सच्चा परमेश्वर नमूना

सच्चा परमेश्वर

दिन 3 का 7

परमेश्वर पवित्र है।

यशायाह एक दर्शन का वर्णन करता है जिसमें स्वर्ग में स्वर्गदूत लगातार “पवित्र, पवित्र, पवित्र” कह कर पुकार रहे हैं (यशायाह 6:3)। हम जानते हैं कि परमेश्वर भला है और वह सर्वश्रेष्ठ है। उसके पवित्र होने का क्या अर्थ है?

परमेश्वर का पवित्र स्वभाव पवित्र है, उसमें पाप, असिद्धता या बुराई का कोई लक्षण नहीं है। पवित्रता का यही मतलब है। यह उसकी हस्ती का एक ऐसा पहलू है जो उसे बाकि सब से अनोखा बनाता है। उसके समान और कोई नहीं है।

हम लोगों को, अर्थात उसकी सन्तानों को पवित्र होने के लिए बुलाया गया है - परमेश्वर के स्वभाव के समान शुद्ध और सिद्ध होने के लिए।

“...और उस पवित्रता को खोजी हो, जिसके बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा।” (इब्रानियों 12:14)।

यह कैसे सम्भव है? यह मसीह के क्रूस के बिना सम्भव नहीं है जो हमें शुद्ध करता है। हम पापों के कारण अशुद्ध हो गये थे। हम स्वर्ग तक जाने के लिए उसके द्वारा बताये गये तरीके के बिना न तो उस परमेश्वर की उपस्थिति में खड़े हो सकते हैं, और न ही उसकी समानता में ढल सकते हैं: और वह रास्ता यीशु, हमारे उद्धारकर्ता, परमेश्वर के पुत्र का त्याग से भरा हुआ उपहार है।

यह ऐसा है मानों परमेश्वर ने हमारे पापों की सूची पर “delete” अर्थात “मिटाने” का बटन दबा दिया हो। हमारा बाकि का जीवन “शुद्धिकरण” की एक प्रक्रिया बन जाती है- अर्थात उस पवित्रता में जीवन व्यतीत करना जो उसने हमें पहले से दी है।

सच्चा परमेश्वर पवित्र है और वह चाहता है कि हम भी पवित्र बनें - ताकि हम उसके साथ एक घनिष्ठ रिश्ता बना सकें। क्या आप ने अभी तक अपने जीवन को मसीह के हाथों में समर्पित किया है, ताकि आप उसकी समानता में परिवर्तित हो सकें और उसके साथ चल सकें?

परमेश्वर की पवित्रता का दर्शन आपके सोचने के ढंग को बदल देगा, आपके स्वभाव को आकार देगा, और आपके जीवन को दिशा प्रदान करेगा। वह आपको अपने साथ घनिष्ठता प्रदान करेगा। कुछ समय के बाद आपका जीवन उसके भले, सर्वश्रेष्ठ और पवित्र स्वभाव को प्रगट करने वाला बन जाएगा।

पवित्र शास्त्र

दिन 2दिन 4

इस योजना के बारें में

सच्चा परमेश्वर

आप परमेश्वर को कैसे देखते हैं? इस प्रश्न का उत्तर आपको, आपके विश्वास, आत्म-धारणा, स्वभाव, रिश्ते व लक्ष्य को एक आकार प्रदान करता है। परमेश्वर के सम्बन्ध में एक अनुचित धारणा आपके जीवन को हमेशा के लिए जटिल बना सकती है। इसका अर्थ है कि सच्चे परमेश्वर को दूर दृष्टि से देख पाना बुद्धिमानी है - अर्थात उसकी मनसा के अनुसार देखना - आपका जीवन शक्तिशाली ढंग से बदल जाएगा।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए एज पर लिविंग को धन्यवाद देना चाहते हैं। ज्यादा जानकारी के लिये पधारें: https://livingontheedge.org