अनमोल समय...अनंतता के महत्वपूर्ण पलनमूना
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उपवास के प्रतिफल
उपवास एक सामर्थी हथियार है। मैं विश्वास करता हूं कि जब हम उपवास रखते हैं, तो हम परमेश्वर के चेहरे को खोजते हैं और परमेश्वर की उपस्थिति हमें आनंद के तेल से अभिशिक्त करता है। इस प्रक्रिया में, दूसरों के सामने हम जिस मुखौटे को पहने हुए होते हैं, वह धुल जाता है। हम मनुश्य के सामने एक अलग चेहरा लगाने में सक्षम होते हैं लेकिन परमेश्वर का आत्मा हमारे अंदर बाहर सब जानता है।
उपवास के दौरान, हम अपनी कमजोरियों और कमियों के प्रति जागरूक होते हैं, और पिता के सामने मन फिराने के काबिल होते हैं। दूसरों के लिए, विशेषकर हमारे आस पास की खोई हुई दुनिया के लिए प्रार्थना करना, यह पिता परमेश्वर के हृदय को छूता है और हमें प्रतिफल देता है। यशायाह 61:1 कहता है, ‘‘प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूं कि बंधुओं के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूं।
इस अभिशेक के साथ, परमेश्वर का राज्य हमारी प्रार्थना का लक्ष्य बन जाता है; न कि मैं, मेरा और मुझे! हम अपने प्रियजनों, पड़ोसियों और मित्रों के लिए बिचवई करते हुए मध्य स्थान में खड़े हैं। क्या महान अभिशेक है! कल्पना कीजिए कि जब हम प्रार्थना करते हैं, तब परमेश्वर जंजीरों को तोड़ डालते हैं और लोगों को आज़ाद करते हैं। वह टूटे हुए लोगों को सांत्वना देते है, चंगाईयां होने लगती है, भीड़ उन प्रार्थना सभाओं में खिंचे चले आते हैं, सुसमाचार फैलता है और साथ ही इस पृथ्वी पर परमेश्वर के राज्य की बढ़ोतरी और स्थापना होती है जैसा कि यह स्वर्ग में है। ज़रा इस बात पर विचार करें कि अगर हम सही मनोभाव और चेहरे के साथ उपवास नहीं रखते तो क्या होगा। सब कुछ व्यर्थ हो जाएगा!
प्रार्थना
हे पिता, मैं प्रार्थना करता हूं कि आपके साथ के रिश्ते में मैं पारदर्शी बनूं। मैं केवल मनुष्य को प्रसन्न करने वाला नहीं, बल्कि परमेश्वर को ढूंढनेवाला बनूं। मुझे आपका चेहरा निहारने दें; ऐसा करने से, आप अपनी पवित्र इच्छा को मुझ पर प्रगट करेंगे; ताकि अब्राहम की तरह, मैं भी पूरी दुनिया के उद्धार के लिए बिचवई कर सकूं। आमीन्।
पवित्र शास्त्र
इस योजना के बारें में
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प्रतिदिन के मनन को पढ़िए और पवित्रशास्त्र की आयतों का मनन कीजिए। एक जीवन परिवर्तित करने वाली गवाही या परमेश्वर के अलौकिक सामर्थ के प्रदर्शन को पढ़ने के बाद कुछ समय के लिए रूकें। अंत में दी गई प्रार्थना या घोषणा के अर्थ को समझते हुए उसे दोहराएं। इस बात को जानें कि परमेश्वर के जिस प्रेम और सामर्थ को लेखकों ने अनुभव किया था, वह आपका भी हो सकता है।
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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ चर्च - बांद्रा को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें:
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