मन की युद्धभूमिनमूना

मन की युद्धभूमि

दिन 97 का 100

तात्कालिक संतुष्टिकरण

‘‘क्षणिक संतुष्टिकरण बहुत समय लेता है'', मेरे मित्र ने कहा और हंस पड़ी। वह माइक्रोवेव के सामने खड़ी थी। उसने अपनी कॉफी को गरम करने के लिये 90 सेकेण्ड का समय खर्च किया था। वह अपने पैर के अंगूठे से लगातार भाव दे रही थी जब वह अधैर्यपूर्वक इन्तजार कर रही थी।

उसे देखते हुए मैंने मुस्कुराया और तब मैंने समझा कि इन दिनों में हम अपने जीवन में तात्कलिक शब्द के द्वारा बिगड़ हो रहे हैं। तात्कलिक भोजन, तात्कलिक ऋण व्यवसाय, तात्कलिक प्यार ये सब आज हमारे पास है। इसी समान सोच के द्वारा भी हम परमेश्वर को फसाने का प्रयास किये हैं। प्रभु परमेश्वर अभी मुझे यह दे, हम प्रार्थना करते हैं। या यदि हम इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते हैं, फिर भी हमारा मतलब यही होता है।

उतने वषोर्ं के वचन अध्ययन के द्वारा मैंने यह एक बात सिखा है कि हम परमेश्वर को जल्दबाजी करने के लिये नहीं कह सकते हैं। वह अपने समय पर कार्य करता है। पूर्व के मनन में मैंने अब्राहम और यूसुफ के लम्बे इन्तजार की तरफ इशारा किया है। एक व्यक्ति को मारने के बाद मूसा मरूभूमि की तरफ भाग गया, और परमेश्वर के थाप को अपने कन्धे पर पाने के लिये वह चालीस वर्ष तक इन्तजार किया। राहेल ने वषोर्ं तक एक बच्चे के लिये प्रार्थना किया, और हन्ना भी परमेश्वर से उत्तर पाने से पहले ऐसा ही किया।

जब परमेश्वर ने अन्धे शाऊल के लिये प्रार्थना करने को हनन्याह को भेजा, ‘तब प्रभु ने उस से कहा, कि तू चला जा; क्योंकि यह, तो अन्यजातियों और राजाओं और इस्राएलियों के सामने मेरा चुना हुआ पात्र है।'' (प्रेरितों 9ः15)। चंगाई पाने के बाद क्या पौलुस तुरन्त जाकर राजशाही से बात करने लगा? इस प्रतिज्ञा को पूरा करने से पहले वषोर्ं गुजर गए। तात्कलिक संतुष्टिकरण वहाँ पे नहीं था।

बहुत से लोग इन्तजार करते हुए अधैर्यवान हो जाते हैं और निश्चय ही शैतान इस बात को यह कहने के लिये, कि परमेश्वर अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने नहीं कर रहा है। यदि वह उसे करता तो अब तक कर चुका होता। जब मैंने मानवीय अधैर्य के बात के बारे में विचार किया, तो मैंने महसूस किया कि अधैर्य घमण्ड का फल है। घमण्डी कभी किसी भी बात के लिये सही स्वभाव के साथ इन्तजार नहीं कर सकते हैं। यह मानो ऐसा है कि वे चिल्ला उठते हैं, यह मेरा हक है, और यह मुझे अभी चाहिये।

याकूब 5:7 से मैं दो बातों की तरफ इशारा करना चाहती हूँ। परमेश्वर नहीं कहता है यदि तुम इन्तजार करते तो धैर्य रखो, परन्तु वह कहता है, जब तुम इन्तजार करते हो तो धैर्य रखो। वह किसानों का सुन्दर उदाहरण का इस्तेमाल करता है। वह मिट्टी को तैयार करता और बीज बोता है, और तब इन्तजार करता है। वे जानते हैं कि परमेश्वर के समय पर फसल पैदा होगी और वे यह भी समझते हैं कि गेहूँ और टमाटर का अलग अलग समय होता है।

दूसरा, हमे अपने जीवन का आनन्द उठाने की आवश्यकता है, ठीक तभी जब हम इन्तजार करते हैं। बहुत से लोग समय बर्बाद करने के विषय में शिकायत करते हैं (जब कि वे इन्तजार के विषय में ऐसी ही बात करते हैं)। हमें दुकान में कितना लंबा इन्तजार करना चाहिये, इस बात पर शिकायत करने या राजमार्ग की भीड़भाड़ पर शिकायत करने के बजाय, यदि आपने ऐसा कहा होता तो कैसा होता, परमेश्वर धन्यवाद। मैं अभी धीमा हो सकता हूँ, मैं अभी समय का आनन्द उठा सकता हूँ। मेरे जीवन का हर समय उत्पादन या क्षमता वाला होना आवश्यक नहीं है।

भजनकार ने इसे इस प्रकार लिखा है, ‘‘मेरे दिन तेरे हाथ में हैंय तू मुझे मेरे शत्रुओं और मेरे सतानेवालों के हाथ से छुड़ा।'' (भजनसंहिता 31ः15)। यह एक ऐसे व्यक्ति की प्रार्थना थी जो निराश अवस्था में था। उसके शत्रु उसे मारने चाहते है, परन्तु वह परेशान नहीं हुआ, परन्तु उस ने कहा, ‘‘मेरे दिन का समय तेरे हाथ में हैं''।

क्या परमेश्वर ऐसा नहीं चाहता है कि आप जिएँ। आपका जीवन और आपका समय परमेश्वर के हाथ में है। तब यदि आपको देरी होती या इन्तजार करना पड़ता है तो क्या परमेश्वर नहीं जानता है? जीवन की गति को वही नियंत्रित करता है। ‘‘मेरा समय आप के हाथ में हैं''। ऐसा ही परमेश्वर चाहता है कि आप जिए और आप समय का इन्तजार का आनन्द उठाएँ। पाप करने और आगे बढ़ने पर ही आप ध्यान केन्द्रित न करें। परमेश्वर जब आपको आराम करने के लिये समय देता है, तो उसमें भी आनन्द उठाएँ। परमेश्वर के उपहार के रूप में उसका आनन्द उठाएँ।

परमेश्वर मैं अधैर्यवान हो जाती हूँ, और मैं प्रार्थना का तात्कलिक उत्तर और अपने समस्याओं का तात्कलिक हल चाहती हूँ। परन्तु यह आपका तरीका नहीं है। मेरा समय आपके हाथ में है। यीशु मसीह के नाम से प्रार्थना करती हूँ कि, इन्तजार के समय का आनन्द उठाने में मेरी सहायता कर। और मुझे स्मरण दिला कि इन्तजार करना हमेशा ठीक होता है। आमीन।।


पवित्र शास्त्र

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इस योजना के बारें में

मन की युद्धभूमि

जीवन कभी-कभी हम में किसी को भी ध्यान ना देते समय पकड़ सकता है। जब आप के मन में युद्ध चलना आरम्भ होता है, दुश्मन परमेश्वर के साथ आपके संबंध को कमजोर करने के लिए उसके शस्त्रगार से प्रत्येक शस्त्र को इस्तेमाल करेगा। यह भक्तिमय संदेश आपको क्रोध, उलझन, दोष भावना, भय, शंका. .

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हम इस पढ़ने की योजना प्रदान करने के लिए जॉइस मेयर मिनिस्ट्रीज इंडिया को धन्यवाद देना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://tv.joycemeyer.org/hindi/