काइल आइडलमैन के साथ उड़ाऊ पुत्र रूपांतर ।नमूना
“ ईमानदारी – ईमानदारी जो घाव भरती है”
अधिकतर मसीही, खुद के प्रति एवं परमेश्वर के प्रति भी, ईमानदार होने के महत्व को समझते व स्वीकार भी करते हैं। यूहन्ना की पहली पत्री में बाइबल हमे बताती है कि यदि हम अपने पापों को मान लें, तो परमेश्वर हमारे पापों को क्षमा करने और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। बाइबल यह भी कहती है कि यीशु ने क्रूस पर अपने प्राण देते समय वह दण्ड अपने ऊपर ले लिया जिसके हम हकदार थे। यीशु मेरे पापों के लिए मरा ताकि जब मैं उनका अंगीकार करता हूं, परमेश्वर मुझे क्षमा करते हैं।
सामान्यतः हम खुद से कहते हैं कि इससे अधिक और कुछ नहीं करना है: “यदि मैं खुद के प्रति व परमेश्वर के प्रति ईमानदार हूं, तो इतना पर्याप्त है” परंतु उ. ई. क्रि. इससे अधिक की मांग रखता है।
याकूब 5:16 आपस में एक दूसरे के सामने अपने-अपने पापों को मानने और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करने के विषय में बताता है, “जिस से चंगे हो जाओ”। जब हम परमेश्वर के प्रति ईमानदार होते हैं, वे हमें क्षमा करते हैं, परन्तु जब हम औरों के प्रति ईमानदार होते हैं, हमारे घाव भरते हैं।
“चंगा होना” से क्या तात्पर्य है?
एक-दूसरे के समक्ष अपने-अपने पापों को मानना हमें ज़िम्मेदार ठहराता है तथा वह प्रोत्साहन पाने में सहायता करता है जो हमें अपने संघर्ष के चक्र को तोड़ने के लिए चाहिए। जब हम अंधेरे में छुपाए हुए विषयों को पकड़ते हैं तथा लात मारते हुए व घंसीटते हुए ज्योति में लाते हैं, हम देखते हैं कि उनका सामर्थ्य काफी हद तक प्रभावहीन होने लगता है।
जिस चंगाई के विषय में याकूब बता रहे हैं वह आपके विचारने से अधिक आक्षरिक है। यह जांचिए: “कोपिंग विथ स्ट्रेस” नामक एक धर्मनिरपेक्ष समकालीन मनोविज्ञान की किताब, अंगीकार के घाव भरने के सामर्थ्य की पुष्टि करती है। इसके लेखक दावा करते हैं कि, “ऐसे लोग जो रहस्य रखने का झुकाव रखते हैं वे औसतन उन लोगों की तुलना में, जो ऐसा झुकाव नहीं रखते, शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं की शिकायतें अधिक करते हैं… अत्यंत चिंतित रहना, निराशा, पीठ-दर्द एवं सर-दर्द जैसे शारीरिक लक्षण [इत्यादि]… खुद के अंधेर के रहस्यों के शाब्दिक प्रकटीकरण से मिलने वाली राहत, अंगीकार करने की आरंभिक शर्मिंदगी पर निरंतर भारी पड़ने लग जाती है। ”
नीतिवचन 28:13 इन खोजों की पुष्टि करता है: “जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सफल नहीं होता, परन्तु जो उनको मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी।”
* अतीत में, अपने पापों को दूसरों के समक्ष मानने के द्वारा आपको कैसे सहायता प्राप्त हुई? क्या ऐसे कोई गुप्त पाप हैं जिन्हें आपने छिपा रखा है और जिनका खुलासा करने की चाहत आप नहीं रखते?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
उनकी पुस्तक "AHA" में से लिया गया, काइल आइडलमैन के साथ जुड़ें, जबकि उन्होंने इन ३ तत्वों को खोजा है, जो हमें परमेश्वर के और नज़दीक ले जा सकतें हैं और हमारे जीवन को भलाई के लिए बदल सकतें हैं। क्या आप परमेश्वर के क्षण के लिए तैयार हैं जो सब कुछ बदल सकता है ?
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