जीवन निर्वाह की कलानमूना
एक धर्मविज्ञान जिसको समझें
मैं एक बार रात्रि के भोजन के लिए हांगकांग में पास्टरों के एक समूह से मिला। एक घर की कलीसिया के पास्टर ने दूर होने की एक कहानी सुनाई जब कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों ने उनके घर पर छापा मारा जब उनकी कलीसिया इकट्ठा हो रही थी। उनकी पत्नी ने सबको बाहर जाने का निर्देश दिया। उसके बाद उस स्त्री ने अधिकारियों से कहा कि वह पास्टर है। वे उस स्त्री पुलिस स्टेशन ले गए और दो दिन तक उसे मारा।
मैं गुस्से पर काबू नहीं कर सका। मुझे किस प्रकार प्रतिउत्तर देना चाहिए यदि कोई मेरी पत्नी के साथ ऐसा करे? तब पास्टर ने यह कहते हुए अपनी कहानी का अंत किया, “क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि परमेश्वर हमें उसके लिए कष्ट सहने के योग्य समझेगा?”
हम दुख के प्रति कैसे प्रतिक्रिया देते हैं यह हमारे धर्मविज्ञान, परमेश्वर के स्वभाव के बारे में हमारे विचारों की रूपरेखा और परमेश्वर हमारे जीवन में क्या कर रहे हैंउसके बारे में कुछ कहता है। यदि हम हतोत्साहित हैं, शायद हमारे पास गलत दृष्टिकोण है।
हतोत्साहन शत्रु के सबसे बड़े उपकरणों में से एक है। यह हमारे आत्मविश्वास को कम कर सकता है और हमें निराश कर सकता है, जैसे कुछ भी कभी नहीं बदलेगा। प्रयास करने का क्या अर्थ है? इस तरह की मनोस्थिति समझौता करती है और हार मानना हमारे सबसे उचित विकल्प की तरह लगता है।
किन्तु परमेश्वर एक अलग धर्मविज्ञान के साथ हमें प्रदान करते हैं—एक ईश्वरीय दृष्टिकोण, कि वह हमसे कितना प्रेम करते हैं और हमारे भविष्य को अपने हाथों में रखते हैं। जब यह दृष्टिकोण पूर्ण रूप से समझ में आता है, हतोत्साहन अपनी शक्ति खो देता है।
क्या आज आप हतोत्साहित हैं? परमेश्वर के दृष्टिकोण को प्राप्त करें, उनका धर्मविज्ञान इस बारे में:
·आपकी परिस्थिति:
विश्वास की आँखों से आपकी परिस्थिति को देखें। वे आपको परमेश्वर पर निर्भर रहने की स्थिति में रखती हैं, जो अब और अनंत काल के लिए एक अमूल्य निपुणता है।
·आपका भविष्य:
आशा की आँखों से आपके भविष्य को देखें। यदि आप यीशु में एक विश्वासी हैं, आप कभी भी ऐसी दर्दनाक परिस्थितियों से नहीं गुजरेंगे जो महत्व न रखती हों।
·आपकी अभिप्रेरणा:
जीवन के मुकुट का वायदा उनसे किया गया है जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं, और वह अति महत्वपूर्ण उद्देश्य अनंत काल में हमारी दृष्टि को स्थिर करता है। हम किसी भी बात पर जय पा सकते हैं जब हम इसे प्रेम के लिए करते हैं।
आज, याकूब की पुस्तक से वचन मनन करें और निडरतापूर्वक परमेश्वर से उसके संसाधनों को माँगें।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
इस संसार में जीवन परीक्षाओं से भरा है।इस समय आप इन में से किसी एक के मध्य हो सकते हो और पूछ सकते हो,“क्यों?”या फिर“मैं इससे किस प्रकार बच पाऊँगा?”याकूब की पुस्तक के पास उत्तर है!इस पाँच दिन की अध्ययन योजना में,चिप इनग्राम बताते हैं कि जीवन-निर्वाह की कला में निपुण होने के द्वारा आप कठिन क्षणों के मध्य में किस प्रकार परमेश्वर के आनंद का अनुभव कर सकते हैं।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए लिविंग ऑन द एज को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://livingontheedge.org/product/art-of-survival-book/