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हमारी पहचान का डीएनएSample

हमारी पहचान का डीएनए

DAY 3 OF 5

बंधन नहीं रहा!

प्रतिदिन के जीवन में स्वतंत्रता और बंधन कैसे दिखते हैं? यीशु का जीवन, मृत्यु और पुनःरुत्थान सीधे ‘सत्य’ के बारे में डाउनलोड है| फिर भी, कई भिन्न विचार और मत से भरा हुआ हमारे जीवन में, ‘स्वतंत्र’ का अर्थ क्या है? इसके साथ हम समाज की अपेक्षा को पूरा करने और एक अच्छी प्रतिष्टा और बेहतरीन सामाजिक छवि बनाये रखने की मांग के सामने आसानी से घुटने टेक देते हैं| असफलता का भय और सामाजिक दबाव हमें बंधक मानसिकता की ओर ले जाती है, जहाँ हम अपनी परिस्थितियों को अपने दिल और मन पर काबू करने की अनुमति दे देते हैं|

लेकिन सबकुछ बदल जाता है जब हमें अहसास होता है कि हम कौन हैं और हम किसके है! हमारी पहचान फिर से बदलने लगती है जब हम परमेश्वर के अस्तित्व और सामर्थ को अंगीकार करते हैं और उनकी अगुवाई को अपने जीवन में स्थान देते हैं| सच्ची स्वतंत्रता का परमेश्वर से मिली पहचान में हम तब अच्छे से अनुभव कर सकते हैं जब हमें पता होता है कि यीशु ने हमें स्वतंत्र किया है| उससे भी बढ़कर, वे हमें इस स्वतंत्रता को दूसरों के साथ बांटने के लिए अभिषेक करते हैं!

परमेश्वर, प्रभु का आत्मा, मुझ पर है

क्योंकि परमेश्वर ने  मुझे अभिषेक किया है|

उन्होंने मुझे ग़रीबों  को सुसमाचार सुनाने,

टूटे ह्रदय को जोड़ने,

बंधकों को स्वतंत्रता की घोषणा करने के लिए भेजा है|

स्वतंत्रता में जीवन जीना आसान हो जाता है जब हम पवित्र आत्मा को अपने जीवन में अधिकार देते हैं| जैसे  बाइबल  कहती है, ‘जो परमेश्वर के आत्मा के चलाये चलते हैं, वे  परमेश्वर की  संतान हैं’| इस सत्य को अंगीकार करना ही मसीह की पहचान को समझने के आयाम को पूरी तरह से बदल देती हैं|

अपने आप से पूछे, क्या में बंधक मानसिकता में जी रहा हूँ? क्या मैंने मसीह की स्वतंत्रता को अपने जीवन के हर क्षेत्र में अनुभव करने की अनुमति दी है? और क्या मैंने असल में परमेश्वर की अगुवाई में एक उत्तराधिकारी के सामान जीना शुरू कर दिया है?

इन सभी सवालों का जवाब मिलना शुरू होता है जब हम अपने जीवन को सुसमाचार के नज़रिये से देखना शुरू करते हैं| सुसमाचार ही है जो सब कुछ बदल देता है और असल में मसीह स्वतंत्रता को अनुभव करने का मार्ग तैयार करता है!

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हमारी पहचान का डीएनए

जब हम शोर गुल और भटकाने वाली बातों से चारों और से घिरे हो, चाहे वो सोशल मीडिया, काम, दोस्त, मॉल या कोई बड़ी सेल हो, यह संभव है कि हम यह विचार करे कि हम कौन हैं| यह भक्ति पाठ आपको पीछे ले जायेगा जहाँ ये सब शुरू होता है और आप अपनी  सच्ची पहचान को परमेश्वर  के भय अनुसार बिताने पाएंगे|

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