सच्चा प्यार क्या है?नमूना
प्यार में प्रतिरोध
अगर मसीह प्रेम है और मसीह जैसा प्रेम करना लक्ष्य है, तो इस प्रयास का प्रतिरोध होगा। अगर परमेश्वर प्रेम है तो शैतान इसके ठीक उलट हमारा शत्रु है। जीवन केवल मुश्किल ही नहीं है वरन एक युद्ध है। जिस तरह से भेड़ों को सही रास्ते पर बने रहने और सुरक्षित रहने के लिए चरवाहे की जरूरत होती है, उसी तरह हमें सन्निकटता के साथ अपने परमेश्वर का अनुसरण करने की ज़रुरत है ताकि हम भटक न जाएं, दुनिया में उलझ न जाएं, खुद में गुम न हो जाएं या शत्रु द्वारा ठगे न जाएं।
हम अपने ढाँचे की कमजोरियों को देख सकते हैं और प्यूरिटन के साथ रो सकते हैं," हे परमेश्वर, मैं धूल से भरा खोल हूँ.. मैं मूल्यवान और दुर्लभ नहीं हूँ वरन मैं कुछ भी नहीं हूँ और मेरा कुछ भी नहीं है। मैं बुराई से और जीवों से नश्वर और पापमय होने के दुःख से पूरी तरह से आश्वस्त हूँ " ("मैन अ नथिंग - अ वैल्ली ऑफ़ विज़न" से)
अगर परमेश्वर प्रेम है और हमने मसीह पर विश्वास किया है , फिर तो हम जानते हैं की हमसे प्यार किया गया है। हम ये भी जानते हैं की हम अँधेरे के साम्राज्य से छुड़ा लिए गए हैं जो प्रेम का विरोधी है और हम सच्चे प्रेम के साम्राज्य में प्रवेश कर चुके हैं। अब हम ये जानना चाहते हैं की इसमें बने कैसे रहना है। हम इसे कैसे करें ? अपनी आँखें सुसमाचार पर टिका कर और सुसमाचार से ऊर्जावान होकर :
- सुसमाचार सच्चे प्रेम की बुनियाद है।
- सुसमाचार प्रेम दर्शाता है।
- सुसमाचार प्रेम को परिभाषित करता है
- सुसमाचार हमें प्रेम में प्रतिक्रिया देने के लिए सक्षम बनाता है।
प्रतिदिन हमें परमेश्वर को हमारे द्वारा उसके अनुसरण करने में मदद करने के लिए पुकारना है, उसके प्रेम में चलना है, उसे प्यार करना है और उसके प्रेम का विस्तार करना है।
सत्य को ह्रदय तक लाना - एक वचन चुनें और उस पर मनन करें ताकि आपके मन का नवीनीकरण और ह्रदय का रूपांन्तरण हो।
स्वयं का परित्याग करना - आपके द्वारा लिखे वचन से आपके जीवन का कौन सा पाप इंगित होता है? पौलुस स्पष्ट रूप से हमें हमारे पुराने स्वरुप को त्यागना बताता है।
सत्य को जीवन में अपनाना - अपने नए स्वरुप में मसीह को धारण करें। अपने आपको उस को समर्पित करने और उसके सत्य को अपने मन और मस्तिष्क पर लागू करने के लिए आपको अपनी सोंच या व्यवहार या अपने प्रवृत्ति में क्या क्या बदलाव करने की आवश्यकता है ?
अगर मसीह प्रेम है और मसीह जैसा प्रेम करना लक्ष्य है, तो इस प्रयास का प्रतिरोध होगा। अगर परमेश्वर प्रेम है तो शैतान इसके ठीक उलट हमारा शत्रु है। जीवन केवल मुश्किल ही नहीं है वरन एक युद्ध है। जिस तरह से भेड़ों को सही रास्ते पर बने रहने और सुरक्षित रहने के लिए चरवाहे की जरूरत होती है, उसी तरह हमें सन्निकटता के साथ अपने परमेश्वर का अनुसरण करने की ज़रुरत है ताकि हम भटक न जाएं, दुनिया में उलझ न जाएं, खुद में गुम न हो जाएं या शत्रु द्वारा ठगे न जाएं।
हम अपने ढाँचे की कमजोरियों को देख सकते हैं और प्यूरिटन के साथ रो सकते हैं," हे परमेश्वर, मैं धूल से भरा खोल हूँ.. मैं मूल्यवान और दुर्लभ नहीं हूँ वरन मैं कुछ भी नहीं हूँ और मेरा कुछ भी नहीं है। मैं बुराई से और जीवों से नश्वर और पापमय होने के दुःख से पूरी तरह से आश्वस्त हूँ " ("मैन अ नथिंग - अ वैल्ली ऑफ़ विज़न" से)
अगर परमेश्वर प्रेम है और हमने मसीह पर विश्वास किया है , फिर तो हम जानते हैं की हमसे प्यार किया गया है। हम ये भी जानते हैं की हम अँधेरे के साम्राज्य से छुड़ा लिए गए हैं जो प्रेम का विरोधी है और हम सच्चे प्रेम के साम्राज्य में प्रवेश कर चुके हैं। अब हम ये जानना चाहते हैं की इसमें बने कैसे रहना है। हम इसे कैसे करें ? अपनी आँखें सुसमाचार पर टिका कर और सुसमाचार से ऊर्जावान होकर :
- सुसमाचार सच्चे प्रेम की बुनियाद है।
- सुसमाचार प्रेम दर्शाता है।
- सुसमाचार प्रेम को परिभाषित करता है
- सुसमाचार हमें प्रेम में प्रतिक्रिया देने के लिए सक्षम बनाता है।
प्रतिदिन हमें परमेश्वर को हमारे द्वारा उसके अनुसरण करने में मदद करने के लिए पुकारना है, उसके प्रेम में चलना है, उसे प्यार करना है और उसके प्रेम का विस्तार करना है।
सत्य को ह्रदय तक लाना - एक वचन चुनें और उस पर मनन करें ताकि आपके मन का नवीनीकरण और ह्रदय का रूपांन्तरण हो।
स्वयं का परित्याग करना - आपके द्वारा लिखे वचन से आपके जीवन का कौन सा पाप इंगित होता है? पौलुस स्पष्ट रूप से हमें हमारे पुराने स्वरुप को त्यागना बताता है।
सत्य को जीवन में अपनाना - अपने नए स्वरुप में मसीह को धारण करें। अपने आपको उस को समर्पित करने और उसके सत्य को अपने मन और मस्तिष्क पर लागू करने के लिए आपको अपनी सोंच या व्यवहार या अपने प्रवृत्ति में क्या क्या बदलाव करने की आवश्यकता है ?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
सब जानना चाहतें हैं कि वास्तव में प्रेम क्या है। लेकिन बाइबिल प्रेम के विषय में क्या बताती है, कुछ लोग ही इस बात को जानते हैं। प्रेम, बाइबिल के मुख्य विषयों में से एक तथा मसीह जीवन का सबसे महत्वपूर्ण सदगुण है। थीस्लबेण्ड मिनिस्ट्रीज़ की ओर से यह पठन योजना, बाइबिल आधारित प्रेम के मायने तथा परमेश्वर और सब लोगों से कैसे बेहतर तरीके से प्रेम करें, इन बातों की खोज करती है।
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यह योजना हमें उपलब्ध कराने के लिए हम थिसलबेंड मिनिस्ट्री का शुक्रिया अदा करते हैं ! अधिक जानकारी के लिए कृप्या देखे: www.thistlebendministries.org