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हमारी पहचान का डीएनएSample

हमारी पहचान का डीएनए

DAY 4 OF 5

प्रेम करने को स्वतंत्र

अनुमान लगायें क्या गूगल में सबसे ज्यादा सर्च किया जाता है: नहीं, किम कर्दिअशियन या अलिया भट्ट का कॉफ़ी विद करण में इंटरव्यू नहीं है| यह तो बस: ‘प्यार क्या होता है’? प्यार के ऊपर बहस और कौन, क्या और कैसे ही सोशल मीडिया और प्रचलित संस्कृति का विषय है| चाहे आप उससे नफ़रत करो या फिर प्यार; आप प्यार के बिना नहीं जी सकते!

हमारा खुद का सर्च इंजन, बाइबिल, प्यार के विषय का सबसे उत्तम  शिक्षक है! परमेश्वर स्पष्ट रूप से ज़ोर देते हैं कि कैसे हमारी पहचान और प्यार एक ही सिक्के के दो पहलू है| सच्चाई यही है कि हम प्रेम के लिए और प्रेम करने के लिए बने हैं| आखिर में, हमारी पहचान प्रभु यीशु मसीह में ही आधारित है (हम किसके है)|

प्यार अहसास के बनने से पहले एक रिश्ते के बारे में है और यह सबसे पहले एक व्यक्ति के रूप में प्रकट हुआ (परमेश्वर प्रेम है: 1 यूहन्ना 4:8)! ज़क्कई की कहानी बहुत ही प्रभावशाली है जब हम देखते हैं कि यीशु ने अपने आपको उसके घर खाने का निमंत्रण दिया ताकि ज़क्कई जान ले कि उसे बिना शर्त के प्यार किया गया है| जल्द ही, जक्की सब कुछ सही करने को आनंद से राज़ी हो गया! संक्षिप्त में, परमेश्वर के साथ सामना हमें परमेश्वर से मिली हमारी  पहचान की ओर ले जाता है! हम बिना दोष और उदार के जीवन बिताने को आज़ाद है!

और आखिर में, प्यार बस हो जाता है! मसीह में हमारी पहचान हमें प्यार करने का सामर्थ प्रदान करता है| ‘हम उसके बनाये हुए हैं; और मसीह यीशु में भले कामों के लिए सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिए तैयार किया है’ (इफिसियों 2:10)| प्यार के अनुसार जीना जैसे 1 कुरिन्थियों 13 में, बताया है, असंभव नहीं जैसा दिखाई पड़ता है| हम परमेश्वर के स्वरुप में सृजे गए है, परमेश्वर के पुत्र और पुत्री के रूप में प्यार करना स्वाभाविक रूप से हमारी  असल पहचान के अनुसार है (जो प्रेम है)|

यह निमंत्रण कई हजार सालों से है और आज भी ऐसे ही निरंतर अडिग खड़ा है| कुछ क्षण ले| आगे बढ़ने से पहले, अपने आप को मसीह के प्रेम और उनकी उपस्थिति के द्वारा अपनी पहचान की पुष्टि होने दें| अब, आइये फिर से प्यार होने दें!

Day 3Day 5

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हमारी पहचान का डीएनए

जब हम शोर गुल और भटकाने वाली बातों से चारों और से घिरे हो, चाहे वो सोशल मीडिया, काम, दोस्त, मॉल या कोई बड़ी सेल हो, यह संभव है कि हम यह विचार करे कि हम कौन हैं| यह भक्ति पाठ आपको पीछे ले जायेगा जहाँ ये सब शुरू होता है और आप अपनी  सच्ची पहचान को परमेश्वर  के भय अनुसार बिताने पाएंगे|

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