इस बात पर विश्वास करना कि परमेश्वर भला है, चाहे कुछ भी हो जायेनमूना
एक अच्छा ढूँढने वाला बनना
परमेश्वर की ’ भलाई को हर दिन ढूँढने से, हमारे अपने जीवन में हम अच्छी बातों को देखने की उम्मीद रखते हैं। परमेश्वर की ’भलाई कहीं ’ छुपी नहीं है, और उसका अनुग्रह भी ’सीमित नहीं है. . .हमे केवल वो दृष्टि रखनी है जो उसे पाने के लिए उसकी तलाश कर सके। परमेश्वर के ’अनुग्रह के प्रति हम ’हमेशा गौर नहीं करते, यही कारण है कि पौलुस प्रेरित ने अपने मित्रों ले लिए प्रार्थना की कि उन्हें इस बात की समझ मिले।
पौलुस ने इफिसुस की कलीसिया को पत्री लिखी और उन्हें कहा कि वह उनके लिए प्रार्थना कर रहा था कि [उनके] “मन की आँखें ज्योतिर्मय हो सकें। ” यहॉँ ’लेन-देन है:अनुग्रह हमें चारों ओर से घेरे रहता है। जब मैं अपने जीवन में भली बातों को देखना आरम्भ करता हूँ, मुझे अहसास होता है कि वो हर जगह, यहाँ तक की जिस स्थान में सम्भावना भी नहीं होती,वहाँ पर भी पाई जातीं हैं। कभी-कभी जब परमेश्वर का ’अनुग्रह सबसे कम दिखता है, तब हमारे पक्ष में वो सबसे’ उत्तम कार्यशील होता है। अपनी दृष्टि को इस तरह से सिखाओ कि वे हर समय भलाई को देखें और हरेक मोड़ पर जो भलाई प्रकट होती है उसे देखें।
आपकी मानसिकता और आपकी मनोदृष्टि के द्वारा परमेश्वर का’ अनुग्रह आपके ऊपर आ सकता है, और इन्हीं दोनों कारणों की वजह से जा भी सकता है। एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य के लिए अनुग्रह निष्पक्ष हो सकता है, लेकिन इसका यह ’अर्थ नहीं कि ’वह सबकी ’मानसिकता और मनोदृष्टि के अनुरूप हो। जब हम एक अच्छा ढूंढने वाला बनने का चयन करतें हैं, तो यह हमारे जीवन में परमेश्वर के ’ अनुग्रह को बढ़ाता है।
इसके बारे में थोड़ा सोचें: अच्छी और भली बातों की ओर अपने मन और दिमाग को नए सिरे से कैसे केंद्रित कर सकते हैं?
प्रार्थना:परमेश्वर आपका धन्यवाद करता/करती हूँ, कि आपने मुझे इस योग्य बनाया कि मैं अपने मन और दिमाग को नए सिरे से सीखाने वाला/वाली हो सका/स्की, जिससे मैं उन अच्छी और भली बातों को जो मेरे जीवन का हिस्सा हैं, देखने वाला/वाली हो सका/सकी। मैं एक अच्छा/अच्छी ढूंढने वाला/वाली बनना चाहता/चाहतीं हूँ, जिससे मैं, प्रतिदिन आपके अनुग्रह के बारे में और अधिक सोच सकूं तथा और अधिक पाने की उम्मीद रख सकूँ। यीशु मसीह के ’नाम से। आमीन।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
आज, कलीसिया के अंदर तथा बाहर दोनों ही जगह, कुछेक ऐसे सन्देश हैं जिन्होंने परमेश्वर के अनुग्रह के संदेश की सत्यता को भ्रष्ट कर दिया है। सच्चाई यह है कि हमें अच्छी वस्तुएँ उपलब्ध कराने के लिए परमेश्वर बाध्य नहीं हैं - लेकिन वो उपलब्ध कराना चाहतें हैं! अगले 5 दिन आपको आपके चारों ओर देखने के लिए तरो-ताज़गी से भरे एक नए दृष्टिकोण को देंगें जो रोज़-मर्रा की रुकावटों को रोक कर परमेश्वर की अखंडनीय और अत्यधिक भलाई को देखने में आपकी सहायता करेगा ।
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