YouVersion Logo
Search Icon

लूका और प्रेरितों के काम के माध्यम से एक यात्राSample

लूका और प्रेरितों के काम के माध्यम से एक यात्रा

DAY 12 OF 40

यीशु का साम्राज्य सताये हुए लोगों के लिए सुसमाचार है, और यह साम्राज्य हर उस व्यक्ति के लिए खुला है जो अपनी परमेश्वर की आवश्यकता को समझता है। इसे स्पष्ट करने के लिए, लूका हमें यीशु द्वारा रोगियों और निर्धनों के साथ प्रीतिभोजों में भाग लिए जाने के बारे में और उन रोगियों व निर्धनों को यीशु की क्षमा, चंगा करने की शक्ति और उदारता प्राप्त होने के बारे में बताते हैं। इसके विपरीत, यीशु उन धार्मिक नेताओं के साथ भी प्रीतिभोज में शामिल होते हैं जो उनका संदेश अस्वीकार कर देते हैं और उनकी विधियों के बारे में बहस करते हैं। वे नहीं समझते कि परमेश्वर के साम्राज्य का असल अर्थ क्या है, इसलिए यीशु उन्हें एक दृष्टांत-कथा सुनाते हैं। वह कथा कुछ यूं है।

एक पिता के दो पुत्र थे। बड़ा पुत्र विश्वासपात्र है और अपने पिता का सम्मान करता है, पर छोटा पुत्र बिगड़ा हुआ है। वह समय से पहले ही अपनी विरासत छीन लेता है, यात्रा पर दूर निकल जाता है, और भोग-विलास व अन्य मूर्खताओं में उसे खर्च कर देता है। फिर वहां अकाल पड़ जाता है और पुत्र का धन ख़त्म हो जाता है, तो वह एक अन्य व्यक्ति के सुअरों की देखभाल की नौकरी करने लगता है। एक दिन उसे इतनी भूख लगती है कि वह सुअर की सानी खाने को तैयार हो जाता है, और तब उसे यह एहसास होता है कि वह घर पर अपने पिता के लिए कार्य करते हुए कहीं बेहतर स्थिति में था। तो वह अपनी माफ़ी का अभ्यास करते हुए वापस घर को निकलता है। पिता पुत्र को काफ़ी दूर से ही देख लेता है और वह बहुत ख़ुश हो जाता है। उसका पुत्र जीवित है! वह अकाल से बच गया! पिता भाग कर पुत्र के पास पहुंचता है और उसे बेतहाशा चूमने और सीने से लगाने लगता है। पुत्र अपना भाषण शुरू कर देता है, “पिताजी, मैं आपका पुत्र होने लायक नहीं। अगर आप मुझे आपके लिए कार्य करने का मौका…” पर वह अपनी बात पूरी कर पाए इससे पहले ही उसके पिता अपने सेवकों को अपने पुत्र के लिए सबसे अच्छी पोशाक, नई चप्पलें, और एक सुंदर अंगूठी लाने का आदेश दे देते हैं। उन्हें सबसे अच्छी दावत तैयार करनी है क्योंकि यह उसके पुत्र के घर लौटने का जश्न मनाने का समय है। जब दावत शुरू होती है, तो बड़ा पुत्र पूरे दिन कड़ी मेहनत करके थका-मांदा लौटता है और पाता है कि यह सारा संगीत और भोजन तो उसके असफल भाई के लिए है। वह नाराज़ हो जाता है और जश्न में शामिल होने से मना कर देता है। पिता अपने बड़े पुत्र से बाहर मिलता है और उससे कहता है, “पुत्र, तुम तो हमारे परिवार में पहले से हो। मेरा सब कुछ तुम्हारा है।पर हमें तुम्हारे भाई का जश्न मनाना ही था। वह खो गया था, पर अब वह मिल गया है। वह मर गया था, पर अब वह जिंदा हो गया है।”

इस कहानी में, यीशु धार्मिक नेताओं की तुलना बड़े पुत्र से कर रहे हैं। यीशु यह देखते हैं कि उनके द्वारा बाहरी लोगों को स्वीकार कर लिए जाने के कारण धार्मिक नेता कितने कुपित हैं, पर यीशु चाहते हैं कि वे उन बाहरी लोगों को उसी प्रकार देखें जैसे यीशु देखते हैं। समाज से बहिष्कृत लोग अपने पिता के पास लौट रहे हैं। वे जिंदा हैं! परमेश्वर की दयालुता हर किसी की ज़रूरत पूरी कर दे इतनी मात्रा में है। उनका सब कुछ उन लोगों का है जिन्हें वे अपनी संतान कहते हैं। उनके साम्राज्य का आनंद लेने के लिए बस एक आवश्यकता है कि आप उसे विनयशील होकर प्राप्त करें।

Day 11Day 13

About this Plan

लूका और प्रेरितों के काम के माध्यम से एक यात्रा

दिनों में व्यक्तियों, छोटे समूहों और परिवारों को लूका और प्रेरितों के काम की पुस्तकों को शुरू से अंत तक पढ़ने के लिए प्रेरित करती है। यह योजना प्रतिभागियों को यीशु से सामना करने और लूका के शानदार साहित्यिक रचना और विचार के प्रवाह के साथ जुड़ने में मदद करने के लिए एनिमेटेड वीडियो और गहरी समझ वाले सारांश सम्मिलित करती है।

More