हमें ठेस पहुँचाने वालों को क्षमा करनानमूना
गलतियों का हिसाब न रखना
प्रतिदिन हम भविष्य की यादों के लिए अनुभवों को इकठ्ठा करते हैं—hकि हमारे आनंद के लिए उम्मीद हो। लेकिन कभी-कभी ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं जो हमारे जीवन पर स्थायी प्रभाव डालती हैं। कभी-कभी निर्बलता दूसरों के बुरे चुनाव के परिणामस्वरूप होती है। एक शराबी ड्राइवर कार दुर्घटना से दूर भाग सकता है, जब किसी यात्री को शारीरिक या मानसिक हानि से या स्थायी रूप से प्रभावित किया जा सकता है। तो कोई व्यक्ति लापरवाह या स्वार्थी कार्यों के परिणामस्वरूप से दूसरों को बहुत बड़ी हानि पहुँचा सकता है। हम ऐसी गलतियों को माफ़ करने के बारे में कैसे सोचना शुरू कर सकते हैं?
क्षमा करने का मतलब है की दूसरों द्वारा पहुचे गए दुख देने वाले काम और पापों को छोड़ देना। आप दूसरों के दोषों को याद नहीं रखने का निर्णय लेते हैं। परमेश्वर की जानबूझकर क्षमा को भजन संहिता 103:8-12 में वर्णन करता है। “वह हम पर सदा दोष न लगाएगा” (यद्यपि उसके पास ऐसा करने का अधिकार है), और “उसने हमारे पापों को हम से उतना ही दूर कर दिया, जितना उदयाचल अस्ताचल से है।” यह हमेशा की दूरी है; दो क्षितिज कभी नहीं मिलते। परमेश्वर जानबूझकर हमारे पापों को अपनी दृष्टि से हटा देता है और उन्हें फिर याद नहीं करता है! हम ऐसी क्षमा का अभ्यास भला कैसे कर सकते हैं? Oकेवल पवित्र आत्मा के द्वारा दिया गया प्रेम हमारे हृदयों को उचित रूप से बदल सकता है, ताकि हम “गलतियों का कोई हिसाब न रखें” (1 कुरिन्थियों 13:5)। इस प्रकार परमेश्वर की दया से हमारे हृदयों में क्षमा उत्पन्न होती है और दूसरों के लिए सच्चे प्रेम को प्रेरित करती है।
दूसरों को क्षमा करना बहुत कठिन होता है जब हम केवल स्वयं अपने दुख और कठिनाइयों में लगातार ध्यान देते हैं। इसके बजाय, हम इस पर ध्यान करें कि परमेश्वर ने हमारे अपराधों से कैसा व्यवहार किया: “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा: कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नष्ट न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।” (यूहन्ना 3:16) परमेश्वर के प्रेम ने हमारे लिए उसे अपने पुत्र को बलिदान करने के लिए प्रेरित किया ताकि हम पापों की क्षमा प्राप्त कर सकें। क्या हमें भी ऐसे क्षमा करना चाहिए? जी हाँ! परंतु हमारे अपने बल से नहीं! हम अपने आचरण को स्वभाविक रूप से याद रखते हैं। कुछ चीजें ऐसी होती हैं,जिन्हें हम बिल्कुल “भूल” नहीं सकते। लेकिन क्या हम दूसरों की गलतियों का “हिसाब” रखते हैं? हम जब भी उस व्यक्ति को देखते हैं तो क्या हम बुरा विवरण याद या उसे फिर अनुभव करते हैं?
ईश्वरीय क्षमा हमारी यादों को मिटाती नहीं, बल्कि यह हमारी गलतियों के हिसाब को मिटाने और रिश्तों को पुनः स्थापित करने में अनुमति देती है। समय के साथ, और परमेश्वर की आत्मा के द्वारा, हम अनुभव करते हैं कि प्रेम ने उन लोगों के बारे में हमारे बुरे विचारों और भावनाओं को बदल दिया है, जिन्होंने हमें ठेस पहुंचाई है।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
चाहे हम भावनात्मक या शारीरिक घाव से कष्ट झेल रहे हों, मसीही जीवन का आधारशिला तो क्षमा ही है। यीशु मसीह ने हर प्रकार के अनुचित और अन्यायपूर्ण व्यवहार को सहा, यहाँ तक कि अन्याययुक्त मौत भी! फिर भी अपने अंतिम समय में अपने समीप क्रूस पर चढ़ाए गए चोर जो उसे ठट्ठा कर रहा था, और जल्लादों को माफ़ किया।
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