काइल आइडलमैन के साथ उड़ाऊ पुत्र रूपांतर ।नमूना
“ईमानदारी - खुद से बात करना”
लुका 15:17 में हम AHA. का दूसरा तत्व (कठोर ईमानदारी) को देखते हैं: “उसने (खुद से) कहा…”
वहां और कोई नहीं था। केवल वह और कुछ सुअर ही थे। कभी-कभी सब से कठिन वार्तालाप वही होती है जो हम अपने आप से करते हैं। कठोर ईमानदारी का आरंभ तब होता है जब हम आईने में देखते हैं तथा जो हमें दिखता है उसके विषय में सच-सच कहते हैं। AHA यह मांग रखता है कि आप खुद के विषय में खुद से सत्य कहें।
उड़ाऊ पुत्र इस विषय में खुद के प्रति ईमानदार था कि उसकी योग्यता क्या थी। ऐसी ईमानदारी कठिन है। हम ऐसी कठोर इमानदारी के अतिरिक्त जागृति पसंद करेंगे।
उस पत्नी के समान जो अपने दोष लगाने के स्वभाव के विषय में सजग हो जाती है परन्तु यह कहने से इंकार करती है कि, “इस रीति से नकारात्मक हो कर मैंने गलत किया है। मैं जानती हूं कि मेरे पति को मेरे प्रोत्साहन एवं समर्थन की आवश्यकता है, परन्तु मैंने केवल दोष लगाया व शिकायत की है।”
उस पति के समान जो अपने यौन-संबंधी पाप के विषय में सजग हो जाता है, परंतु यह कहने से इंकार करता है कि, “मेरे अश्लील चित्र देखने की समस्या ने मेरे विवाह में एक दरार पैदा कर दी है और मेरी पत्नी के प्रति मेरे हृदय को कठोर कर दिया है।”
कठोर ईमानदारी को नजरंदाज करने से चिरस्थाई बदलाव नहीं हो पाएगा। जब अंगीकार बिना पश्चाताप के हो तो वहां AHA काम नहीं करता! जब उड़ाऊ पुत्र अपने आपे में आया तब उसने खुद का सामना सच्चाई से किया। जागृति से ईमानदारी की ओर बढ़ना आवश्यक है। अभिशस्ति का अंगीकार में बदलना आवश्यक है।
आखिर हमारे स्वर्गीय पिता सब कुछ देखते और जानते हैं तो यह पकड़े जाने का प्रश्न नहीं है। जिस ईमानदारी के विषय में मैं बात कर रहा हूं यह एक सरल अंगीकार से अधिक है; यह एक प्रकार का बिखरापन है। हां जिसने आप को रंगे हाथों पकड़ा है उससे आप को क्षमा मांगना है, परंतु इससे और अधिक करना होगा। एक सच्चे पल में जब आप के इर्द-गिर्द कोई न हो, आपको खुद से खुद के विषय में सत्य कहना होगा और जानना होगा कि आप शोकार्त हैं।
खेद व पछतावे में यही अंतर है।
* क्या आपने सजग होने के पश्चात खुद का सामना ईमानदारी से किया? क्या आप ऐसे ईमानदार हैं कि अपने घटियापन तथा उसके प्रति परमेश्वर की अप्रसन्नता को देख सकते हैं?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
उनकी पुस्तक "AHA" में से लिया गया, काइल आइडलमैन के साथ जुड़ें, जबकि उन्होंने इन ३ तत्वों को खोजा है, जो हमें परमेश्वर के और नज़दीक ले जा सकतें हैं और हमारे जीवन को भलाई के लिए बदल सकतें हैं। क्या आप परमेश्वर के क्षण के लिए तैयार हैं जो सब कुछ बदल सकता है ?
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