सुखी/धन्यनमूना

अनुग्रह और करुणा
भजन संहिता 112 में वर्णित नेक आदमी का चित्रण एक ऐसे आदमी के रूप में किया गया है जो अनुग्रह और दया से भरा हुआ है. ये दो शक्तिशाली गुण यीशु की भी विशेषता हैं.
परमेश्वर का अनुग्रह बहुतायत में है पर अर्जित नहीं किया जा सकता है. यह एक मुफ्त उपहार है. कुछ लोग ये स्वीकार नही कर सकते की अनुग्रह ही काफी है - वे इसे अर्जित करने के लिए और भी बहुत कुछ करना चाहते हैं. लेकिन रोमियों 5:20-21 हमें बताता है:
"..किन्तु जहाँ पाप बढ़ा, वहाँ परमेश्वर का अनुग्रह और भी अधिक बढ़ा। ताकि जैसे मृत्यु के द्वारा पाप ने राज्य किया ठीक वैसे ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनन्त जीवन को लाने के लिये परमेश्वर की अनुग्रह धार्मिकता के द्वारा राज्य करे।"
आपने अपने जीवन में कुछ बड़ी गलतियाँ की होंगी, लेकिन परमेश्वर का अनुग्रह आपके पाप से बढ़कर है. आपको अपने जीवन को यीशु को सौंपने के निर्णय लेने से ज्यादा कुछ करने की ज़रुरत नहीं है, उससे क्षमा मांगें और उसकी अनर्जित कृपा और आशीष को ग्रहण करें.
करुणा परमेश्वर की एक और शक्तिशाली विशिष्टता है. हर बार जब यीशु करुणा से भर उठे तब तब कुछ शक्तिशाली घटित हुआ. "यीशु जब नाव से बाहर निकल कर किनारे पर आया तो उसने एक बड़ी भीड़ देखी। उसे उन पर दया आयी.." (मत्ती 14:14)
कठिन परिस्थितियों को झेलते समय, मानव स्वभाव आसानी से सहानुभूति की और खिंचा चला जाता है, जबकि सच्चाई ये है की हमेशा सहानुभूति की ज़रुरत नहीं होती. सहानुभूति समस्या या ठेस पहुचने से जनित होती है, लेकिन ये समस्या के समाधान पर केन्द्रित नहीं होता है, जो आपको आगे ले जाये.
करुणा, परमेश्वर के अनुग्रह के साथ मिलकर एक शक्तिशाली बल बन जाता है जो आपके जीवन के लिए परमेश्वर के उत्तर को सक्रिय करता है.
आपके जीवन का प्रभाव-क्षेत्र
आप कई बार गिरे होंगे, लेकिन परमेश्वर का अनुग्रह आपकी कमजोरी से बढ़कर है. अपने आसपास के लोगों के अन्दर की सहानुभूति को करुणा न समझें. उत्साहित हों और अपने जीवन के हरेक क्षेत्र के लिए परमेश्वर के उत्तर को खोजें. इस तरह से आप एक आशीषित जीवन जीने के लिए अग्रसर होंगे.
भजन संहिता 112 में वर्णित नेक आदमी का चित्रण एक ऐसे आदमी के रूप में किया गया है जो अनुग्रह और दया से भरा हुआ है. ये दो शक्तिशाली गुण यीशु की भी विशेषता हैं.
परमेश्वर का अनुग्रह बहुतायत में है पर अर्जित नहीं किया जा सकता है. यह एक मुफ्त उपहार है. कुछ लोग ये स्वीकार नही कर सकते की अनुग्रह ही काफी है - वे इसे अर्जित करने के लिए और भी बहुत कुछ करना चाहते हैं. लेकिन रोमियों 5:20-21 हमें बताता है:
"..किन्तु जहाँ पाप बढ़ा, वहाँ परमेश्वर का अनुग्रह और भी अधिक बढ़ा। ताकि जैसे मृत्यु के द्वारा पाप ने राज्य किया ठीक वैसे ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनन्त जीवन को लाने के लिये परमेश्वर की अनुग्रह धार्मिकता के द्वारा राज्य करे।"
आपने अपने जीवन में कुछ बड़ी गलतियाँ की होंगी, लेकिन परमेश्वर का अनुग्रह आपके पाप से बढ़कर है. आपको अपने जीवन को यीशु को सौंपने के निर्णय लेने से ज्यादा कुछ करने की ज़रुरत नहीं है, उससे क्षमा मांगें और उसकी अनर्जित कृपा और आशीष को ग्रहण करें.
करुणा परमेश्वर की एक और शक्तिशाली विशिष्टता है. हर बार जब यीशु करुणा से भर उठे तब तब कुछ शक्तिशाली घटित हुआ. "यीशु जब नाव से बाहर निकल कर किनारे पर आया तो उसने एक बड़ी भीड़ देखी। उसे उन पर दया आयी.." (मत्ती 14:14)
कठिन परिस्थितियों को झेलते समय, मानव स्वभाव आसानी से सहानुभूति की और खिंचा चला जाता है, जबकि सच्चाई ये है की हमेशा सहानुभूति की ज़रुरत नहीं होती. सहानुभूति समस्या या ठेस पहुचने से जनित होती है, लेकिन ये समस्या के समाधान पर केन्द्रित नहीं होता है, जो आपको आगे ले जाये.
करुणा, परमेश्वर के अनुग्रह के साथ मिलकर एक शक्तिशाली बल बन जाता है जो आपके जीवन के लिए परमेश्वर के उत्तर को सक्रिय करता है.
आपके जीवन का प्रभाव-क्षेत्र
आप कई बार गिरे होंगे, लेकिन परमेश्वर का अनुग्रह आपकी कमजोरी से बढ़कर है. अपने आसपास के लोगों के अन्दर की सहानुभूति को करुणा न समझें. उत्साहित हों और अपने जीवन के हरेक क्षेत्र के लिए परमेश्वर के उत्तर को खोजें. इस तरह से आप एक आशीषित जीवन जीने के लिए अग्रसर होंगे.
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में

एक सुखी/धन्य जीवन आप कैसे जीओगे? मेरा मानना है हर व्यक्ति को इस प्रश्न के उत्तर की लालसा है और खोज भी जारी है। बाइबिल में रंग बिरंगे विभिन्न चरित्रों की पंक्ति में, विशेष रूप से एक चरित्र है जिसे मैं बहुत सराहता/पसंद करता हूँ। उसका नाम तो नहीं दिया गया है, पर वह बाइबिल के सिद्धांतों के साथ रहता/जीता है। बाइबिल का मेरा हीरो धर्मी मनुष्य है जिसका वर्णन भजन 112 में किया गया है।
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इस योजना को उपलब्ध कराने के लिए, हम ब्रायन ह्यूस्टन और हिलसौंग का धन्यवाद करना चाहते हैं। और अधिक जानकारी के लिए, कृप्या:http://BrianCHouston.com पर जाएँ।