना इसलिए बहुत सरल है, क्यूंकि शैतान के दिए हुए धोखे, हमें अधिकतर अस्थायी आनंद का प्रतिफल देते हैं| पर जब मनुष्य, परमेश्वर के निर्देशों के स्थान पर अपने निर्देशों को चुनते हैं, तो उन्हें वह सच्चा और स्थायी आनंद नहीं मिल पाता है जिसे वे खोज रहे हैं|
पढ़ें: भजन संहिता १९:७-११, उत्पत्ति ३:१-७
चिंतन करें: आज के दिन के दोनों अंशों की तुलना करके इनमें अंतर बताइये| दोनों अंशों में कौन से शब्द और धारणाएं दोहराई गयी हैं? आपको क्या दिखाई देता है ?
प्रार्थना कीजिए की आप एक नए प्रकार से भरोसा रख सकें, उन भले उद्देश्यों पर जो परमेश्वर के आपके लिए हैं| ईमानदारी से उसे उन अवसरों के विषय में बताइये जब आप उससे सहमत नहीं थे या जब आपने उसपर शक किया और आज उसकी अगुवाई का पालन करने के लिए आपको जो चाहिए वह मांग लीजिये|
Scripture
About this Plan
बाइबिल प्रोजेक्ट ने व्यक्ति-विशेष, छोटे समूहों एवं परिवारों को प्रेरित करने के लिए यीशु-आगमन सम्बन्धी चिंतन की संरचना की है ताकि वे यीशु के आगमन या आने का उत्सव मना सकें| इस चार सप्ताह की योजना में शामिल हैं एनीमेटेड वीडियो, छोटे सारांश, और चिंतन-प्रश्न जो प्रतिभागियों की सहायता करते हैं ताकि वे आशा, शान्ति, आनंद और प्रेम जैसे विचारों का अध्ययन बाइबिल में दिए गए अर्थ अनुसार कर सकें|
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