यीशु मसीह के दृष्टांतनमूना

The Parables of Jesus

दिन 19 का 36

बड़े भोज के लिए आमंत्रण
यह दृष्टांत हमें यीशु द्वारा उसके परिवार में बुलाए जाने के सौभाग्य को ध्यान में रखते हुए नम्र होने के लिए स्मरण करवाता है। हम यह समझकर अहंकारी और अभिमानी न हों कि हमारे कारण यीशु अशिशित है, बल्कि यह स्मरण करें कि वह हमारे लिए कितना बड़ा आशीष है। भोज के लिए असली में बुलाए गए अतिथि, जो कि सामान्य रूप से यहूदी राष्ट्र का उपमा समझा जाता है, आमंत्रण के प्रति बेरूखी(लूका) व हिंसक क्रोध(मत्ती) दर्शाते हैं। उनके बजाय दरिद्रों, भूले-बिसरों व दलितों को अंततः इस निराले भोज में सहभागी होने का अवसर मिलता है। हमें निरंतर खुद को चुनौती देते व जांचते रहना है कि हमारा मन मसीह के साथ जीवन बिताने के आमंत्रण के विषय में नम्र व आभारी रहे, व उद्धारकर्ता द्वारा दान दिए गए इस महा सौभाग्य के विषय में कभी भी बेरुख़, अहंकारी या क्रोधित न हों।

पवित्र शास्त्र

दिन 18दिन 20

इस योजना के बारें में

The Parables of Jesus

यह पाठ योजना आपको यीशु द्वारा सुनाये दृष्टांतों में से लेकर जायेगी, जिससे आप यह जान सकोगे कि उसके कुछ महान उपदेश आपके लिए कितना महत्त्व रखतें हैं! बहुत से दिनों की यह पठन योजना पाठकों को चिंतन-मनन करने का समय देती है और उन्हें वर्तमान से जोड़े रहती है और उन्हें यीशु के प्रेम तथा सामर्थ के द्वारा उत्साहित करती है!

More

We would like to thank Trinity New Life Church for this plan. For more information, please visit: http://www.trinitynewlife.com/