अनमोल समय...अनंतता के महत्वपूर्ण पलनमूना

अनमोल समय...अनंतता के महत्वपूर्ण पल

दिन 20 का 20

  


परमेश्वर की ओर से हमारा प्रतिफल

स्वर्ग का राज्य किसी गृहस्थ के समान है... 

परमेश्वर की उदारता कई विभिन्न तरीके से प्रगट होती है। इस दुनिया में, हम कई बेईमान लोगों को देखते हैं जो अक्सर अपने कर्मचारियों की मेहनत को चुराते हुए अपने फायदे के लिए पूरी प्रक्रिया में हेरा-फेरी करते हैं। जब विश्वासी लोग ऐसे लोगों को सफल होते हुए देखते हैं, तो उन्हें ऐसा महसूस होता है कि परमेश्वर अपनी उदारता में पक्षपात करते हैं। कुछ विश्वासी दूसरों की तुलना में परमेश्वर की समृद्धि, करूणा और अनुग्रह के वायदे का आनंद उठाते हैं। वे सोचते हैं कि क्यूं कलीसिया नियमित रूप से ऐसे लोगों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां और पद देती है, जबकि ऐसा नहीं लगता कि वे परमेश्वर के वचन को अच्छी तरह से जानते हैं या अच्छी तरह प्रार्थना करते हैं या परमेश्वर की सेवा वैसी करते हैं जैसा मैं करता/करती हूं?

मत्ती 20:1-15 के दृष्टांत में, दाख की बारी में काम करने वाले कुछ मजदूरों में से कुछ मजदूर, कुछ मुद्दों पर अपना एतराज़ जता रहे थे। क्या हम भी ऐसा ही महसूस करते हैं? शायद कलीसिया में कई वर्षों तक सेवा करने के बाद, हम अपने आप को मूल्यहीन या तिरस्कृत महसूस करते हैं। उन सभी वरदानों और प्रतिभाओं के साथ जो हमें मिला है, और उस कड़ी मेहनत की मात्रा जो हमने चुपचाप रहते हुए इतने सालों में की, फिर भी ऐसा लगता है कि अगुवे केवल युवाओं के समूह को ही महत्व देते हैं। वे सभी पहचान और प्रशंसा को पाते हैं जबकि हम एक छोटी सी सराहना के शब्द सुनने को तरस जाते हैं। कोई भी अब हमारी परवाह नहीं करता!

स्वाभाविक रूप से ऐसी भावनाओं को समझा जा सकता है, फिर भी बाइबल हमसे कहती है कि परमेश्वर के साथ चलने के हमारे मनोभाव को हमें बिल्कुल अलग तरह से देखना चाहिए। पौलुस कहता है, ‘‘पर जैसा परमेश्वर ने हमें योग्य ठहराकर सुसमाचार सौंपा, हम वैसा ही वर्णन करते हैं और इस में मनुष्यों को नहीं, परन्तु परमेश्वर को, जो हमारे मनों को जांचता है, प्रसन्न करते हैं” (1 थिस्सलुनीकियों 2:4)।

हमारा जीवन परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए समर्पित है, न कि किसी मनुष्य को। मसीह के साथ संगी-वारिस होने के नाते, हमें परमेश्वर पिता के संतानों के रूप में पहचान मिली है, जो राजाओं का राजा और इस समस्त ब्रह्मांड का सृष्टिकर्ता है! हम जानते हैं कि इस दुनिया में हमारा समय काफी सीमित है और हम सब इस ग्रह में अस्थायी नागरिक हैं। हम केवल इसी लिए जी रहे हैं और काम करते हैं ताकि यीशु, हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता के साथ उस अनंत जीवन में वास करें।

प्रार्थना 

हे स्वर्गीय पिता, यीशु में मेरी पहचान को समझने में मेरी मदद कीजिए और मेरा जीवन किसी मनुष्य के द्वारा पहचान पाने में न लगे, लेकिन उन अनंत आशीषों के बारे में लगे जो आपके साथ एक रिश्ते से आती है - अर्थात् उद्धार, शांति, आनंद, चंगाई, समृद्धि, सुरक्षा और बहुत कुछ। आमीन्।


पवित्र शास्त्र

दिन 19

इस योजना के बारें में

अनमोल समय...अनंतता के महत्वपूर्ण पल

प्रतिदिन के मनन को पढ़िए और पवित्रशास्त्र की आयतों का मनन कीजिए। एक जीवन परिवर्तित करने वाली गवाही या परमेश्वर के अलौकिक सामर्थ के प्रदर्शन को पढ़ने के बाद कुछ समय के लिए रूकें। अंत में दी गई प्रार्थना या घोषणा के अर्थ को समझते हुए उसे दोहराएं। इस बात को जानें कि परमेश्वर के जिस प्रेम और सामर्थ को लेखकों ने अनुभव किया था, वह आपका भी हो सकता है।

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हम इस योजना को प्रदान करने के लिए न्यू लाइफ चर्च - बांद्रा को धन्यवाद देना चाहते हैं। अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें:
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