मन की युद्धभूमिनमूना

मन की युद्धभूमि

दिन 43 का 100

एक भटकता, भ्रमि मन

जिन दिनों में पौलुस ने इन शब्दों को लिखा उन दिनों में पुरूष लंबे लंबे चोगे पहना करते थे जो जल्दी आगे बढ़ने या अनवरत कार्य करने में बाधक होता था। वे अपने कमर पर चौड़े पट्टे बांधा करते थे और जब उन्हे कोई कार्य करना होता, तो वे अपने कमर को कसा करते और अपने कपड़े के छोर को पट्टे में फंसाकर छोटा कर लिया करते थे। यह शब्द ऐसा कहने के समान है ‘अपने बांहों को ऊपर चढ़ा लो‘। यहां पर पतरस के शब्द कार्य करने के लिए एक गंभीर बुलाहट है। एक स्मरणसूचक बात है कि जब हम अपना ध्यान खो देते है तो हमारे लिए गंभीर चिंतन करने का समय है।

मैंने पहले ही बात कर लिया है, कि लंबे समय तक व्यस्त रहना किस प्रकार सामान्य मन के विरूद्ध असामान्य मन के रूप में परिणिति लाता है। अब मैं यह बताना चाहती हूँ कि आपके मन पर आक्रमण करने का शैतान का एक और तरीका आपके विचारों को भटकाते रहने का है। यह एक मानसिक आक्रमण है। यदि आप अपने मन को महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अनुशासित नहीं करते हैं तो शैतान उसे लक्ष्यहीन कर अन्य विचारों में भटकाता रहेगा।

जब यह ध्यान केंद्रित करने की अक्षमता कुछ क्षण तक चलता रहता है, आप आश्चर्य कर सकते हैं कि आपके मन के साथ कुछ समस्या है। आप अक्सर यह समझने में गलती करते हैं कि जब आपने इतने लंबे समय तक अपने मन को भटकते रहने दिया तब आप बमुश्किल यह जानते थे कि ऐसा हो रहा है।

कुछ घटनाओं में ध्यान न लगा पाने के शारीरिक कारण हो सकते हैं, जैसे, रक्त अल्पता, विटामिन बी की कमी, आप सही रीति से भोजन नहीं ले रहे होंगें या आप अत्यधिक थक गए होंगें। जब आप एक हल की खोज कर रहे हों तब सभी संभाव्य कारणों का ध्यान करना एक अच्छा विचार है। मैंने जाना है कि जब मैं अत्यधिक थका हुआ होता हूँ, तब शैतान मेरे मन पर आक्रमण करने का प्रयास करता है, क्योंकि वह जानता है कि उन समयों में प्रतिरोध करना मेरे लिए अधिक कठिन है।

कभी कभी ध्यान केंद्रित करने में, कभी समझ में, कमी को उत्पन्न करता है। शायद आप जब बाईबल पढ़ रहे होते हैं तब स्वयं को जल्दबाजी करते हुए पाएँगे ताकि आप कुछ और कर सकें। पढ़ने के कर्त्तव्यबोध के कारण आप एक अध्याय पढ़ने के लिए कृतसंकल्प हैं — और इसलिए आप ऐसा करते हैं। किन्तु पढ़ने के पश्चात्‌ आपको कुछ भी स्मरण नहीं रहता है कि आप ने क्या पढ़ा है। आपकी आँखों ने पृष्ठ का पर्यवलोकन किया किन्तु आपका मन कहीं और उलझा हुआ था।

शायद आपने अपने मन के इस द्वंद को कलीसिया में महसूस किया होगा। आप लगातार कलीसिया जाते हैं और शैतान इसे रोक नहीं सकता है, परन्तु वह आपके मन को प्रचार के दौरान भटका सकता है। क्या आपने कभी पूरी तल्लीनता के साथ किसी संदेश को सुना हो और अचानक आपने महसूस किया हो कि आपका मन भटक गया था और आपको नहीं मालूम कि कहा गया?

यदि शैतान आपसे बाईबल पढ़ने और कलीसिया में परमेश्वर के वचन को सुनने के फायदे को चुरा सकता है, तो वह आपके मन के युद्ध में एक बहुत बड़े मुठभेड़ को जीत लिया है। इसलिए पतरस हमसे ‘‘बुद्धि की कमर कसने'' के लिए कहता है। अपने भटकते मन का सामना करने और महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान के लिए अनुशासित करने के द्वारा आपको कार्यवाही करना चाहिए।

बातचीत में जब मैं समझती हूँ कि मेरा मन भटक गया है तब मैं इसकी नकल किया करता हूँ। ‘‘क्या आप पुनः इसे दुहराएँगें। मैंने अपने मन को भटकने दिया और आपने जो कुछ कहा उसमें से कुछ भी नहीं सुना'' के द्वारा अब मैं इमानदारीपूर्वक इसके साथ व्यवहार करता हूँ। इस प्रकार का व्यवहार न केवल शत्रु की योजना में व्यवधान पहुँचाता है परंतु समस्या का निदान भी करता है।

जब मन को लक्ष्यहीन भटकने की अनुमति दी गई हो, तब उसे अनुशासित करना आसान नहीं है, परंतु आप कर सकते हैं। जब आप पाते हैं कि आपके विचार भटक गए हैं तो आपको उन्हे अनुशासित करना और आवश्यक कदम अवश्य उठाना चाहिए। शैतान आपको समझाना चाहेगा कि यह आपके बस की बात नहीं है, परंतु जब आप लगातार आपके मन पर उसके दावे के विरोध में आएँगें तब वह पराजित किया जाएगा और आप एक और युद्ध जीत गए हैं।

पवित्र आत्मा, मैं समझती हूँ कि शैतान कितनी जल्दी मुझे विचलित करता है, और मेरे भटकते मन पर कब्जा कर लेता है। मुझे दूर करने कि, उसे अनुमति देने के लिए मुझे क्षमा करें। मुझे एक भला और स्प्ष्ट मन देने के लिए आपको धन्यवाद और यीशु के नाम में मैं माँगती हूँ कि मेरे ध्यान को विचलित करनेवाली प्रत्येक परीक्षा पर विजय पाने में मेरी सहायता कर। आमीन।


पवित्र शास्त्र

दिन 42दिन 44

इस योजना के बारें में

मन की युद्धभूमि

जीवन कभी-कभी हम में किसी को भी ध्यान ना देते समय पकड़ सकता है। जब आप के मन में युद्ध चलना आरम्भ होता है, दुश्मन परमेश्वर के साथ आपके संबंध को कमजोर करने के लिए उसके शस्त्रगार से प्रत्येक शस्त्र को इस्तेमाल करेगा। यह भक्तिमय संदेश आपको क्रोध, उलझन, दोष भावना, भय, शंका. .

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हम इस पढ़ने की योजना प्रदान करने के लिए जॉइस मेयर मिनिस्ट्रीज इंडिया को धन्यवाद देना चाहेंगे। अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://tv.joycemeyer.org/hindi/