सच्चा प्यार क्या है?नमूना
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हमारी एकमात्र इच्छा है सच्चा प्रेम
पढ़िए भजन संहिता 27:4-9, 11, 14 और नहेम्याह 8:10
यदि हमारी एकमात्र इच्छा मसीह से प्रेम है, तो निश्चय ही हमें उसके साथ जुड़े रहना और संपूर्णता से उसके पीछे चलना है। संपूर्णता से उसके पीछे चलने के लिए हमें अपना क्रुस उठाना आवश्यक है और अपना जीवन खो कर उसके लिए जिए। यह आवश्यक है कि, हम अपने स्वयं, अपने मार्गो, अपनी इच्छाओं, अपने उत्थानों के लिए मृतक हो जाए। अतः इस मृत्यु में, आत्मप्रेम की मृत्यु में मसीह का प्रेम हम में जीवित हो उठता है। हमें शांति, स्वीकृति, अनुमोदन, दिशा और मूल्य के लिए - किसी अन्य व्यक्ति विशेष की ओर नहीं परंतु केवल मसीह की ओर देखना है। हमारा सारा आनंद केवल उसी में पाया जाना चाहिए। केवल मसीही हमारा सबसे बड़ा उपहार होना चाहिए। अपने सभी प्रकार के लाभों के लिए जो उस पर आशा रखने से है, हमें संपूर्णता से निर्भर करना चाहिए। हमें परमेश्वर पर पूरा भरोसा रखना चाहिए, ना कि अपनी धार्मिकता पर। हमें अपने स्वयं पर भरोसा नहीं रखना है। असल में यदि हम अपने स्वयं को पीछे छोड़ दें, तभी हम मसीह से रूबरू हो पाएंगे।
हालांकि अपने स्वयं को पीछे छोड़ना कोई छोटी बात नहीं। इसका मत है कि हमें अपने तरीकों, अंतर्दृष्टि, इच्छाओं, लालसाओं, भय, असुरक्षाओं, समस्याओं, चिंताओं, जरूरतों आदि को पीछे छोड़ना है। जितना अधिक हम इस संसार की राहों और आराम को छोड़ते जाएंगे, उतना अधिक हम मसीह के आराम में और उसकी राहों में जुड़ते जाएंगे। जितना अधिक हम मसीह में आनंदित रहेंगे, उतना ही उसकी सेवा के लिए इच्छुक रहेंगे, कष्ट सह पाएंगे और उससे अलगाव के खतरे से बचे रहेंगे। परमेश्वर का आनंद ही हमारा सामर्थ है।
यदि हम मसीह और उसके प्रेम से भरने की खोज में है, तो दिन प्रतिदिन अपने हृदय को उसके साथ सांठगांठ के चले, फिर चाहे कितना भी भीषण तूफान हो, या व्याकुलता या कितनी भी कठिन परीक्षाएं मार्ग में आए।
कल हम देखेंगे कि यह व्यवहारिक रूप से दिन-प्रतिदिन कैसा दिखता है
हृदय के लिए सत्य वचन: अपने मस्तिष्क के नवीनीकरण अथवा हृदय परिवर्तन हेतु, पवित्र शास्त्र से कोई एक वचन चुन कर अपने हृदय में मनन करें।
आत्म को मारने के लिए: पवित्र शास्त्र आपके जीवन में से किस विशिष्ट पाप को संबोधित कर रहा है, जो आपने लिखे हैं? पौलुस हमें विशेष रूप से पुराना आत्म छोड़ने के लिए कहता है।
सत्य को जीवन में लाना: नए आत्म, अर्थात मसीह को पहन लें। मसीह के अधीन आने के लिए, आपको अपनी सोच या रवैय्ए या व्यवहार में किस प्रकार के विशेष सुधार लाने हैं, कि उसकी सत्य को अपने मन और मस्तिष्क में लागू कर सकें?
