गलत सोच से हटते हुए उपवास करनानमूना

गलत सोच से हटते हुए उपवास करना

दिन 38 का 40

दिन 38

“परमेश्वर इसे क्यों नहीं रोक रहा है?”

आज हम उस दवचार से हटने का उपवास कर रहे हैं जो कहता है, “पर्रेश्वर इसरे क्यों नहीं रोक रहा है?”

यह सोच इस बात की गलत िारणा में दनदहत है दक सब कु छ परमेश्वर के दनयनत्ण में है। मुझे गलत मत समदझए: उसने जब इस संसार को बनाया तब सब कु छ उसके दनयनत्ण में रा, परनतु उसने सृदटि पर मानव जादत को; और दिर, एक और बार, मसीह में, नई सृदटि के रूप में बहुत अदिकार दिए। हमें उन बातों को रोकने के दलए परमेश्वर की प्रतीषिा करना बनि करना होगा दजसे रोकने की सामरय्त उसने हमें िी है। यीरु ने कहा: जो कु छ हम पृरवी पर बाँिते हैं वह सवग्त में बँि जाता है।

आइए आज हम इसे बिलें

1. आपको जीवन में अधि कार है। स्म रण रखें, यीशु ने हमें शत्रु पर पूरी सामर्थ्य ्थ्य दी है (लूका 10:19)। शत्रु अर्था ्थात शैतान, आपको अपने अधिकार के प्रति अन्धा करना चाहता है ताकि आपके जीवन में जो कुछ भी होता है, आप उसे स्वी कार करें; या इसके बारे में कुछ करने के लि ए परमेश्वर की प्रतीक्षा करें। अपने परमेश्वर द्वा रा दिए अधिकार को परमेश्वर की सन्ता न के रूप में जगाएँ।

2. शासन करना आरम्भ करें, और आप शि कायत बन्द कर दें। “अनुग्र ह और धर्म रूपी वरदान की बहुतायत से हम जीवन में शासन करते हैं” (रोमि यों 5:17) जब आप अनुग्र ह और धार्मि र्मिकता - और परमेश्वर द्वा रा आपको दिए अधिकार– के प्रति जाग जाएँगे, तो आप पीड़ि त की तरह सोचना और महसूस करना बन्द कर देंगे।

3. परमे मेश्वर प्रत्ये ्येक अच्छा उपहार देता है। (याकूब 1:17) परमेश्वर अच्छा है, और शैतान बुरा है। वह परमेश्वर नहीं, शैतान ही था जो अय्यू ्यूब को पीड़ा दे रहा था। परन्तु ्तु परमेश्वर ने हमें शैतान का वि रोध करने, और परमेश्वर द्वा रा हमें दिए अधिकार और गंतव्य में चलने की सामर्थ्य ्थ्य दी है।

4. परमे मेश्वर हमें शिक्षा देने के लि ए तूफानों नहीं भेजता। जीवन तूफानों को लाता है। परन्तु ्तु परमेश्वर आश्र य लाता है। परमेश्वर हमारे आश्रय का स्रो त है, तूफान का स्रो त नहीं। यशायाह 25: 4 कहता है, “... तू संकट के दिनो के लि ए गढ़ हैं... ।”

5. जीवन के तूफानों के आने से पहले सही बीजों को लगाएँ। (मरकुस 4: 26-35) यीशु ने अपने शि ष्य ों को परमेश्वर के वचन के बीज बोना सि खाया। फि र, वह नाव में गया और तूफान आ गया। उनमें तूफान को रोकने की सामर्थ्य ्थ्य थी। बस वे यह जानते नहीं थे।

6. आप यीशु की तरह हैं! जी हाँ, शि ष्य ों ने यीशु को जगाया और उसने तूफान को रोक दिया, परन्तु ्तु 1 यहुन्ना 4:17 हमें बताता है, कि जैसा वह है, वैसे ही हम भी हैं। उसने आपको उसका वचन, उसका नाम और उसका अधिकार दिया है। आप नरक की उस सामर्थ्य ्थ्य को रोक सकते हैं जो आपके वि रूद्ध आती हैं।

7. बुद्धिम ानी तूफान से अधि क सामर् थी है। और बुद्धि मान अपने घर का निर्मा निर्माण - अपने जीवन का निर्मा निर्माण - परमेश्वर के वचन पर करते हैं। जब आपका जीवन परमेश्वर के वचन के ज्ञा न पर बना होगा तो यह बात कोई मायने नहीं रखती कि जीवन या शत्रु आपको कि स संकट में डालते हैं, आप स्थि र खड़े ड़े होंगे।

इसे सोचें और इसे कहें

मैं यीशु के साथ सहमत हूँ और जीवन के तूफानों पर और शत्रु की सारी सामर्थ्य ्थ्य पर अपने अधिकार को स्वी कार करता हूँ। अनुग्र ह की प्रचुरता और धार्मि र्मिकता के उपहार के माध्य म से, मैं जीवन पर शासन करता हूँ। मुझ में जीवन के तूफानों के बीच शान्ति की घोषणा करने की सामर्थ्य ्थ्य है। मैं वचन के अनुसार कार्य र्य करके बुद्धि में चलता हूँ, और मैं यीशु के नाम से स्थिति से ऊपर उठता हूँ!

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इस योजना के बारें में

गलत सोच से हटते हुए उपवास करना

यह भोजन से "तेज" नहीं है, यह 40 नकारात्मक विचारों से उपवास है जो आपको संकट, चिंता, उदासी, दर्द, अवसाद और चोट पहुंचा रहे हैं - और वे विचार जो आपको मार रहे हैं - और आपको वास्तविक अनुभव करने से रोक रखा है यीशु। हजारों लोगों ने गलत सोच से उपवास का अनुभव किया है। यह आपके जीवन को बदल देगा।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए ग्रेगरी डिको मंत्रालयों को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://gregorydickow.com