गलत सोच से हटते हुए उपवास करनानमूना

गलत सोच से हटते हुए उपवास करना

दिन 27 का 40

दिन 27

“मैं अके ला महसूस कर रहा हूँ।”

मरकु स 4 में, जब दरषय नाव पर सवार होकर झील को पार करने की प्रयास कर रहे रे, तब उनकी नाव तूिान में दघर गई और वे भयभीत हो गए। अपने प्राण बचाने के दलए वे पानी को बाहर दनकालने लगे। क्या आप कभी तूिान में िँ से हैं? पानी आपसे टकराता है। आप असहाय महसूस करते हैं। आप अके ला महसूस करते हैं। आप रोते हैं, “परमेश्वर, आप कहाँ है? क्या आपको परवाह नहीं?”

दरषय अपने तूिान के बीच में एक छोटे सी बात को भूल गए: यीरु नाव में उनके सार रा। उसकी उपदसरदत से बड़ा कु छ भी नहीं रा!

आइए उस दवचार को िूर करें जो कहता है, “्ैं अकरे ला ्हसूस कर रहा हूँ। मेरी आवशयकता के समय परमेश्वर कहाँ होता है?”

आइए आज हम इसे बिलें

1. वह आपकरे साथ नाव ्ें है! मरकु स 4:36-40 में, यीरु नाव में सो रहा रा। दकसी ने मुझसे एक बार पूछा, “यदि यीरु दकसी तूिान के बीच हमारी नाव में सो रहा हो, तो हम उसे दकस तरह से जगाएँ?” मैंने कहा, “आप उसे नहीं जगाते। आप उसके सार दवश्ाम करते हैं!” यदि वह दचदनतत नहीं है, तो आपको दचनता करने की कोई आवशयकता नहीं है। उसकी उपडसथडत ने तूिान को रानत कर दिया, िीक वैसे ही वह अब करेगा।

2. डशष्यों करे डलए ्यीशु को जगानरे की कोई आवश्यकता नहीं थी। उनहें इस तरय को जगाने की आवशयकता री दक परमेश्वर उनके सार है। जब आप जानते हैं दक वह आपके सार है, तो िरने की कोई बात नहीं होती है। भजन 23:4 कहता है, “चाहे मैं घोर अनिकार से भरी हुई तराई में होकर चलँू, तौभी हाडन सरे न ि ँरूगा, क्योंदक तू मेरे सार रहता है!”

3. बड़ा आश््य्तक््त: ्यीशु नरे तूफान को शानत डक्या। ्हानत् आश््य्तक््त = ्यीशु तूफान करे बीि सो्या हुआ था। जब आपको एहसास होगा दक वह आपके सार आपकी नाव में है, तो आपको अलौदकक रादनत दमलेगी। तूिान को रानत करना बड़ी बात है; परनतु उसके बीच रादनत का होना अदिक बड़ी बात है!

4. आपकरे जीवन ्ें लगी आग को पर्रेश्वर की अनुपडसथडत स्झनरे की गलती न करें। िादनययेल 3:22-25 में, ररिक, मेरक और अबेिनगो के सार आग में उपदसरत चौरा वयदति, यीरु ही रा। वह आग के बीच में उपदसरत रा। यदि आप उसकी उपदसरदत को महसूस नहीं कर सकते, तो इसका अर्त यह नहीं है दक वह वहाँ उपदसरत नहीं है। डवश्वास करें डक वह आपकरे साथ है, और अनत में आपकी पररदसरदत, उसकी उपडसथडत को ्हसूस कराएगी!

5. भजन 91:10 कहता है, “इसडल्यरे कोई डवपडत्त तुझ पर न पड़रेगी, न कोई दु:ख तरेररे िरेररे करे डनकट आएगा।” अगला वचन कहता है, “क्योंदक वह अपने िूतों को तेरे दनदमत्त आज्ा िेगा, दक जहाँ कहीं तू जाए वे तेरी रषिा करें।” हमारे जीवन में कई िूत सममदलत हैं, परनतु यह उसकरे सवग्तदूतों के बारे में बात कर रहा है। पुराने दनयम का “सवग्तिूत” सवयं यीरु मसीह है। वह प्रभु हैं; इसदलए हमारे दवषय में उसको धयान है!

इसे सोचें और इसे कहें

मैं परमेश्वर की उपदसरदत में जाने की प्रयास नहीं कर रहा हूँ; मैं पहले से ही यीरु के लहू के द्ारा, परमेश्वर की उपदसरदत में हूँ। वह मेरे सार मेरी नाव में है। वह “कहीं बाहर” नहीं है। वह अभी “यहाँ” है - मेरे सार और मुझमें!

मैं इस तरय के प्रदत सचेत हूँ दक वह मेरे सार है। यहाँ कोई अलगाव नहीं है। मैं उसके सार दकसी भी तूिान के बीच में दवश्ाम कर सकता हूँ। मैं उसके सार आग के बीच में से चल सकता हूँ।

मैं दनिर हूँ क्योंदक वह मेरे सार हैं। इसदलए यीरु के नाम से कोई भी बुराई, और कोई भी दवपदत्त मेरे दनवास सरान— मेरी कलीदसया, मेरे घर, मेरे ररीर या मेरे पास नहीं आएगी!

दिन 26दिन 28

इस योजना के बारें में

गलत सोच से हटते हुए उपवास करना

यह भोजन से "तेज" नहीं है, यह 40 नकारात्मक विचारों से उपवास है जो आपको संकट, चिंता, उदासी, दर्द, अवसाद और चोट पहुंचा रहे हैं - और वे विचार जो आपको मार रहे हैं - और आपको वास्तविक अनुभव करने से रोक रखा है यीशु। हजारों लोगों ने गलत सोच से उपवास का अनुभव किया है। यह आपके जीवन को बदल देगा।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए ग्रेगरी डिको मंत्रालयों को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://gregorydickow.com