पढ़िए भजन संहिता 27:4-9, 11, 14 और नहेम्याह 8:10
यदि हमारी एकमात्र इच्छा मसीह से प्रेम है, तो निश्चय ही हमें उसके साथ जुड़े रहना और संपूर्णता से उसके पीछे चलना है। संपूर्णता से उसके पीछे चलने के लिए हमें अपना क्रुस उठाना आवश्यक है और अपना जीवन खो कर उसके लिए जिए। यह आवश्यक है कि, हम अपने स्वयं, अपने मार्गो, अपनी इच्छाओं, अपने उत्थानों के लिए मृतक हो जाए। अतः इस मृत्यु में, आत्मप्रेम की मृत्यु में मसीह का प्रेम हम में जीवित हो उठता है। हमें शांति, स्वीकृति, अनुमोदन, दिशा और मूल्य के लिए - किसी अन्य व्यक्ति विशेष की ओर नहीं परंतु केवल मसीह की ओर देखना है। हमारा सारा आनंद केवल उसी में पाया जाना चाहिए। केवल मसीही हमारा सबसे बड़ा उपहार होना चाहिए। अपने सभी प्रकार के लाभों के लिए जो उस पर आशा रखने से है, हमें संपूर्णता से निर्भर करना चाहिए। हमें परमेश्वर पर पूरा भरोसा रखना चाहिए, ना कि अपनी धार्मिकता पर। हमें अपने स्वयं पर भरोसा नहीं रखना है। असल में यदि हम अपने स्वयं को पीछे छोड़ दें, तभी हम मसीह से रूबरू हो पाएंगे।
हालांकि अपने स्वयं को पीछे छोड़ना कोई छोटी बात नहीं। इसका मत है कि हमें अपने तरीकों, अंतर्दृष्टि, इच्छाओं, लालसाओं, भय, असुरक्षाओं, समस्याओं, चिंताओं, जरूरतों आदि को पीछे छोड़ना है। जितना अधिक हम इस संसार की राहों और आराम को छोड़ते जाएंगे, उतना अधिक हम मसीह के आराम में और उसकी राहों में जुड़ते जाएंगे। जितना अधिक हम मसीह में आनंदित रहेंगे, उतना ही उसकी सेवा के लिए इच्छुक रहेंगे, कष्ट सह पाएंगे और उससे अलगाव के खतरे से बचे रहेंगे। परमेश्वर का आनंद ही हमारा सामर्थ है।
यदि हम मसीह और उसके प्रेम से भरने की खोज में है, तो दिन प्रतिदिन अपने हृदय को उसके साथ सांठगांठ के चले, फिर चाहे कितना भी भीषण तूफान हो, या व्याकुलता या कितनी भी कठिन परीक्षाएं मार्ग में आए।
कल हम देखेंगे कि यह व्यवहारिक रूप से दिन-प्रतिदिन कैसा दिखता है
हृदय के लिए सत्य वचन: अपने मस्तिष्क के नवीनीकरण अथवा हृदय परिवर्तन हेतु, पवित्र शास्त्र से कोई एक वचन चुन कर अपने हृदय में मनन करें।
आत्म को मारने के लिए: पवित्र शास्त्र आपके जीवन में से किस विशिष्ट पाप को संबोधित कर रहा है, जो आपने लिखे हैं? पौलुस हमें विशेष रूप से पुराना आत्म छोड़ने के लिए कहता है।
सत्य को जीवन में लाना: नए आत्म, अर्थात मसीह को पहन लें। मसीह के अधीन आने के लिए, आपको अपनी सोच या रवैय्ए या व्यवहार में किस प्रकार के विशेष सुधार लाने हैं, कि उसकी सत्य को अपने मन और मस्तिष्क में लागू कर सकें?
इस योजना के बारें में
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सब जानना चाहतें हैं कि वास्तव में प्रेम क्या है। लेकिन बाइबिल प्रेम के विषय में क्या बताती है, कुछ लोग ही इस बात को जानते हैं। प्रेम, बाइबिल के मुख्य विषयों में से एक तथा मसीह जीवन का सबसे महत्वपूर्ण सदगुण है। थीस्लबेण्ड मिनिस्ट्रीज़ की ओर से यह पठन योजना, बाइबिल आधारित प्रेम के मायने तथा परमेश्वर और सब लोगों से कैसे बेहतर तरीके से प्रेम करें, इन बातों की खोज करती है।
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यह योजना हमें उपलब्ध कराने के लिए हम थिसलबेंड मिनिस्ट्री का शुक्रिया अदा करते हैं ! अधिक जानकारी के लिए कृप्या देखे: www.thistlebendministries.org
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