गलत सोच से हटते हुए उपवास करनानमूना

गलत सोच से हटते हुए उपवास करना

दिन 32 का 40

दिन 32

“मैं इस नुकसान से कै से उभर सकता हूँ?”

हम सब ने दकसी न दकसी समय पर कु छ खोया है। यदि यह पैसा नहीं, तो यह समय, समबनि, अवसर, रादनत या आशा हो सकती है। िीक है, आज हम इसे वापस पाना आरमभ करते हैं!

आज हम इस दवचार से हटने का उपवास कर रहे हैं दक “्ैं इस नुकसान सरे कै सरे उभर सकता हूँ?”

आइए आज हम इसे बिलें

1. इस डविार को अपनरे ्न ्ें आनरे दें: पर्रेश्वर पुनःसथाडपत करनरे वाला पर्रेश्वर है। योएल 2:25-26 कहता है, “मैं उसकी हादन को भर िँूगा।” चाहे वह खोए हुए वष्त हो, खोए हुए अवसर हों, खोया हुए दवत्त हों, बुरे दनण्तय हों, या िूसरों के द्ारा आपको पहुँचाया गया नुकसान ही क्यों न हो —परमेश्वर पुनःसरादपत कर िेगा। वह पुनःसथाडपत करनरे वाला पर्रेश्वर है।

2. स्झौतरे की ्ानडसकता को दूि कि दें। हमें समझौते से इनकार करना चादहए। िस कु ष्ठ रोदगयों ने अपने कु ष्ठ रोग के सार समझौता नहीं दकया। वे यीरु के आगे पुकार उिे। िुटिातमाग्सत पुत्ी की माँ ने अपनी पुत्ी की पररदसरदत से समझौता नहीं दकया (मत्ती 15:22)। बरदतमाई ने अंिेपन से समझौता नहीं दकया। वह तब तक नहीं रुका जब तक दक उसने अपनी दृदटि वापस नहीं पा ली। जैसे चल रहा है उस दसरदत के सार समझौता करने से इनकार करें।

3. यह जानें डक पर्रेश्वर िाहता हैं डक आप उसकरे पास जाएँ और उससरे अपना न्या्य करनरे को कहें। लूका 18 में, अिमषी नयायािीर ने उस दविवा की दृढता के कारण उसका नयाय दकया। तो दिर सोचें दक हमारा नयायी और प्रेमी परमेश्वर अपनी सनतान का नयाय क्यों न करेगा!

4. पर्रेश्वर की सभी प्रडतज्ाएँ ्ें ‘हाँ’ हैं। उसने पुनःसरादपत करने और वापस िेने का प्रदतज्ा दकया है – इसदलए आज ही उससे उनकी माँग करें। परमेश्वर आपसे अदिक इस बात को चाहता है दक आप उस खोए हुए को वापस पाएँ। इस बात पर भरोसा करें।

5. प्रडतज्ा पर डवश्वास करें: जो िोर नरे िुरा्या है उसरे उसका सात गुना िुकाना होगा। रैतान चोर है। और यीरु ने उसे हरा दिया है। उसने हमें रैतान पर अदिकार दिया है। आपको अपना सामान वापस पाने का अदिकार है। यीरु ने इसके दलए भुगतान कर दिया है। आपके जीवन में जो भी अचछी चीज खो गई है, वह वापस आ रही है।

6. आपकरे जीवन ्ें सूखी हि्डि्यों करे ऊपर भडवष्यद्ाणी करें। जो कु छ खो गया है उससे बात करें और उसे वापस आने की आज्ा िे। अपने रबिों का प्रयोग करें।अययूब 22:28 कहता है, “जो बात तू िाने वह तुझ से बन भी पड़ेगी।”

7. पुन: प्राडप्त की अपरेषिा करें! “तू दनश्चय उसको पकड़ेगा, और दन:सनिेह सब कु छ छु ड़ा लाएगा” (1 रमूएल 30:8)। हमारे जीवन में जो कु छ भी खो गया है उसे पुनःसरादपत करना और पुन: प्राप्त करना एक ईश्वरीय प्रदतज्ा है। आज ही उस पर ज़ोर िें।

इसे सोचें और इसे कहें

मैंने अपने जीवन में जो कु छ खोया है उसे मैं वापस पाउँगा। मैं अपने खोए हुए समबनिों, खोए हुए िन, खोई हुई आराओं और खोए हुए अवसरों के पुनःसरादपत होने की अपेषिा करता हूँ। मैं नुकसान और कमी से समझौता नहीं क ँरूगा। परमेश्वर मेरा नयाय करेगा। वह जो मुझसे चुराया गया है, उसे पुनःसरादपत करेगा। मैं उससे माँगता हूँ और उससे यह अपेषिा करता हूँ दक वह मेरे जीवन में जो कु छ खोया है उसे पुनःसरादपत करेगा। जो कु छ मुझसे दलया गया है, मैं यीरु के नाम से उसका सात गुना वापस माँगता हूँ।

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इस योजना के बारें में

गलत सोच से हटते हुए उपवास करना

यह भोजन से "तेज" नहीं है, यह 40 नकारात्मक विचारों से उपवास है जो आपको संकट, चिंता, उदासी, दर्द, अवसाद और चोट पहुंचा रहे हैं - और वे विचार जो आपको मार रहे हैं - और आपको वास्तविक अनुभव करने से रोक रखा है यीशु। हजारों लोगों ने गलत सोच से उपवास का अनुभव किया है। यह आपके जीवन को बदल देगा।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए ग्रेगरी डिको मंत्रालयों को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: https://gregorydickow.com