लूका और प्रेरितों के काम के माध्यम से एक यात्राSample
जब यीशु यरूशलेम के लिए निकलते हैं, तो वे अपने अनुयायियों के एक विशाल समूह को हर उस शहर को तैयार करने के लिए भेजते हैं जहां वे मार्ग में रुकने की योजना बनाए हुए हैं। वे बिना किसी साजोसामान के यात्रा करते हैं, किसी भी सामान या धन की पोटलियों की ज़रूरत ही नहीं है, और वे परमेश्वर के साम्राज्य की चंगा करने की शक्ति तथा संदेश से लैस होकर आगे बढ़ते हैं। इससे हमें एक बार फिर यह देखने को मिलता है कि यीशु के अनुयायी दुनिया में परमेश्वर के अभियान में सक्रिय सहभागी हैं। यीशु साम्राज्य का सुसमाचार देते हैं, और जिन्हें इस पर विश्वास है वे इसे केवल प्राप्त ही नहीं करते, बल्कि वे उसे दूसरों को प्रदान करने के कार्य में यीशु के साथ शामिल हो जाते हैं। यही साम्राज्य का तरीका है। यह इस दुनिया से शक्ति और संपदा संचित करने पर केंद्रित नहीं है; यह दुनिया को धन्य करने के लिए परमेश्वर की व्यवस्था को प्राप्त करने पर केंद्रित है। तो इस अगले अनुभाग में, लूका परमेश्वर की व्यवस्था पर विश्वास करने के बारे में यीशु के कई उपदेश लिखते हैं। यीशु प्रार्थना, संसाधनों के प्रबंधन, और समस्त उदारता का उपदेश देते हैं। उनके उपदेशों की प्रतिक्रिया में, निर्धन और सताये हुए लोग जश्न मनाते हैं। पर धार्मिक नेता जब सुनते हैं कि यीशु उनके जीवन जीने के लालची तरीके को सुधार रहे हैं, तो वे कुपित हो जाते हैं और उनके विरुद्ध षडयंत्र रचना शुरू कर देते हैं।
About this Plan
दिनों में व्यक्तियों, छोटे समूहों और परिवारों को लूका और प्रेरितों के काम की पुस्तकों को शुरू से अंत तक पढ़ने के लिए प्रेरित करती है। यह योजना प्रतिभागियों को यीशु से सामना करने और लूका के शानदार साहित्यिक रचना और विचार के प्रवाह के साथ जुड़ने में मदद करने के लिए एनिमेटेड वीडियो और गहरी समझ वाले सारांश सम्मिलित करती है।
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