पर्वतों को हटाने का विश्वास: न-पहुंचे लोगों के बीच में आन्दोलन के लिए अपने विश्वास को उतेजित करना (Hindi Edition)नमूना
यहोशू के पहले अध्याय में, ये शब्द “हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा” चार अलग-अलग बार दोहराया गया! इस के माध्यम से परमेश्वर नया मार्गदर्शक को एक सन्देश पहुँचने की कोशिश कर रहा था। मूसा मर गया था। अब यहोशू का समय आ गया कि वह उठकर लोगों को आगे ले चले। उसका समय था। उसका नसीब था। इसी काम के लिए परमेश्वर ने उसे तैयार किया था। फिर भी, वह डर रहा था। आगे चलकर उन्हें कई कठिनाइयों और कई चुनौतियों का सामना करना होगा। लड़ाई को लड़ना, नदियों को पार करना और दुश्मनों को भगाना। वह नए क्षेत्र में जा रहा था, नई भूमि को कब्ज़ा करने जा रहा था। ज़रूर यहोशू को चाहिए होगा कि उन शब्दों को एक बार से ज्यादा सुनने की ज़रूरत थी।
सीमावर्ती इलाकों में कार्य करने वाले सत्संग स्थापना के रूप में हम यहोशू के समान हैं। हम अपने राज्य के लिए नए स्थानों और लोगों को ले रहे हैं। हम नए क्षेत्र में जा रहे हैं और अंधेरे की शक्तियों को पीछे धकेलते हैं। कभी-कभी हम जवानी और अनुभवहीनता महसूस करते हैं। फिर भी, यहोशू की तरह, इस कार्य के लिए परमेश्वर ने हम ही को चुना है। जब वह हमें बुलाता है तो वह हमारे साथ रहने का वादा करता है, हमारे आगे चलना, हमारे लिए लड़ना और हर स्थिति में हमारी मदद करना। वह आज भी हमसे बोलता है, एक बार फिर, “हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा।” “हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा”। “हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा”। “हियाव बाँधकर दृढ़ हो जा।”
यह शक्ति सिर्फ शारीरिक शक्ति नहीं है। यह आत्मा की ताकत, मन की ताकत है। परमेश्वर ने यहोशू से कहा और वह हमसे भी बोलता है, “डर और शक के सामने मत झुको। अपनी आत्मा में ताकतवर हो। विश्वास और परमेश्वर की शक्ति में उठो। साहसी बनो!” हिम्मत ऐसी मन या आत्मा का गुण है जो एक व्यक्ति को सक्षम बनाता है कि वह बिना डर कोई भी कठिनाई, खतरे या दर्द का सामना कर सकता है। साहसी होने का मतलब उन खतरों, डर या कठिनाइयों को देखकर कहना “मैं तुझको मना करता हूँ कि तू मुझे अपने वश में करे। तेरे बावाजूद मैं आगे बढ़ रहा हूँ!” यह ताकत और साहस निश्चित रूप से आता है, इस ज्ञान से कि परमेश्वर हमारे साथ है। यदि परमेश्वर हमारे पक्ष में है, तो हमारा विरोध कौन कर सकता है? हमें डरने का कोई कारण नहीं है।
परमेश्वर ने इस्राएलियों को उनके भूमि में प्रवेश करने के लिए बहुत पहले ही वादा किया था। यहोशू कब्जा करने के लिए उन्हें ले जा रहा था। परमेश्वर के आदेश और वादे के आधार पर वह आगे गया। जब हम न-पहुंचे लोगों के बीच काम करते हैं, हमें इन दो बातों को याद रखना चाहिए। परमेश्वर ने हमें इन लोगों को देने का वादा किया है। यह पहले से ही लिखा है प्रकाशित वाक्य की पुस्तक में, कि हर जनजाति और देश के लोग उसकी अराधना करेंगे। परमेश्वर ने हमें सभी देशों और लोगों को अपने शुभ सन्देश को ले जाने का आदेश दिया है। हम यहाँ इसलिए हैं क्योंकि उसने हमें भेजा है। इसलिए हम उठकर ताकतवर होंगे। हम साहस के साथ खतरों और कठिनाइयों का सामना करेंगे। हम अपनी-अपनी यरदन को पार करेंगे और उन लोगों के समुहों का कब्जा कर लेंगे जो उसने हमें दिया है। क्योंकि हम जानते हैं कि हमारे परमेशवर हमारे साथ है!
विचार करने का सवाल
1. आप आज अपनी आत्मा में कितनी मजबूती महसूस करते हैं? ऊपर वाले वचन के विषय में अपने प्राण से बात कीजिए।
2. आप किस बात का सामना करते हैं जिसमें साहस की ज़रूरत है? आगे बढ़ने के लिए कौन सी कठिनाई, खतरा, या दुख आपको डराते हैं, या परमेश्वर की सेवा करने के लिए रोकता है?
शिष्य को बनाने वाले की प्रार्थना
हे प्रभु, आपने यहोशू को ताकतवर और साहसी बनने की आज्ञा दी थी। मैं जानता हूँ कि आप मुझसे भी यही बात बोल रहे हैं। मेरी आत्मा में मुझे मजबूत बनाइये। साहस, विश्वास और आत्मविश्वास के साथ कठिनाइयों का सामना करने के लिए मेरी मदद कीजिए। अपना डर और चुनौतियाँ आज मैं आप को सौंपता हूँ। धन्यवाद कि आप मेरे साथ हैं और मेरे आगे लड़ाई में जाते हैं। अमीन।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
यह 7 दिन का मार्गदर्शक योजना हमें विश्वास के बारे में सिखाती है कि, हम कैसे विश्वास में आगे बढ़ सकते हैं, परमेश्वर के राज्य की सेवकाई के लिए। क्या आप चाहते है कि आप के अन्दर जन समूह आंदोलन को देखने का विश्वास हो? तो ज़रूर इस पुस्तक को आज ही पढ़े और अपने विश्वास को आगे बढ़ाए।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए YWAM फ्रंटियर मिशनों को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://www.dmmsfrontiermissions.com/contact-dmmsfrontiermissions/