आत्मा विषहरणनमूना

इब्रानियों ३ हमें अपने विचारों को यीशु पर केंद्रित करने ले लिए उत्साहित करता है; यद्यपि, बहुत सी बुरी/विषाक्त बातों की वजह से, जो हमारे आस-पास होतीं हैं, यह बहुत कठिन है, यह बातें हमारे विचारों को जकड़े रहतीं है,और हमारा ध्यान यीशु से दूर ले जातीं हैं। इन तमाम बुरी बातों से हमारे विचार बहुत आसानी से प्रभावित हो जातें हैं, जो हमारे संबंधों और शब्दों को भी प्रभावित करतें हैं। उन सब बुरी बातों को रोकने तथा अपने जीवन से अलग/हटाने का प्रयास करें, तथा उसके स्थान पर अपने विचारों को यीशु की ओर केंद्रित करें। अपने जीवन से वो समस्त विषैले/बुरे विचारों या बुरी कल्पनाओं को अलग करना तथा यीशु पर अपना ध्यान लगाना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
बुरी कल्पनाओं/विचारों के बदले जब आप अपने विचारों को उन बातों की ओर, जो सत्य तथा अच्छी हैं, लगाते हो तो आपका जीवन किन मायनों में या किस तरह से अलग होता है?
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में

हम एक आत्मा के साथ एक देह नहीं हैं। हम एक देह के साथ एक आत्मा हैं। जबकि संसार हमें अपनी देहों को विषमुक्त करने के बारे में सिखाता है, पर कभी कभी हमें अपनी आत्मा को भी विषमुक्त करना चाहिए। आपकी आत्मा में से किस चीज़ के छोटे टुकड़े अलग हो रहें हैं, तथा जैसा इंसान बनने के लिए, परमेश्वर ने आपकी रचना की थी, वैसा बनने में क्या बाधाएं आपके रास्ते में आ रहीं हैं, इन सब बातों को पहचानने में यह ३५ दिन की योजना आपकी सहायता करेगी। परमेश्वर के वचन में से आप सीखोगे कि कैसे इन हानिकारक प्रभावों को आप निष्फल/असफ़ल कर सकते हो, और अपनी आत्मा ले लिए पवित्र जीवन को अ पना सकते हो।
More
यह पाठक योजना Pastor Craig Groeschel और LifeChurch.tv के द्वारा निर्मित किया गया हैं। कुछ और जानकारी के लिय: www.lifechurch.tv